नई दिल्ली, 2 अक्टूबर: चार साल बाद टेस्ट सीरीज के लिए भारत पहुंची वेस्टइंडीज की टीम जब गुरुवार से राजकोट में टीम इंडिया के खिलाफ चुनौती पेश करने उतरेगी तो उसके सामने 35 साल पुरानी वो तस्वीर भी होगी जब कैरेबियाई टीम ने आखिरी बार भारतीय जमीन पर टेस्ट सीरीज जीती थी।
साल- 1983 में दौरे पर आई कैरेबियाई टीम ने तब भारत के खिलाफ 6 टेस्ट मैचों की सीरीज में 3-0 से जीत हासिल की थी। उसके बाद से कैरेबियाई टीम 10 बार भारत का दौरा कर चुकी है लेकिन कभी भी टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकी है। वेस्टइंडीज की टीम आखिरी बार 2013 में भारत आई थी और तब उसे 2-0 से टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था।
बहरहाल, हम आपको बताने जा रहे हैं 1983 के उसे टेस्ट सीरीज की कहानी, जब वेस्टइंडीज ने 6 में से 3 मैच जीत कर सीरीज अपने नाम कर ली थी।
1983 में वेस्टइंडीज ने जीती थी 3-0 से टेस्ट सीरीज
कपिल देव के नेतृत्व में तब भारत फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर विश्व चैम्पियन बन चुका था और फैंस की उम्मीदें सातवें आसमान पर थीं। ऐसे माना जा रहा था भारत बड़ी चुनौती पेश करेगा हालांकि, कानपुर में खेले गये पहले ही टेस्ट में फैंस की उम्मीदों को करारा झटका लगा।
कानपुर में 21 से 25 अक्टूबर के बीच खेले गये इस मैच में क्लॉयव लॉयड के नेतृत्व वाली वेस्टइंडीज की टीम ने एक पारी और 83 रनों से जीत हासिल की। वेस्टइंडीज पहले बैटिंग करते हुए 454 पर ऑलआउट हुआ।
हालांकि, इसके जवाब में सुनील गावस्कर, रवि शास्त्री, मोहिंदर अमरनाथ, दिलीप वेंगसरकर जैसे दिग्गजों वाली टीम केवल 207 पर सिमट गई। फॉलोऑन के कारण भारत को दोबारा बैटिंग के लिए उतरना पड़ा और टीम इस बार केवल 164 रन बना सकी।
गावस्कर इस मैच की पहली पारी में बिना खाता खोले और दूसरी पारी में 7 रन बनाकर आउट हुए। इसके अलावा अमरनाथ ने पहली पारी में 7 और दूसरी पारी में डक पर आउट हुए। कुल मिलाकर तमाम दिग्गज फेल रहे।
इसके बाद वेस्टइंडीज ने इस सीरीज में तीसरे टेस्ट में 138 रनों से और पांचवें टेस्ट में एक पारी और 46 रनों से जीत हासिल की। सीरीज का दूसरा, चौथा और छठा टेस्ट ड्रॉ रहा।
इस पूरी सीरीज उस समय भारतीय बल्लेबाजी के सबसे बड़े चेहरे गावस्कर के बल्ले से एक शतक, एक अर्धशतक और एक दोहरा शतक निकला। गावस्कर ने दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 121 रनों की शतकीय पारी खेली और मैच ड्रॉ रहा। जबकि छठे टेस्ट में भी भारत की पहली पारी में गावस्कर ने 425 गेंदों पर 236 रनों की नाबाद पारी खेली। नतीजा ये रहा कि दोनों टीमें एक-एक पारी ही खेल सकीं और मैच ड्रॉ रहा। गावस्कर ने तीसरे मैच में पहली पारी में भी 90 रन बनाये लेकिन इसमें भारत को हार मिली।