टीम इंडिया के चयन में भी लगे 'हस्तक्षेप' के आरोप, एक बीसीसीआई अधिकारी ने की थी धोनी को कप्तान बनने से रोकने की कोशिश!

Team Selection: मिताली राज विवाद के बाद भारतीय पुरुष टीम के चयन में भी बीसीसीआई द्वारा हस्तक्षेप करने की खबरें आ रही हैं, एक रिपोर्ट से उठे सवाल

By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 28, 2018 11:15 AM2018-11-28T11:15:28+5:302018-11-28T11:25:41+5:30

Indian mens team selection interfered too, A BCCI administrator opposed ms dhoni captaincy: Report | टीम इंडिया के चयन में भी लगे 'हस्तक्षेप' के आरोप, एक बीसीसीआई अधिकारी ने की थी धोनी को कप्तान बनने से रोकने की कोशिश!

भारतीय पुरुष टीम के चयन में भी दखलंजादी के 'आरोप'

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Highlightsमिताली राज के आरोप के बाद भारतीय पुरुष टीम के चयन में भी लगे हस्तक्षेप के आरोप एक रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर में धोनी के कप्तान बनने का एक बीसीसीआई अधिकारी ने किया था विरोधइस अधिकारी के कहने पर बढ़ा एक खिलाड़ी का ग्रेड, इंग्लैंड दौरे के लिए मिली टीम में जगहमिताली राज ने सीओए सदस्य डायना एल्डुजी और कोच रमेश पवार पर लगाए थे टीम से बाहर करने के आरोप

मिताली राज द्वारा बीसीसीआई को लिखे विस्फोटक खत के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के चयन में दखलंदाजी का विवाद गहराता नजर आ रहा है। अब एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई प्रशासक न सिर्फ महिला टीम बल्कि पुरुष टीम के चयन में भी दखल देते हैं। 

मिताली राज ने महिला टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में खुद को न खिलाए जाने के बाद प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्य डायना एल्डुजी और कोच रमेश पवार पर उन्हें अपमानित करनने और जानबूझकर टीम में शामिल न किए जाने का आरोप लगाया था। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर में यूएई में हुए एशिया कप के दौरान टीम इंडिया (पुरुष) के चयन में भी बीसीसीआई के एक प्रशासक ने दखल दिया था और एक मैच के दौरान अंतरिम कप्तान नियुक्त करने को लोकर चयन प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की थी।

इस रिपोर्ट के मुताबिक एक सूत्र ने कहा, 'अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में, रोहित शर्मा ने खुद आराम दिया था और भारतीय टीम मैनेजमेंट ने एमएस धोनी को उनकी वरिष्ठता को देखते हुए कप्तानी सौंपी थी। लेकिन बीसीसीआई के एक वरिष्ठ प्रशासक ने इस बात पर जोर दिया की धोनी को कप्तान बनाना पीछे लौटने वाला कदम होगा और टीम में मौजूद अगले वरिष्ठ क्रिकेटर को टीम की कप्तानी करनी चाहिए।' 

इस सूत्र ने कहा, 'इसलिए बाहरी लोगों द्वारा टीम चयन में हस्तक्षेप न करने की बात बकवास है। इस बीसीसीआई प्रशासक ने धोनी को कप्तानी देने से इनकार कर दिया था, जो उनके अनुभव को देखते हुए बहुत ही अजीब है।' वह मैच कप्तान के रूप में धोनी का 200 मैच था और इस फैसले से एक नीरस मुकाबला रोचक बन गया। 

इस सूत्र ने कहा कि इस प्रशासक ने आगे भी टीम इंडिया के मामले में दखल दिया और एक ग्रेड 'सी' के क्रिकेटर को ग्रेड 'बी' का करार दिलाने में मदद की। रिपोर्ट के मुताबिक, 'बीसीसीआई के इस प्रशासक के निर्देश इस तरह के थे कि इस (अनाम) क्रिकेटर को इंग्लैंड के दौरे की सीरीज के लिए भी चुना गया और असफल होने के बावजूद भी टीम में बनाए रखा गया। आपको उस प्रशासक से पूछना चाहिए कि क्या प्रभाव डालने का कोई प्रयास किया गया, यहां तक कि इस बात का निर्देश देने का भी टीम का कप्तान किसे होना चाहिए।'

रिपोर्ट के मुताबिक, 'प्रशासक का समर्थन प्राप्त ये क्रिकेटर अब भी टीम में हैं और उसकी मौजदूगी से टीम में सवाल उठ रहे हैं।'

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