15 मार्च की वह तारीख, जब हरभजन-तेंदुलकर की बदौलत भारत ने तोड़ा था ऑस्ट्रेलिया का दंभ

इस मैच से पहले क्रिकेट इतिहास में केवल दो बार ऐसा हुआ था जब किसी टेस्ट मैच में फॉलोऑन खेलने वाली टीम ने जीत दर्ज की हो।

By विनीत कुमार | Published: March 15, 2018 07:26 AM2018-03-15T07:26:53+5:302018-03-15T08:47:20+5:30

india vs australia kolkata test 2001 when harbhajan and sachin bowling did miracle | 15 मार्च की वह तारीख, जब हरभजन-तेंदुलकर की बदौलत भारत ने तोड़ा था ऑस्ट्रेलिया का दंभ

भारत Vs ऑस्ट्रेलिया, कोलकाता टेस्ट

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Highlightsद्रविड़-लक्ष्मण की पारी ने फॉलोऑन में भारत के लिए की थी दमदार बैटिंगआखिरी दिन हरभजन और सचिन की गेंदबाजी ने किया कमालऑस्ट्रेलिया के लगातार 16 टेस्ट जीतने का सिलसिला भारत में आकर खत्म हुआ

नई दिल्ली, 14 मार्च: क्रिकेट के इतिहास में 15 मार्च की तारीख वह दिन है, जिसे शायद ही कोई भारतीय फैन भुला पाएगा। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कोलकाता में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट का यह आखिरी दिन था। आखिरी दिन से पहले वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ की बेहतरीन पारी की बदौलत भारत ने हार तो टाल दिया था लेकिन टीम इंडिया जीत की कहानी लिखेगी, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। लेकिन क्रिकेट का रोमांच ऐसा ही है, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं होती, वहीं इस खेल में होता है।

दुनिया ने देखा जब हरभजन का 'टर्बनेटर' रूप

हरभजन ने इस मैच में 13 विकेट झटके थे। सात विकेट उन्होंने पहली पारी में लिए लेकिन उनकी खास गेंदबाजी दूसरी पारी में नजर आई जिसकी बदौलत भारत जीत तक पहुंचने में कामयाब रहा। ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में जीत के लिए 384 रनों की जरूरत थी। सभी को यही लग रहा था कि लगातार 16 जीत का स्वाद चख चुकी ऑस्ट्रेलियाई टीम इस मैच को जीत तो नहीं सकेगी लेकिन ये ड्रा जरूर हो जाएगा। टी-ब्रेक तक सब कुछ सामान्य था। ऑस्ट्रेलिया ने तीन विकेट खोकर 161 रन बना लिए थे।

इस समय तक मैथ्यू हेडन 59 रन और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ 23 रन बनाकर खेल रहे थे। लेकिन इस ब्रेक के बाद जब खेल शुरू हुआ तो अचानक सबकुछ बदल गया। टी-ब्रेक के बाद का तीसरा और ऑस्ट्रेलियाई पारी का 46वां ओवर हरभजन डालने आए। हरभजन ने ओवर की दूसरी गेंद पर पहले वॉ और फिर आखिरी गेंद पर रिकी पोंटिंग को आउट कर ऑस्ट्रेलिाई खेमे को मुश्किल में ला दिया।

तेंदुलकर की गेंदबाजी ने भी किया कमाल

अगले ही ओवर में सचिन तेंदुलकर ने एडम गिलक्रिस्ट को भी बिना खाता खोले पविलियन भेजा। इस विकेट के गिरते ही तमाम भारतीय खिलाड़ियों सहित फैंस चौंक गए। जीत की तस्वीर उभरने लगी थी। 48वें ओवर में सचिन एक बार फिर बॉलिंग करने आए और तीसरी गेंद पर जमे-जमाए मैथ्यू हेडन (67) का विकेट ले उड़े। इसके बाद तेंदुलकर ने शेन वॉर्न को भी पविलियन की राह दिखा दी। आठ विकेट गिरते ही भारतीय टीम को जीत की खुशबू मिलने लगी थी।

इतिहास रचा जाने वाला था और इसका अहसास हर भारतीय फैन को होने लगा था। आखिरी दो विकेट बचाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने खूब सघर्ष जरूर किया लेकिन हरभजन ने पहले जेसन गिलेस्पी और फिर ग्लेन मैक्ग्राथ को पविलियन भेज भारत को जीत दिला दी।

हमेशा खास रहेगी भारत की ये जीत

इस मैच से पहले क्रिकेट इतिहास में केवल दो बार ऐसा हुआ था जब किसी टेस्ट मैच में फॉलोऑन खेलने वाली टीम ने जीत दर्ज की हो। साथ ही इस जीत के साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया का लगातार 16 टेस्ट जीतने का सिलसिला भी रोक दिया।

द्रविड़-लक्ष्मण की पारी

लक्ष्मण के 281 और द्रविड़ की 180 रन के बदौलत फॉलोऑन खेल रही भारतीय टीम ने इस मैच में अपनी दूसरी पारी 7 विकेट पर 657 के स्कोर पर घोषित की और ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 384 रन का लक्ष्य दिया। द्रविड़ और लक्ष्मण ने पांचवें विकेट के लिए 376 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की थी। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के 445 के जवाब में भारत पहली पारी में 171 पर सिमट गया था। (और पढ़ें- जब 2001 में कोलकाता टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लक्ष्मण-द्रविड़ ने रचा था इतिहास!)

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