नेपियर के मेयर ने दे डाली नसीहत, कहा- खिलाड़ी सूरज की रोशनी को बर्दाश्त करना सीखें

भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहले वनडे में डूबते सूरज की रोशनी से बाधा पड़ने के कारण खेल करीब आधा घंटा रोकना पड़ा। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ था।

By भाषा | Published: January 24, 2019 1:39 PM

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नेपियर के मेयर बिल डॉल्टन ने कहा कि भारत को न्यूजीलैंड के क्रिकेटरों को इतना मजबूत होना चाहिए कि आंख में सूरज की रोशनी कुछ हद तक बर्दाश्त कर सकें। उन्होंने यह भी सवाल दागा कि अगर यही हालात भारत में होते तो क्या खिलाड़ी मैदान छोड़ देते?

भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहले वनडे में डूबते सूरज की रोशनी से बाधा पड़ने के कारण खेल करीब आधा घंटा रोकना पड़ा। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ था। डॉल्टन ने ‘स्टफ डाट काम डाट न्यूजीलैंड’ से कहा ,‘‘क्या भारत में भी ऐसी स्थिति पैदा होती तो वे मैदान छोड़ देते।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदार से कहूं तो मेरा मानना है कि ये सभी खिलाड़ी हैं और इन्हें इतना मजबूत तो होना चाहिये कि कुछ समय तक सूरज की रोशनी झेल सकें। यह आउटडोर खेल है और उन्हें मजबूत होना ही चाहिए। मेरे लिये यह सब अजीब था।’’ न्यूजीलैंड क्रिकेट के प्रवक्ता रिचर्ड बूक ने कहा कि इस समस्या का कोई त्वरित हल नहीं दिख रहा। 

उन्होंने कहा, ‘‘इस पर बात करनी होगी लेकिन फिलहाल कोई त्वरित हल नजर नहीं आ रहा।’’ भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा ,‘‘ यह दिलचस्प था। 2014 में ऐसा हुआ था जब मेरी आंख में सूरज की रोशनी पड़ रही थी लेकिन उस समय यह नियम नहीं था।’’ न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने मजाकिया लहजे में कहा ,‘‘ सूरज को हटाना तो संभव नहीं था और न ही ग्रैंड स्टैंड को। इसलिये हमने ही कुछ देर ब्रेक ले लिया।’’ 

इंग्लैंड के कुछ मैदानों पर सूरज की रोशनी के कारण खेल रोका जाता रहा है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मैचों में नहीं। भारत और इंग्लैंड के बीच 1980 में मुंबई टेस्ट सूर्यग्रहण के कारण एक दिन बाद खेला गया था। आम तौर पर इन हालात से बचने के लिये क्रिकेट की पिचें उत्तर दक्षिण दिशा में होती हैं लेकिन मैकलीन पार्क में यह पूर्व पश्चिम की ओर है। 

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