IND vs AUS: पहला वनडे जिताने के बाद केदार जाधव का बयान, 'सामने धोनी खड़े हों तो मैं किसी चीज से नहीं डरता'

India vs Australia: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी 81 रन की दमदार पारी की मदद से टीम इंडिया को जीत दिलाने के बाद केदार जाधव ने की धोनी की तारीफ

By अभिषेक पाण्डेय | Published: March 3, 2019 04:41 PM2019-03-03T16:41:02+5:302019-03-03T16:41:02+5:30

India vs Australia: Dhoni standing in front of me, I am not scared of anything, says Kedar Jadhav | IND vs AUS: पहला वनडे जिताने के बाद केदार जाधव का बयान, 'सामने धोनी खड़े हों तो मैं किसी चीज से नहीं डरता'

जाधव ने धोनी के साथ पहले वनडे में की 141 रन की अविजित साझेदारी (AFP)

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केदार जाधव ने एमएस धोनी के साथ मिलकर टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शनिवार को हैदराबाद में खेले गए पहले वनडे में 6 विकेट से शानदार जीत दिलाई। जाधव और धोनी की पांचवें विकेट के लिए हुई 141 रन की अविजित साझेदारी की मदद से भारत ने पांच मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बना ली है। इस मैच में जाधव ने 81 और धोनी ने 59 रन की नाबाद पारी खेली। 

जाधव ने 87 गेंदों में 9 चौकों और एक छक्के की मदद से 81 रन की नाबाद पारी खेली जबकि धोनी ने 72 गेंदों में 6 चौकों और एक छक्के की मदद से 59 रन की पारी खेली। इन दोनों ने भारत को 99/4 के मुश्किल स्कोर से उबारते हुए दमदार साझेदारी से 6 विकेट से शानदार जीत दिलाई।

जाधव ने चहल टीवी पर खोला, धोनी के साथ शानदार साझेदारी का राज

जाधव ने अपनी इस शानदार पारी के बाद चहल टीवी पर कहा कि कैसे धोनी को आंख बंद करने फॉलो करना उनके लिए अब तक कामयाब रहा है। 

जाधव ने कहा, 'मैं धोनी को आंखें बंद करके फॉलो करता हूं और मैं कामयाब हो जाता हूं। मैंने उन्हें भी बताया कि जब तक वह मेरे सामने खड़े हैं, मैं किसी चीज से नहीं डरता, मैं किसी लक्ष्य से नहीं डरता हूं।'


जाधव ने युजवेंद्र चहल से कहा कि धोनी के साथ खेलने से बेहतर कोई सपना नहीं है। 

जाधव ने कहा, 'एमएस धोनी के साथ खेलने हमेशा एक सम्मान होता है। मैं उन्हें बचपन से टीवी पर खेलते हुए देखता आ रहा हूं और अब मुझे उनके साथ मैच जीतने का मौका मिला है। इससे बेहतर कोई सपना नहीं है।'

जाधव से जब ये पूछा गया कि क्या वह मैच में 10 ओवर का पूरा कोटा फेंकने के तैयार हैं, तो उन्होंने कहा, 'मैं अभी किसी मैच में 10 ओवर की गेंदबाजी करने के बारे में नहीं सोचता। लेकिन अगर परिस्थिति की जरूरत हो और टीम को जरूरत हो तो मैं निश्चित तौर पर कर सकता हूं। लेकिन लगातार ऐसा करने के लिए, इसके लिए मानसिक और शारीरिक सामंजस्य की जरूरत होगी।'

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