Ind vs WI: कहानी उस खूनी टेस्ट की, जब अस्पताल पहुंच गए थे टीम इंडिया के 5 खिलाड़ी

भारतीय टीम की हालत ऐसी थी कि कप्तान बिशन सिंह बेदी ने 97 रनों पर पारी घोषित कर दी थी और वेस्टइंडीज को जीत के लिए 13 रनों का लक्ष्य दिया था।

By सुमित राय | Published: September 02, 2019 12:21 PM

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ठळक मुद्देबात साल 1976 की है जब भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर थी।भारतीय टीम ने तीसरा टेस्ट जीतकर सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली थी।चौथे टेस्ट में विंडीज ने अलग रणनीति बनाई और भारतीय बल्लेबाजों को घायल कर दिया।

जमैका के सबीना पार्क में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम जीत से सिर्फ 8 विकेट दूर है। भारत से मिले 468 रनों के लक्ष्य के सामने वेस्टइंडीज ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक 45 रन पर दो विकेट गंवा दिए थे और टीम 423 रनों से पीछे है। 

भारतीय गेंदबाजी और बल्लेबाजी के आगे कैरेबियाई खिलाड़ी टिक नहीं पाए और टीम इंडिया मैच में मजबूत स्थिति में पहुंच गई है। लेकिन एक समय यह भी था कि कैरेबियाई गेंदबाजी के आगे भारतीय खिलाड़ियों की एक नहीं चली थी और भारतीय बल्लेबाज वेस्टइंडीज तेज गेंदबाजों से घायल होकर अस्पताल पहुंच गए थे।

भारत की ऐतिहासिक जीत से खीझ गए थे कैरेबियाई कप्तान

बात साल 1976 की है जब भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर थी। चार मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच जमैका में खेला जाना था। उससे पहले तीसरे टेस्ट में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 406 रनों के लक्ष्य को हासिल कर ऐतिहासिक टेस्ट जीत दर्ज की थी और सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली थी। ऐसे में उस समय वेस्टइंडीज के कप्तान रहे क्लाइव लॉयड पूरी तरह से खीझ से गए थे।

भारत ने पहले दिन सिर्फ एक विकेट गंवाकर बनाए 175 रन

21 अप्रैल 1976 को सबीना पार्क में भारत और वेस्टइंडीज के बीच मैच शुरू हुआ और विंडीज ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। भारत ने उम्मीद के मुताबिक शानदार शुरुआत की। पहले विकेट के लिए सुनील गावस्कर ने अंशुमन गायकवाड़ के साथ मिलकर 136 रन जोड़े। पहले दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने एक विकेट गंवाकर 175 रन बना लिए थे।

टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज अंशुमन गायकवाड़।

कैरेबियाई गेंदबाजों ने खौफ दिखाने की चाल चली

जब दूसरे दिन का खेल शुरू हुआ तब मोहिंदर अमरनाथ आउट हुए और भारत का स्कोर 205 रन था। वेस्टइंडीज ने अपना असली खेल यहां से शुरू किया और कप्तान क्लाइव लॉयड की टीम ने अलग रणनीति बनाई। तेज गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को बॉडीलाइन बॉलिंग कर वह खौफ दिखाने की चाल चली, जिसके लिए वह जानी जाती है।

3 भारतीय खिलाड़ियों को जाना पड़ा अस्पताल

इसके बाद अंशुमन गायकवाड़ 81 रन बनाकर और बृजेश पटेल 14 रन बनाकर रिटायर्ड हर्ट हो गए। गायकवाड़ के गेंद बाएं कान पर लगी थी और उन्हें अगले दो दिन अस्पताल में गुजारने पड़े। इसी तरह माइकल होल्डिंग की गेंद बृजेश पटेल के चेहरे पर लगी, जिससे डॉक्टरों को उनके मुंह पर टांके लगाने पड़े। इस बीच गुंडप्पा विश्वनाथ भी चोटिल हुए थे और उन्हें भी अस्पताल जाना पड़ा।

कप्तान बिशन सिंह बेदी ने घोषित की पारी

ऐसे में कप्तान बिशन सिंह बेदी ने तय किया की पहली पारी को यहीं घोषित कर देना बेहतर है वरना होल्डिंग ऐंड कंपनी उनके और खिलाड़ियों को भी चोटिल कर सकती है। भारत ने 306 रन के स्कोर पर ही अपनी पहली पारी घोषित कर दी। इसके बाद वेस्ट इंडीज की टीम 391 रन बनाकर ऑल आउट हुई और पहली पारी के आधार पर उसने 85 रन की बढ़त हासिल की। इस बीच फील्डिंग के दौरान कप्तान बिशन सिंह बेदी और चंद्रशेखर भी चोटिल हो गए। 

भारतीय टीम के मौजूदा कप्तान बिशन सिंह बेदी।

भारत ने दूसरी पारी में 97 रन पर गंवाए 5 विकेट

गायकवाड़ के चोटिल होने के बाद दूसरी पारी में गावस्कर के साथ दिलीप वेंगसरकर ने पारी की शुरुआत की। गावस्कर कुछ खास नहीं कर पाए और 2 रन बनाकर होल्डिंग की ही गेंद पर आउट हो गए। इसके बाद वेंगसरकर और मोहिंदर अमरनाथ (60) ने भारत की पारी को संभालने की कोशिश की। वेंगसरकर जब आउट हुए तब भारत का स्कोर 68 रन था। इसके बाद 97 के स्कोर पर मदन लाल, मोहिंदर अमरनाथ और एस वैंकटराघवन पवेलियन लौट गए।

भारतीय टीम के 5 खिलाड़ी हुए एब्सेंट आउट

5 विकेट पर 97 रन बनाकर भारतीय टीम को सिर्फ 12 रनों की बढ़त मिली थी, लेकिन यहां से कप्तान बिशन सिंह बेदी ने अपने बाकी बल्लेबाज मैदान पर नहीं उतारने का फैसला किया और पारी  घोषित कर दी। भारतीय टीम के पास 5 विकेट बचा था, लेकिन पहली पारी में चोटिल हुए तीन बल्लेबाज बैटिंग करने की स्थिति में नहीं थे। वहीं बिशन सिंह बेदी और चंद्रशेखर फील्डिंग के दौरान चोटिल हुए थे। इस तरह भारत के शेष 5 विकटों को एब्सेंट आउट माना गया और टीम इंडिया 97 रन पर ऑल आउट हो गई।

वेस्टइंडीज ने 1.5 ओवर में हासिल किया लक्ष्य

यहां से वेस्टइंडीज को मैच जीतने के लिए सिर्फ 13 रनों की जरूरत थी और मेजबान टीम ने यह लक्ष्य 1.5 ओवर में ही हासिल कर लिया। इस तरह भारतीय टीम यह मैच 10 विकेट से हार गई और सीरीज भी 1-2 से गंवा दिया।

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