भारतीय टीम को हमेशा से ही एक बेहतरीन 'कैच लेने वाली इकाई' के तौर पर जाना जाता है। लेकिन फील्डिंग कोच आर श्रीधर अब वर्ल्ड कप टीम के डायरेक्ट थ्रो की क्षमता में सुधार करना चाहते हैं।
वर्तमान भारतीय टीम में शामिल कई युवा खिलाड़ी अपनी बेहतरीन फिटनेस और फुर्ती के बावजूद विकेट पर डायरेक्ट थ्रो का निशाना लगाने में चूकते रहे हैं, जो करीबी मुकाबलों में महत्वपूर्ण पहलू बन जाता है।
इस समस्या से निपटने के लिए फील्डिंग कोच श्रीधर ने एक नई फील्डिंग ड्रिल 'राउंड द क्लॉक' शुरू की है। इस ड्रिल में फील्डर्स छह अलग जगहों से नॉन स्ट्राइक ऐंड पर निशाना लगाते हैं।
हालांकि ये ड्रिल 'नई बोतल में पुरानी शराब' की तरह है लेकिन भारतीय खिलाड़ी इसका लुत्फ उठा रहे हैं, जोकि वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट के लिए महत्वपूर्ण है।