नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज 6 दिसंबर से होने जा रहा है। इस बार सीरीज का नतीजा क्या होगा, ये देखने वाली बात होगी। वैसे भी टीम इंडिया और फैंस जानते हैं कि राह उतनी आसान नहीं होने वाली है। बहरहाल, हम आपको बताने जा रहे हैं उस मैच की कहानी जब पहली बार भारत और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट के मैदान पर भिड़े थे।
ब्रिसबेन में पहली बार भारत-ऑस्ट्रेलिया हुए थे आमने-सामने
भारतीय टीम पहली बार 1947 के आखिर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहुंची थी और पहला मैच ब्रिसबेन में खेला गया था। यह मुकाबला 28 नवंबर, 1947 से 4 दिसंबर 1947 के बीच खेला गया था। यह टेस्ट इतिहास का 290वां मैच था और तब 6 दिनों के इस मैच में भारत को पारी और 226 रनों से हार मिली। भारत की पहली पारी में बल्लेबाजी इतनी निराशाजनक रही और उसके आखिरी पांच विकेट केवल 5 रन जोड़कर पवेलियन लौट गये।
इस मैच में टॉस ऑस्ट्रेलिया के कप्तान डॉन ब्रैडमैन ने जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत तो अच्छी नहीं रही और उसका पहला विकेट 38 रनों पर बिल ब्राउन (11) के तौर पर गिरा। इसके बाद मोर्चा दिग्गज ब्रैडमैन ने संभाला उनकी 185 रनों की शानदार पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने दो दिन की बैटिंग के बाद 8 विकेट पर 382 रन बनाकर पारी घोषित की। भारत की ओर से कप्तान लाला अमरनाथ ने 4 विकेट झटके जबकि वीनू मांकड ने तीन विकेट झटके।
भारत 1 दिसंबर को पहली बार ऑस्ट्रेलिया में उतरा बैटिंग करने
ऑस्ट्रेलिया की दो दिन की बैटिंग के बाद तीसरे दिन रेस्ट डे था। मैच के चौथे दिन (1 दिसंबर, 1947) को पहली बार भारतीय टीम ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर बल्लेबाजी करने उतरी और 21.3 ओवर में 58 रनों पर सिमट गई। सातवें नंबर पर बैटिंग करने उतरे कप्तान लाला अमरनाथ ने सबसे अधिक 22 रन बनाए।
नतीजनत भारत को फॉलोऑन खेलने के लिए एक बार फिर खेलने उतरना पड़ा। हालांकि, दूसरी पारी में भी भारतीय टीम कुछ खास संघर्ष नहीं दिखा सकी और 98 रनों पर सिमट गई। दूसरी पारी में भारती की ओर से चंदू सरवाते ने 160 गेंदों पर 26 रन बनाये और 9वें बल्लेबाज के तौर पर पवेलियन लौटे।
भारत ने उस ऑस्ट्रेलिया दौरे में पांच टेस्ट मैच खेले और चार में उसे हार का सामना करना पड़ा। इस दौरे पर केवल दूसरा मैच सिडनी में ड्रॉ रहा। वहीं, तीन मैच ऑस्ट्रेलियाई टीम पारी से जबकि एक मैच 233 रनों से जीतने में सफल रही।