Ind Vs West Indies: मुफ्त पास विवाद पर अब सीएबी के तेवर तल्ख, गांगुली बोले- बीसीसीआई के सामने नहीं झुकेंगे

बीसीसीआई के नये संविधान के अनुसार राज्य संघ केवल 10 फीसदी फ्री-पास रख सकते हैं जबकि 90 फीसदी टिकट बेचने के लिए होने चाहिए।

By विनीत कुमार | Published: October 3, 2018 01:46 PM2018-10-03T13:46:57+5:302018-10-03T13:47:13+5:30

india vs west indies complimentary tickets controversy cab says they will not compromise | Ind Vs West Indies: मुफ्त पास विवाद पर अब सीएबी के तेवर तल्ख, गांगुली बोले- बीसीसीआई के सामने नहीं झुकेंगे

सौरव गांगुली (फाइल फोटो)

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नई दिल्ली, 3 अक्टूबर: इंदौर वनडे पर छाए संकट के बादल के बीच क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) ने साफ कर दिया है कि वह भी मैचों के मुफ्त पास (टिकट) के वितरण संबंधी मामले में कोई समझौता नहीं करेगा। सीएबी के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने यह बात कही है। भारत और वेस्टइंडीज के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान पर 4 नवंबर को पहला टी20 मैच खेला जाना है।

बीसीसीआई के नये संविधान के अनुसार राज्य संघ केवल 10 फीसदी फ्री-पास रख सकते हैं जबकि स्टेडियम की कुल क्षमता के 90 फीसदी टिकट बेचने के लिए होने चाहिए। इसी मामले को लेकर इन दिनों मध्य प्रदेश क्रिकेट असोसिएशन (एमपीसीए) और बीसीसीआई के बीच ठनी हुई है।

इंदौर में भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरा वनडे खेला 24 अक्टूबर को जाना है। हालांकि, टिकटों के विवाद के बाद इसे विशाखापट्नम में आयोजित किये जाने की बात हो रही है।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार गांगुली ने इस पूरे विवाद पर एमपीसीए का पक्ष लेते हुए कहा, 'हमें वह मुफ्त पास देने ही होंगे जो हम देते आए हैं। हम इस पर समझौता नहीं कर सकते हैं। मैं एमपीसीए की समस्य को समझता हूं और मैं पूरी तरह उनके साथ हूं क्योंकि व्यवहारिक समस्या कभी नहीं समझी जाती। उनका दावा पूरी तरह सही है।'

गांगुली ने बताया कि ईडन गार्डन्स में करीब 66,000 लोगों के बैठने की क्षमता है जिसमें 30,000 टीम पास के तौर पर बांटे जाते हैं। गांगुली ने कहा, 'मैं जाकर सरकारी एजेंसियों, नौकरशाहों को नहीं कह सकता कि वे पैसे दें और टिकट खरीदें।' 

यह पूछे जाने पर कि क्या पास के विवाद का असर टी20 मैच पर पड़ सकता है, गांगुली ने कहा, 'मुझे नहीं मालूम कि वे (बीसीसीआई) क्या करेंगे। अगर वे मैच यहां से हटाना चाहते हैं तो बेशक ले जाएं लेकिन हम समझौता नहीं करेंगे।'

गांगुली ने बताया कि हर मैच के लिए करीब 10000 पास खेल विभाग, सरकारी एजेंसियों जैसे कोलकाता पुलिस, कोलकाता कॉरपोरेशन, फायर बिग्रेड विभाग आदि को दे दिया जाता है। गांगुली के अनुसार, 'इसके अलावा पुलिस भी काफी सहयोगी रवैया अपनाती है। वे बहुत कम खर्चे पर सुरक्षा मुहैया कराते हैं लेकिन इसके बदले टिकट चाहते हैं। ऐसे में जो लोग मैच आयोजित कराने में अहम भूमिका निभाते हैं, ऐसे यह संभव नहीं है कि हम टिकट काउंटर पर बैठकर उनसे कहें कि वे टिकट खरीदे।' 

गांगुली के अनुसार इसके अलावा सीएबी के मातहत आने वाले 121 सम्बद्ध इकाई- 37 फर्स्ट डिविजन क्लब और 58 सेकेंड डिविजन क्लब और विश्वविद्यालय आदि भी हैं जिन्हें मुफ्त पास भेजे जाते हैं। 

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