पृथ्वी शॉ पर विराट कोहली का बयान, 'उन्हें उभरने दीजिए, किसी से तुलना मत कीजिए'

prithvi Shaw: टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ की तुलना किसी से नहीं की जानी चाहिए

By भाषा | Published: October 11, 2018 07:57 PM2018-10-11T19:57:09+5:302018-10-11T19:57:09+5:30

India vs West Indies: Do not compare prithvi Shaw with anyone, says Virat Kohli | पृथ्वी शॉ पर विराट कोहली का बयान, 'उन्हें उभरने दीजिए, किसी से तुलना मत कीजिए'

विराट कोहली और पृथ्वी शॉ

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हैदराबाद, 11 अक्टूबर: भारतीय कप्तान विराट कोहली ने गुरुवार को युवा पृथ्वी शॉ की किसी अन्य से तुलना नहीं करने और उन्हें एक क्रिकेटर के रूप में विकसित होने के लिए पर्याप्त स्थान देने की अपील की। शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में अपने पदार्पण मैच में ही 134 रन बनाए जिसके बाद उनकी सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग से तुलना की जाने लगी थी। 

वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर कोहली ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि उनको लेकर अभी किसी फैसले पर पहुंच जाना चाहिए। आपको इस युवा खिलाड़ी को अपनी क्षमता के अनुसार आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त स्थान देना चाहिए। वह बेहद प्रतिभाशाली हैं और जैसा हर किसी ने देखा कि वह कौशल से परिपूर्ण हैं।' 

उन्होंने कहा, 'हम निश्चित तौर पर चाहते हैं कि उन्होंने पहले मैच में जैसा प्रदर्शन किया उसकी पुनरावृत्ति करें। वह सीखने के इच्छुक हैं और तेजतर्रार हैं। वह परिस्थिति का अच्छी तरह से आकलन करते हैं। हम सभी उनके लिए खुश हैं।' 

कोहली ने सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर से भी सहमति जताई जिन्होंने बुधवार को कहा था कि लोगों को पृथ्वी की तुलना वीरेंद्र सहवाग से नहीं करनी चाहिए। 

कोहली ने कहा, 'हमें अभी उनकी तुलना किसी से नहीं करनी चाहिए। हमें उन्हें ऐसी स्थिति में नहीं रखना चाहिए जहां वह किसी तरह का दबाव महसूस करें। उन्हें हमें वह स्थान देना चाहिए जहां वह अपने खेल का लुत्फ उठाएं और धीरे-धीरे ऐसे खिलाड़ी के रूप में तैयार हों जैसा हम सभी चाहते हैं।' 

उन्होंने कहा, 'निश्चित तौर यह एक कारण हो सकता है क्योंकि वे उस माहौल में खेल चुके होते हैं जिसमें की अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाता है। लेकिन देश की तरफ से खेलने का हमेशा दबाव होता है। जब आप सुबह यह कैप पहनते हो तो आप थोड़ा नर्वस रहते हो और मुझे लगता है कि हर कोई यह दबाव महसूस करता है।'

कोहली ने कहा, 'लेकिन यह दबाव 10-15 साल पहले जैसा नहीं है जब आपको इस तरह की क्रिकेट खेलने का कोई अनुभव नहीं रहता था और अचानक ही आपको भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करना होता था।'

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