INDW vs AUSW: आंकड़े बेहद खराब?, 47 साल में केवल 3 बार मात, टीम इंडिया के सामने 7 बार की चैम्पियन ऑस्ट्रेलियाई टीम, क्या विशाखापत्तनम में टूटेगा रिकॉर्ड

INDW vs AUSW ICC Women's World Cup: नौ बार आस्ट्रेलिया (1978, 1982 में दो मैच, 1993, 1997, 2000, 2005, 2017 ,2022) ने जीत दर्ज की है, जबकि भारत तीन बार (2009 में दो बार और 2017) ही जीत सका है।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 11, 2025 10:37 IST2025-10-11T10:35:17+5:302025-10-11T10:37:09+5:30

INDW vs AUSW ICC Women's World Cup live Only 3 defeats in 47 years Statistics very bad Team India faces 7-time champion Australian record broken Visakhapatnam | INDW vs AUSW: आंकड़े बेहद खराब?, 47 साल में केवल 3 बार मात, टीम इंडिया के सामने 7 बार की चैम्पियन ऑस्ट्रेलियाई टीम, क्या विशाखापत्तनम में टूटेगा रिकॉर्ड

INDW vs AUSW ICC Women's World Cup

HighlightsINDW vs AUSW ICC Women's World Cup: भारतीय टीम की सबसे बड़ी जीत इंग्लैंड में 2017 में सेमीफाइनल में रही।INDW vs AUSW ICC Women's World Cup: झूलन और प्रियंका रॉय के दो दो विकेट की मदद से भारत ने तीन विकेट से जीत दर्ज की।INDW vs AUSW ICC Women's World Cup: महिला वनडे विश्व कप की शुरुआत यूं तो 1973 में हुई लेकिन भारत ने पदार्पण 1978 में किया।

विशाखापत्तनमः भारतीय टीम महिला वनडे विश्व कप में पदार्पण के बाद से पिछले 47 साल में सात बार की चैम्पियन ऑस्ट्रेलियाई टीम को महज तीन बार हरा सकी है और आखिरी बार 2017 में इंग्लैंड में हुए टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में मिली जीत की सूत्रधार 171 रन बनाने वाली हरमनप्रीत कौर थी, जिनका बल्ला इस बार अभी तक खामोश है। भारत और आस्ट्रेलिया के बीच एक दिवसीय महिला विश्व कप में अब तक बारह मुकाबले खेले गए हैं. जिनमे से नौ बार आस्ट्रेलिया (1978, 1982 में दो मैच, 1993, 1997, 2000, 2005, 2017 ,2022) ने जीत दर्ज की है, जबकि भारत तीन बार (2009 में दो बार और 2017) ही जीत सका है। विश्व कप में आस्ट्रेलिया पर पहली जीत के लिये इकतीस साल तक इंतजार करने वाली भारतीय टीम की सबसे बड़ी जीत इंग्लैंड में 2017 में सेमीफाइनल में रही।

INDW vs AUSW ICC Women's World Cup: टीमें-

भारत: हरमनप्रीत कौर (कप्तान), स्मृति मंधाना, प्रतिका रावल, हरलीन देयोल, जेमिमा रौड्रिग्स, रिचा घोष, उमा छेत्री, रेणुका सिंह ठाकुर, दीप्ति शर्मा, स्नेह राणा, श्री चरणी, राधा यादव, अमनजोत कौर, अरूंधति रेड्डी, क्रांति गौड।

ऑस्ट्रेलिया: एलिसा हीली (कप्तान), डार्सी ब्राउन, एश्ले गार्डनर, किम गार्थ, हीथर ग्राहम, एलेना किंग, फीबी लिचफील्ड, ताहलिया मैकग्रा, सोफी मोलिन्यु, बेथ मूनी, एलिसे पेरी, मेगान शूट , अनाबेल सदरलैंड, जॉर्जिया वोल और जॉर्जिया वेयरहैम।

INDW vs AUSW ICC Women's World Cup: मैच का समय-दोपहर तीन बजे से।

आस्ट्रेलिया ने ग्रुप चरण में मेग लानिंग (76) और एलिसे पैरी (दो विकेट) के प्रदर्शन के दम पर पूनम राउत के शतक को बेकार करते हुए भारत को आठ विकेट से हराया। भारत ने सेमीफाइनल में सारे बदले चुकता करते हुए आस्ट्रेलिया को 36 रन से मात दी और जीत की सूत्रधार रही मौजूदा कप्तान हरमनप्रीत और स्पिनर दीप्ति शर्मा।

हरमनप्रीत के 115 गेंद में 171 रन की मदद से भारत ने 42 ओवर में चार विकेट पर 281 रन बनाये ।जवाब में आस्ट्रेलियाई टीम 40 . 1 ओवर में 245 रन पर आउट हो गई जिसमें दीप्ति ने तीन विकेट चटकाये । फाइनल में इंग्लैंड ने भारत को नौ रन से हराया । भारतीय महिला टीम ने पहली बार विश्व कप में आस्ट्रेलिया को 2009 में हराया और वह भी उसकी ही धरती पर ।

पहले सुपर सिक्स चरण में और फिर तीसरे स्थान के मुकाबले में । अंजुम चोपड़ा ने सुपर सिक्स मैच में 137 गेंद में 76 रन बनाये जबकि गौहर सुल्ताना और रीमा मल्होत्रा ने दो दो विकेट लिये । इसके बाद तीसरे स्थान के प्लेआफ मुकाबले में भी सिडनी में भारत ने आस्ट्रेलिया का तिलिस्म फिर तोड़ा जब कप्तान झूलन और प्रियंका रॉय के दो दो विकेट की मदद से भारत ने तीन विकेट से जीत दर्ज की ।

महिला वनडे विश्व कप की शुरुआत यूं तो 1973 में हुई लेकिन भारत ने पदार्पण 1978 में किया और आस्ट्रेलिया की टक्कर पहली बार इसी विश्व कप में पटना के मोईनुल हक स्टेडियम में हुई । यह विश्व कप दक्षिण अफ्रीका में होना था लेकिन रंगभेद के चलते उसके बहिष्कार के कारण भारत को इसकी मेजबानी मिली ।

भारत, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की भागीदारी के बीच खेले गए टूर्नामेंट में मार्गरेट जेनिंग्स की कप्तानी वाली आस्ट्रेलियाई टीम ने और डायना एडुल्जी की भारतीय टीम को 71 रन से हराया था । फिर 1982 में शांता रंगास्वामी की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड में बदले हुए प्रारूप (राउंड रॉबिन और फाइनल) में खेले गए विश्व कप में राउंड रॉबिन चरण में बारह में से चार मैच जीते।

लेकिन उसे आस्ट्रेलिया के हाथों तीनों मैचों में पराजय का सामना करना पड़ा । ईडन पार्क पर खेले गए पहले ही मैच में आस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को 153 रन से शिकस्त दी थी जबकि वेलिंगटन में दूसरा मैच आस्ट्रेलिया ने चार विकेट से जीता । क्राइस्टचर्च में तीसरे मैच में आस्ट्रेलिया ने 39 रन से जीत दर्ज करके अपना दबदबा कायम रखा ।

आस्ट्रेलिया ने फाइनल में इंग्लैंड को हराकर खिताब बरकरार रखा था । भारत की शुभांगी कुलकर्णी ने टूर्नामेंट में 20 विकेट चटकाये थे। अगला महिला विश्व कप छह साल बाद 1988 में आस्ट्रेलिया में खेला गया । भारत को अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट परिषद द्वारा कराये गए इस विश्व कप में खेलने का न्योता मिला था लेकिन प्रायोजकों से पर्याप्त धनराशि जुटाने में असमर्थ रहने के कारण भारत को नाम वापिस लेना पड़ा ।

इंग्लैंड में 1993 में हुए विश्व कप में रिकॉर्ड आठ टीमों ने भाग लिया और एडुल्जी की कप्तानी में भारत का प्रदर्शन ग्राफ बेहतर रहा । भारत ने ग्रुप चरण के सात मैचों में से चार जीते और तीन गंवाये । पहले ही मैच में वेस्टइंडीज को 63 रन से हराकर शानदार शुरूआत की लेकिन आस्ट्रेलिया के सामने फिर आसानी से घुटने टेक दिये ।

भारत को 58.4 ओवर में 108 रन पर आउट करने के बाद आस्ट्रेलिया ने 38.3 ओवर में तीन विकेट पर 114 रन बनाये । भारत के लिये संध्या अग्रवाल और कप्तान एडुल्जी का प्रदर्शन टूर्नामेंट में शानदार रहा । संध्या सात मैचों में 229 रन बनाकर बल्लेबाजी में और एडुल्जी 14 विकेट लेकर गेंदबाजों में चौथे स्थान पर रही ।

भारत में 1997 में हुए विश्व कप में 11 टीमों ने भाग लिया और प्रमिला भट्ट की कप्तानी में मेजबान भारत पहली बार सेमीफाइनल तक पहुंचा ।इस बार भारत की टक्कर आस्ट्रेलिया से दिल्ली में खेले गए सेमीफाइनल में हुई और कैथरीन फ्रिट्जपैट्रिक ने सात ओवर में 18 रन देकर तीन विकेट चटकाते हुए भारत की जीत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया ।

खराब रोशनी के कारण मैच 32 ओवर का कर दिया गया जिसमें आस्ट्रेलिया ने सात विकेट पर 123 रन बनाये । जवाब में भारतीय टीम 30 ओवर में नौ विकेट पर 104 रन ही बना सकी । धीमी ओवरगति के कारण भारत के दो ओवर कम किये गए थे । आस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को हराकर एक बार फिर खिताब अपने नाम किया ।

सातवां महिला विश्व कप 2000 में न्यूजीलैंड में खेला गया जिसमें अंजू जैन की कप्तानी वाली भारतीय टीम का आस्ट्रेलिया पर जीत का सपना एक बार फिर अधूरा रहा और राउंड रॉबिन चरण में दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, श्रीलंका, नीदरलैंड , आयरलैंड को हराने वाली भारतीय टीम आस्ट्रेलिया से 51 रन से हार गई ।

लीसा नाइटली (74) और कारेन रोल्टन (61) ने आस्ट्रेलिया के लिये शतकीय साझेदारी की जबकि भारत के लिये अंजुम चोपड़ा ने सर्वाधिक 47 रन बनाये थे । दक्षिण अफ्रीका में 2005 में हुए विश्व कप में मिताली राज की अगुवाई में भारतीय टीम ने पहली बार फाइनल तक का सफर तय किया ।

नीतू डेविड (20), अमिता शर्मा (14) और झूलन गोस्वामी (13) गेंदबाजों की तालिका में पहले तीन स्थान पर रही । ग्रुप चरण में भारत और आस्ट्रेलिया का मुकाबला एक भी गेंद फेंके बगैर रद्द हो गया । इसके बाद सीधे सामना फाइनल में हुआ और आस्ट्रेलिया ने एक बार फिर कारेन रोल्टन के शतक के दम पर भारत को 98 रन से हराकर पांचवीं बार खिताब जीता।

भारत में 2013 में हुए विश्व कप में मेजबान भारतीय टीम ग्रुप चरण से ही बाहर हो गई और आस्ट्रेलिया अलग ग्रुप में होने के कारण दोनों की टक्कर नहीं हुई । कोरोना महामारी के कारण एक साल विलंब से 2022 में न्यूजीलैंड में हुए पिछले विश्व कप में भारतीय टीम ग्रुप चरण से ही बाहर हो गई थी । मेग लैनिंग के 97 रन की मदद से आस्ट्रेलिया ने उसे ईडन पार्क पर छह विकेट से हराया ।

ऑस्ट्रेलिया की कड़ी चुनौती से पार पाने के लिए भारतीय शीर्ष क्रम को दिखाना होगा दम

जीत के करीब पहुंचकर पिछला मैच गंवाने वाली भारतीय टीम का महिला विश्व कप के सबसे कठिन मुकाबले में सात बार की चैम्पियन आस्ट्रेलिया से शनिवार को सामना होगा तो खराब फॉर्म से जूझ रहे उसके शीर्षक्रम के बल्लेबाजों को जिम्मेदारी से खेलना होगा वरना सेमीफाइनल की राह असंभव हो जायेगी ।

आईसीसी टूर्नामेंट में पहली खिताबी जीत का इंतजार कर रही भारतीय टीम ने पहले दो मैचों में निचले क्रम के प्रदर्शन के दम पर श्रीलंका और पाकिस्तान को हराया लेकिन यहीं एसीए वीडीसीए स्टेडियम पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बृहस्पतिवार को टूर्नामेंट की पहली कठिन परीक्षा में हरमनप्रीत कौर की टीम को पराजय का सामना करना पड़ा ।

भारतीय टीम अभी तीन मैचों में चार अंक लेकर तीसरे स्थान पर है और एक और हार उसे तालिका में नीचे धकेल देगी । वहीं आस्ट्रेलिया तीन मैच में पांच अंक लेकर शीर्ष पर है । दक्षिण अफ्रीका से हार ने सेमीफाइनल की भारत की राह कठिन कर दी है चूंकि अब अगले तीनों मैचों में भारत को आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड जैसी दिग्गज टीमों से खेलना है और अब कोई भी कोताही भारी पड सकती है ।

लगातार तीसरे मैच में सितारों से सजा भारत का शीर्षक्रम नाकाम रहा और आठवें नंबर पर उतरी रिचा घोष के 94 रन की मदद से मेजबान टीम 251 रन बना सकी । जवाब में गेंदबाजों ने अच्छी शुरूआत दिलाई लेकिन आठवें नंबर की बल्लेबाज नेडाइन डि क्लार्क के 54 गेंद में नाबाद 84 रन की मदद से दक्षिण अफ्रीका ने भारत को तीन विकेट से हरा दिया ।

इस हार ने भारतीय शीर्षक्रम की नाकामी को लेकर चिंता बढा दी और एक छठे गेंदबाज की कमी भी महसूस हुई । वनडे विश्व कप में आखिरी बार 2017 में इंग्लैंड में सेमीफाइनल में 115 गेंद में 171 रन बनाकर भारत को जीत दिलाने वाली मौजूदा कप्तान हरमनप्रीत का बल्ला अभी तक खामोश है जो पिछले तीन मैचों में 21,19 और नौ रन ही बना सकी हैं।

जबकि इस साल शानदार प्रदर्शन करने वाली स्मृति मंधाना ने 8, 23 और 23 रन बनाये हैं । वहीं मध्यक्रम में जेमिमा रौड्रिग्स ने पाकिस्तान के खिलाफ 32 रन बनाये लेकिन बाकी दोनों मैचों में खाता भी नहीं खोल सकी और तीनों बार बायें हाथ की स्पिनरों ने उन्हें आउट किया । भारत के शीर्ष पांच बल्लेबाजों में से कोई भी तीन मैचों में अर्धशतक नहीं बना सका है ।

कप्तान हरमनप्रीत ने भी हार के लिये शीर्षक्रम को जिम्मेदार ठहराते हुए मैच के बाद कहा था ‘‘ हम शीर्षक्रम में जिम्मेदारी के साथ नहीं खेल सके । हमें इसमें सुधार करना होगा और बड़े स्कोर बनाने होंगे । हमें आत्ममंथन करके सकारात्मक सोच के साथ उतरना होगा ।’’ दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक समय एक विकेट पर 83 रन के बाद भारत ने 19 रन के भीतर पांच विकेट गंवा दिये ।

स्नेह राणा और रिचा ने 88 रन की साझेदारी नहीं की होती तो सम्मानजनक स्कोर भी नहीं बनता । वहीं पाकिस्तान पर जीत में सूत्रधार रही तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ ने शुरूआत अच्छी की लेकिन 47वें ओवर में क्लार्क ने उन्हें दो छक्के और एक चौका लगाकर मैच की तस्वीर पलट दी । गेंदबाज डि क्लार्क और क्लो ट्रायोन के बल्लों पर अंकुश लगाने या बड़ी साझेदारी से रोकने में नाकाम रहे ।

ऐसे में भारत को एक और गेंदबाज की कमी बुरी तरह खली । दूसरी ओर आस्ट्रेलिया ने अभी तक एक भी मैच नहीं गंवाया है और पाकिस्तान के खिलाफ सात विकेट 76 रन पर गंवाने वाली गत चैम्पियन टीम को बेथ मूनी ने शतक जमाकर संकट से निकाला । वहीं गेंदबाजी में तेज गेंदबाज किम गार्थ, मेगान शूट और अनाबेल सदरलैंड ने मिलकर सात विकेट चटकाये ।

विश्व कप में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच अब तक हुए 12 मुकाबलों में से नौ बार आस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज की है जबकि भारत को 2009 में दो बार और 2017 में जीत मिली है। इंग्लैंड में 2017 में सेमीफाइनल में मिली जीत की सूत्रधार हरमनप्रीत थी, जिन्होंने 115 गेंद में 175 रन की मैराथन पारी खेली थी, जबकि दीप्ति शर्मा ने तीन विकेट चटकाये थे। इन दोनों खिलाड़ियों से उस प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद होगी।

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