Highlightsदक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत बड़े स्कोर की ओर, मयंक-रोहित के बीच 300 रनों से ज्यादा की साझेदारी विशाखापट्टनम टेस्ट में मयंक अग्रवाल ने जड़ा अपने करियर का पहला टेस्ट शतक
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विशाखापट्टनम में जारी पहले टेस्ट के दूसरे दिन भी रोहित शर्मा और मयंक अग्रवाल का शानदार खेल जारी है। मयंक शर्मा ने जहां अपना पहला शतक जड़ा वहीं, रोहित शर्मा भी 150 से ज्यादा रन पूरा करने में कामयाब रहे। पहले दिन के बिना किसी नुकसान के 202 रनों से आगे खेलने उतरी रोहित शर्मा और मयंक अग्रवाल ने दूसरे दिन भी अच्छी शुरुआत की। 84 रनों से आगे खेलने उतरे मयंक ने 204 गेंदों में अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा।
मयंक ने यह शतक भारतीय पारी के 69वें ओवर में ठोका। इसके साथ ही वह किसी टेस्ट में शतक लगाने वाले 86वें भारतीय बल्लेबाज बन गये। यही नहीं, बतौर सलामी बल्लेबाज वह शतक लगाने वाले 33वें भारतीय बल्लेबाज बने। यह खबर लिखे जाने तक भारत ने 82 ओवर तक 317 रन पर एक विकेट गंवा दिया था। रोहित शर्मा (176) पहले बल्लेबाज के तौर पर आउट हुए। उनका विकेट केशव महाराज ने लिया।
मयंक अग्रवाल 137 रन पर खेल रहे हैं। हालांकि, रोहित के आउट होने से पहले उन्होंने मयंक के साथ जरूर 300 से ज्यादा की साझेदारी की। ऐसा करने वाली यह सिर्फ तीसरी भारतीय सलामी जोड़ी है। इससे पहले वीनू मांकड़-पंकज राय के बीच 1956 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 413 रनों की साझेदारी हुई थी। वहीं, वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ 410 रनों की मैराथन साझेदारी कर चुके हैं।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत की ओर से सबसे बड़ी साझेदारी
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यह भारत की ओर से सबसे बड़ी साझेधारी है। इससे पहले यह रिकॉर्ड वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ के नाम था। इन दोनों बल्लेबाजों ने 2007-08 में दूसरे विकेट के लिए 268 रनों की साझेधारी की थी। वहीं, 2009-10 में सातवें विकेट के लिए वीवीएस लक्ष्मण और महेंद्र सिंह धोनी के बीच कोलकाता में 259 रनों की साझेदारी हुई थी।
इससे पहले बुधवार को मैच के पहले दिन टेस्ट क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज की भूमिका का शानदार आगाज करने करते हुए रोहित शर्मा ने शतक जड़ा जिससे भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट के वर्षा से प्रभावित पहले दिन बुधवार को यहां बिना विकेट खोए 202 रन बनाकर बेहतरीन शुरुआत की। चाय के विश्राम के दौरान तेज बारिश शुरू हो गई जिसके बाद कोई गेंद नहीं फेंकी जा सकी।