फैंस के लिए खुशखबरी, न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में होगी इस विकेटकीपर की वापसी

टीम प्रबंधन के करीबी सूत्र ने बताया कि साहा न्यूजीलैंड के खिलाफ 21 फरवरी से शुरू हो रही दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला तक फिट हो जायेंगे।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 27, 2019 5:41 PM

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भारत के टेस्ट विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के दाहिने हाथ की ऊंगली में बांग्लादेश के खिलाफ दिन रात के टेस्ट के दौरान फ्रेक्चर हुआ था जिसका ऑपरेशन कराया गया है हालांकि न्यूजीलैंड के खिलाफ फरवरी में होने वाली दो मैचों की श्रृंखला में उनके फिट होने की उम्मीद है। पैंतीस बरस के साहा का मंगलवार को मुंबई में ऑपरेशन हुआ। 

बोर्ड ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने हाथ और कलाई के विशेषज्ञ से सलाह ली। उन्हें ऑपरेशन के लिये कहा गया। मुंबई में मंगलवार को उनका सफल ऑपरेशन हुआ। अब वह जल्दी ही बेंगलुरू में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में रिहैबिलिटेशन करायेंगे।’’ 

टीम प्रबंधन के करीबी सूत्र ने बताया कि साहा न्यूजीलैंड के खिलाफ 21 फरवरी से शुरू हो रही दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला तक फिट हो जायेंगे। वेलिंगटन और क्राइस्टचर्च में टेस्ट से पहले भारत को हैमिल्टन में तीन दिवसीय अभ्यास मैच खेलना है। 

इसके बाद पांच टी20 और तीन वनडे मैच भी खेले जायेंगे। साहा को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अक्टूबर में टेस्ट श्रृंखला के दौरान ऐसी ही चोट लगी थी लेकिन वह बांग्लादेश के खिलाफ श्रृंखला से पहले ठीक हो गए थे। 

आईपीएल 2018 के दौरान उन्हें कंधे में चोट लगी थी जिसका उन्हें इंग्लैंड में आपरेशन कराना पड़ा। उनकी गैर मौजूदगी में ऋषभ पंत टीम में आ गए लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की श्रृंखला में साहा को तरजीह मिली। साहा ने दिन रात के टेस्ट के दौरान टेस्ट क्रिकेट में 100 शिकार पूरे किये।

लगातार चोटों का सामना कर रहे भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा ने बुधवार को कहा कि वह इस ताजा चोट से एक महीने के भीतर उबर जायेंगे। मुंबई में दाहिने हाथ की ऊंगली के ऑपरेशन के बाद प्रेस ट्रस्ट से बातचीत में साहा ने कहा, ‘‘यह आम फ्रेक्चर था। इससे उबरने में पांच सप्ताह से अधिक नहीं लगेंगे। मैं घर पर कुछ समय आराम के बाद रिहैबिलिटेशन के लिये जाऊंगा।’’ 

भारत को अगला टेस्ट न्यूजीलैंड के खिलाफ फरवरी में खेलना है और साहा के पास फिट होने के लिये पूरा समय है। कोलकाता में हुए दिन रात के टेस्ट के बारे में साहा ने कहा कि दृश्यता का मसला था क्योंकि सर्दी के मौसम के कारण धुंध थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैच गर्मी में होता तो ऐसा नहीं होता। साइ्रटस्क्रीन चमकदार होती तो साफ दिखाई देता। गुलाबी गेंद निश्चित तौर पर चुनौतीपूर्ण थी।’’ 

साहा ने कहा कि दिन रात का टेस्ट अपवाद हो सकता है लेकिन नियमित तौर पर नहीं खेला जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अधिकतम मैच लाल गेंद से ही होने चाहिये। बीच में एकाध मैच गुलाबी गेंद से हो सकता है। फैसला लेकिन बीसीसीआई को लेना है।’’

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