क्यों रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट में जगह पक्की करने में रहे नाकाम, जानें इसके पीछे का कारण

रोहित शर्मा ने नवंबर 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था, लेकिन अब तक सिर्फ 27 टेस्ट मैच ही खेल पाए हैं।

By सुमित राय | Published: September 13, 2019 4:32 PM

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ठळक मुद्देबीसीसीआई ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया है।केएल राहुल को टीम में जगह नहीं मिला, जिसके बाद रोहित शर्मा के पारी का आगाज करने का रास्ता साफ हो गया है।

साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2 अक्टूबर से शुरू हो रही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने गुरुवार को 15 सदस्यीय भारतीय टेस्ट टीम का ऐलान कर दिया। खराब प्रदर्शन से जूझ रहे सलामी बल्लेबाज केएल राहुल को टीम से बाहर कर दिया गया, जिसके बाद वनडे के उपकप्तान रोहित शर्मा के टीम में पारी का आगाज करने का रास्ता साफ हो गया।

डेब्यू टेस्ट में ही रोहित ने मचा दिया था धमाल

रोहित शर्मा ने नवंबर 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था, लेकिन अब तक सिर्फ 27 टेस्ट मैच ही खेल पाए हैं। रोहित शर्मा ने डेब्यू टेस्ट में ही 177 रनों की पारी खेलकर तहलका मचा दिया था, जो उनके करियर का उच्चतम स्कोर है। इसके बाद अगले मैच में भी शतक जड़ा और 111 रनों की पारी खेली।

खराब प्रदर्शन के कारण नहीं हो पाई जगह पक्की

रोहित के इस प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा और उन्हें टेस्ट टीम के लिए पक्का समझा जाने लगा, लेकिन इसके बाद रोहित शर्मा का बल्ला टेस्ट क्रिकेट में खामोश ही रहा और वो टीम के अंदर-बाहर होते रहे। रोहित के खराब प्रदर्शन का यह आलम रहा कि डेब्यू सीरीज में दो शतक लगाने के बाद उनको अगले शतक के लिए चार साल का इंतजार करना पड़ा और अब तक वो टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ तीन ही शतक लगा पाए हैं।

वनडे में धमाके के बाद टेस्ट में धाक जमाने का मौका

हालांकि रोहित शर्मा हाल के समय में शानदार फॉर्म में है और आईसीसी वर्ल्ड कप में 648 रन बनाकर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे। वनडे क्रिकेट में तीन दोहरा शतक जड़ने वाले रोहित शर्मा के पास टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह पक्की करने का शानदार मौका है।

टेस्ट क्रिकेट में फिट नहीं होने का सबसे बड़ा कारण

पिछले कुछ सालों में टेस्ट क्रिकेट में भारतीय ओपनर्स का प्रदर्शन खराब रहा है और इनमें रोहित शर्मा भी शामिल हैं। वनडे क्रिकेट में शानदार ओपनर के तौर पर अपनी पहचान बना चुके रोहित टेस्ट में नई गेंदों से काफी परेशान दिखते हैं। विदेशी जमीन पर लाल गेंद (विशेष रूप से ड्यूक गेंदों) को सफेद गेंदों की तुलना में अधिक स्विंग मिलता है और रोहित को स्विंग गेंदों को शरीर से दूर खेलने की आदत है, यहीं कारण है कि टेस्ट क्रिकेट में वो इतने सफल नहीं हो पाए।

रोहित के लिए टेस्ट में हो सकता है आखिरी मौका

रोहित शर्मा के लिए टेस्ट क्रिकेट में जगह बनाने के लिए यह आखिरी मौका हो सकता हैं, क्योंकि हाल के समय के कुछ ऐसे युवा खिलाड़ी सामने आ रहे हैं जिन्हें सिर्फ एक मौके की जरूरत है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ शुभमन गिल को मौका मिला है, जबकि प्रियांक पांचाल और अभिमन्यु ईश्वरन जैसे खिलाड़ियों ने काफी मेहनत की है, जो एक मौके की तलाश में हैं।

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