IND Vs AUS: कोहली सिडनी टेस्ट में पिंक रंग के बल्ले के ग्रिप और ग्लब्स के साथ उतरे बैटिंग करने, ये है वजह

सिडनी में हर साल ऐसा टेस्ट आयोजित किया जाता है जहां कई दर्शक पिंक रंग के कपड़े पहनकर मैच देखने आते हैं।

By विनीत कुमार | Published: January 3, 2019 09:27 AM2019-01-03T09:27:58+5:302019-01-03T09:37:17+5:30

india vs australia 4th test virat kohli goes all pink with gloves and bat sticker in pink test sydney | IND Vs AUS: कोहली सिडनी टेस्ट में पिंक रंग के बल्ले के ग्रिप और ग्लब्स के साथ उतरे बैटिंग करने, ये है वजह

विराट कोहली (फोटो- ट्विटर, बीसीसीआई)

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टीम इंडिया के कप्तान और दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज विराट कोहली सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर चौथे टेस्ट में पिंक रंग के बल्ले के ग्रिप, स्टीकर और ग्लब्स के साथ नजर आये।

कोहली भारत को लगे दूसरे झटके बाद बल्लेबाजी करने उतरे जब मयंक अग्रवाल 77 रन बनाकर आउट हुए। दरअसल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेले जा रहे सीरीज के चौथे और आखिरी टेस्ट को 'पिंक टेस्ट' का दर्जा दिया गया है। ऐसा ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरुकता फैलाने के मकसद से किया जाता है और कोहली भी इसी अभियान का हिस्सा हैं। 

कोहली जब बैटिंग करने उतरे तब भारत टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए 126 रन पर दो विकेट गंवा चुका था। भारत की शुरुआत खराब रही और ओपनर केएल राहुल केवल 9 रन बनाकर मैच के दूसरे ओवर में आउट हो गये। इसके बाद मयंक और चेतेश्वर पुजारा ने शतकीय साझेदारी करते हुए भारत को संभाला। मयंक 34वें ओवर में नाथन लायन की गेंद पर कैच आउट हुए।


 क्या है 'पिंक टेस्ट'  

इंटरनेशनल क्रिकेट में पिंक वनडे और पिंक टेस्ट का चलन पिछले एक दशक से जारी है। सिडनी में हर साल ऐसा टेस्ट आयोजित किया जाता है जहां कई दर्शक पिंक रंग के कपड़े पहनकर मैच देखने आते हैं। साथ ही कई खिलाड़ी भी पिंक रंग के साथ नजर आते हैं। यही नहीं, स्टंप्स भी पिंक रंग के लगाये जाते हैं। 

टेस्ट में चूकी जर्सी का रंग पारंपरिक तौर पर उजला ही होता है। ऐसे में जर्सी पर लगे लोगो या अन्य चिन्ह या निशान पिंक रंग के होते हैं। सिडनी में पहली बार पिंक टेस्ट साल 2009 में खेला गया था और ये ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच आयोजित हुआ था। 

ग्लैन मैक्ग्रा की संस्था चलाती है विशेष अभियान

पिंक टेस्ट का श्रेय बहुत हद तक ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा को जाता है। उनकी संस्था ग्लैन मैक्ग्रा फाउंडेशन ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सिडनी में खेले जाने वाले मैच के दौरान खास अभियान चलाती है।

मैक्ग्रा की पत्नी की मौत भी ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थीं और इस बीमारी से उबरने के तीन साल बाद उनकी मौत हो गई थी। मैक्ग्रा ने ये संस्था अपनी पत्नी जेन मैक्ग्रा के साथ साल 2005 में शुरू की थी। पिंक टेस्ट मैच से जुटाई गई राशि ग्लेन मैक्ग्रा फाउंडेशन को दी जाती है।

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