क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019: किस टीम में है कितना दम, जानें सभी टीमों की कमजोरी और ताकत

आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 की शुरुआत 30 मई से इंग्लैंड और वेल्स में हो रही है और इसमें भाग लेने वाली सभी 10 टीमों ने इसके लिए कमर कसनी शुरू कर दी है।

By सुमित राय | Published: May 06, 2019 6:09 AM

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ठळक मुद्देआईसीसी विश्व कप में इस साल 10 टीमें भाग ले रही हैं।पांच ऐसी टीमें है जो कभी वर्ल्ड कप खिताब नहीं जीत पाई हैं।वर्ल्ड कप की शुरुआत 30 मई से इंग्लैंड और वेल्स में हो रही है।

ICC World Cup 2019:आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 की शुरुआत 30 मई से इंग्लैंड और वेल्स में हो रही है और इसमें भाग लेने वाली सभी 10 टीमों ने इसके लिए कमर कसनी शुरू कर दी है। इस साल भारत और मेजबान इंग्लैंड को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। भारत तीसरी बार और इंग्लैंड पहली बार आईसीसी वर्ल्ड कप का खिताब हासिल करने की कोशिश करेगा।

इंग्लैंड और वेल्स की संयुक्त मेजबानी में 30 मई से 14 जुलाई तक होने वाले आईसीसी विश्व कप में 10 टीमें भाग ले रही हैं। इनमें मौजूदा चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया, भारत, वेस्टइंडीज, पाकिस्तान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इन टीमों पांच ऐसी टीमें है जो कभी भी खिताब नहीं जीत पाई हैं, जबकि 5 टीमें पहले चैंपियन बन चुकी हैं।

नजर डालते हैं इस साल विश्व कप में हिस्सा लेने वाली टीमों पर : 

भारत : (दो बार की चैंपियन)

भारतीय टीम आईसीसी वर्ल्ड कप का खिलाफ साल 1983 और 2011 में अपने नाम कर चुकी है और इस बार भी हर कोई खिताब का प्रबल दावेदार मान रहा है। आक्रामक कप्तान विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने 2018 में एशिया कप जीतने के अलावा दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के खिलाफ भी सीरीज जीती है। टीम ने हाल में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को उसके घर में ही वनडे सीरीज में मात देकर बता दिया है कि वह सिर्फ कागजों पर ही नहीं बल्कि मैदान में भी खिताब की दावेदार हैं।

क्रिकेट के तीनों विभागों बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में टीम का संतुलित होना, उसके लिए प्लस प्वाइंट माना जा रहा है। रन मशीन कोहली, कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल टीम के गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। टीम का मध्यक्रम हालांकि उसके लिए चिंता सबब है, लेकिन केएल राहुल, विजय शंकर, केदार जाधव और एमएस धोनी इस कमी को दूर कर सकते हैं।

वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम : विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उप कप्तान), शिखर धवन, केएल राहुल, विजय शंकर, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), केदार जाधव, दिनेश कार्तिक, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा, मोहम्मद शमी.

इंग्लैंड : (तीन बार फाइनल)

क्रिकेट की जन्मस्थली इंग्लैंड है, लेकिन इंग्लिश टीम एक बाद भी वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम नहीं कर पाई है। टीम तीन बार 1979, 1987 और 1992 में फाइनल पहुंची है, लेकिन तीनों बार उसे उप-विजेता बनने का ही मौका मिल पाया है। 1975 में विश्व कप के शुरू होने से लेकर अब तक इंग्लैंड ने हर बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है, लेकिन वह आज तक कभी चैंपियन बनने के सपने को पूरा नहीं कर पाया है।  विश्व कप के लिए भारत के अलावा अगर किसी टीम को सबसे बड़ा दावेदार बताया जा रहा है तो वह मेजबान इंग्लैंड है।

मेजबान होने की वजह से इंग्लैंड को घरेलू परिस्थितियों का फायदा मिलेगा, इसलिए वह इस बार खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। इयॉन मॉर्गन की कप्तानी वाली इंग्लैंड मौजूदा समय में वनडे रैंकिंग में नंबर-1 स्थान पर काबिज है। मेजबान टीम के पास जॉनी बेयरस्टो, जो रूट, मोर्गन और विकेटकीपर जोस बटलर के रूप में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी भी बड़े लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा कर सकते हैं। उसकी बड़ा लक्ष्य हासिल करने की क्षमता उसकी सबसे बड़ी ताकत है।

वर्ल्ड कप के लिए इंग्लैंड टीम : इयॉन मॉर्गन (कप्तान), मोईन अली, जॉनी बेयरस्टो, जोस बटलर (विकेटकीपर), टॉम करन, जोय डेनली, एलेक्स हेल्स, लियाम प्लंकेट, आदिल राशीद, जो रूट, जेसन रॉय, बेन स्टोक्स, डेविड विली, क्रिस वोक्स, मार्क वुड.

ऑस्ट्रेलिया : (पांच बार की चैंपियन)

विश्वकप के इतिहास की सबसे सफल टीम ऑस्ट्रेलिया के सामने मौजूदा चैंपियन होने के नाते अपना खिताब बचाने की चुनौती है। ऑस्ट्रेलिया ने साल 1987, 1999, 2003, 2007 और 2015 में वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया है। हालांकि बीते साल बॉल टेम्परिंग मामले के बाद टीम का प्रदर्शन चैंपियन जैसा नहीं दिखा है और टीम बेहद कमजोर नजर आने लगी है। हालांकि बॉल टैम्परिंग में शामिल स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर पर लगा बैन अब खत्म हो गया है और दोनों खिलाड़ियों ने आईपीएल में अपने प्रदर्शन से यह साबित भी कर दिया है कि वो वर्ल्ड कप के लिए तैयार हैं।

वर्ल्ड कप के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम : एरोन फिंच (कप्तान), उस्मान ख्वाजा, डेविड वॉर्नर, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), स्टीव स्मिथ, शॉन मार्श, ग्लेन मैक्सवेल, पैट कमिंस, मार्कस स्टोइनिस, जेसन बेहरनडॉफ, नाथन कूल्टर-नाइल, नाथन लॉयन, जॉय रिचर्ड्सन, मिशेल स्टार्क और एडम जम्पा।

दक्षिण अफ्रीका : (चार बार सेमीफाइनल)

विश्व कप में 'चोकर्स' के नाम से मशहूर दक्षिण अफ्रीका के पास इस बार अपने ऊपर लगे इस दाग को धोने का समय है। साल 1992, 1999, 2007 और 2015 में सेमीफाइनल तक का सफर तय करने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम अपने हरफनमौला खिलाड़ियों के दम पर सेमीफाइनल से आगे पहुंचना चाहेगी। एबी डिविलियर्स के संन्यास लेने के बाद से अब कप्तान फॉफ डु प्लेसिस, क्विंटन डि कॉक, हाशिम अमला और डेविड मिलर जैसे अनुभवी बल्लेबाजों को जिम्मेदारी लेनी होगी। गेंदबाजी में कगीसो रबादा, डेल स्टेन और लुंगी नगिडी टीम के लिए गेम चेंजर बन सकते हैं, हालांकि रबादा और डेल स्टेन चोट से परेशान हैं।

वर्ल्ड कप के लिए दक्षिण अफ्रीकी टीम : फाफ डु प्लेसिस (कप्तान), ऐडन मार्करम, क्विंटन डि कॉक (विकेटकीपर), हाशिम अमला, रासी वेन डर दुसां, डेविड मिलर, ऐंडिल फेहलुकवायो, जेपी ड्यूमिनी, डेवन प्रेटोरियस, डेल स्टेन, कागिसो रबाडा, लुंगी नगिडी, एनरिच नॉर्त्जे, इमरान ताहिर और तबरेज शम्सी।

न्यूजीलैंड : (पिछली बार की उप-विजेता)

पिछले विश्व कप में फाइनल तक पहुंचने वाली न्यूजीलैंड भी कमाल कर सकती है। छह बार सेमीफाइनल तक पहुंचने वाली किवी टीम के पास रॉस टेलर, मार्टिन गप्टिल और कप्तान केन विलियमसन के रूप में अनुभवी बल्लेबाज मौजूद हैं। ब्रैंडन मैक्कलम के संन्यास लेने के बाद से विलियमसन के नेतृत्व में टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है, लेकिन उससे पहले उसे भारत के हाथों 1-4 से सीरीज गंवानी पड़ी थी। ट्रैंट बोल्ट, टिम साउदी और लॉकी फर्ग्युसन की तिकड़ी किवी टीम को पिछले बार के सपने को पूरा कर सकती है।

वर्ल्ड कप के लिए न्यूजीलैंड टीम : केन विलियमसन (कप्तान), मार्टिन गप्टिल, हेनरी निकोल्स, रॉस टेलर, टॉम लैथम, कोलिन मुनरो, टॉम ब्लंडेल, जिमी नीशम, कोलिन डि ग्रैंडहोम, मिशेल सैंटनर, ईश सोढ़ी, टिम साउदी, मैट हेनरी, लॉकी फर्ग्युसन, ट्रेंट बोल्ट।

वेस्टइंडीज : (दो बार की चैम्पियन)

दो बार की विश्व विजेता वेस्टइंडीज के पास विस्फोटक बल्लेबाजों की भरमार है और वर्ल्ड कप के बाद संन्यास लेने की घोषणा कर चुके क्रिस गेल अपने आखिरी विश्व कप को यादगार बनाना चाहेंगे। हालांकि विंडीज टीम का गेंदबाजी आक्रमण काफी कमजोर है और अनुभव की कमी है। टीम के हालिया प्रदर्शन पर नजर डालें तो 2017 में 22 मैचों मे सिर्फ तीन और 2018 में 18 मैचों में मात्र आठ में ही जीत दर्ज करने में सफल रही थी। इसके अलावा वर्ल्ड कप का प्रदर्शन भी कुछ खास नहीं रहा है और टीम पिछले दो विश्व कप 2011 और 2015 में क्वार्टर फाइनल तक भी नहीं पहुंच पाई थी।

वर्ल्ड कप के लिए वेस्टइंडीज टीम : जेसन होल्डर (कप्तान), फेबियन एलन, कार्लोस ब्रेथवेट, डेरेन ब्रावो, शेल्डन कॉट्रेल, शैनन गैब्रियल, क्रिस गेल, शिमरोन हेटमायेर, शाई होप (विकेटकीपर), एविन लुईस, एश्ले नर्स, निकोलस पूरन (विकेटकीपर), केमार रोच, आंद्रे रसेल, ओशाने थॉमस।

पाकिस्तान : (1 बार की विजेता)

दो साल पहले भारत को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली पाकिस्तानी टीम को लेकर कोई भी भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी। सरफराज अहमद की टीम के पास बल्लेबाजी में वह आक्रमकता नहीं है जो उसकी गेंदबाजी में नजर आती है। टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी शोएब मलिक अब तक 279 वनडे मैच खेल चुके हैं। 37 साल के हो चुके मलिक का संभवत: यह आखिरी विश्व कप हो सकता है, जिसे वह यादगार बनाना चाहेंगे। उनके अलावा फखर जमान, इमाम उल हक और बाबर आजम ऐसे प्रमुख खिलाड़ी है जो 1992 में विश्व कप जीतने वाली पाकिस्तानी टीम को मैच जिताने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

वर्ल्ड कप के लिए पाकिस्तान टीम : सरफराज अहमद (कप्तान-विकेटकीपर), फखर जमान, इमाम उल हक, बाबर आजम, शादाब खान, शोएब मलिक, फहीम अशरफ, शाहीन अफरीदी, हसन अली, आबिद अली, मोहम्मद हफीज, इमाद वसीम, जुनैद खान, मोहम्मद हसनैन और हैरिस सोहेल।

श्रीलंका : (1 बार की विजेता)

साल 1996 में विश्व कप जीतने वाली श्रीलंकाई टीम हाल के समय सीमित ओवरों के क्रिकेट में मुश्किल दौर से गुजर रही है। पिछले सीजन में क्वार्टर फाइनल से बाहर होने वाली श्रीलंकाई टीम के पास दिग्गजों की कमी है। श्रीलंका की चिंता उसके पास अच्छे खिलाड़ियों की कमी है। विश्व विजेता बनने के लिए जो संयोजन और खिलाड़ी एक टीम को चाहिए होते हैं वह श्रीलंका में दिखाई नहीं देते। हालांकि क्रिकेट दिन विशेष का खेल है जो किसी भी समय पासा पलट सकता है।

वर्ल्ड कप के लिए श्रीलंकाई टीम : दिमुथ करुणारत्ने (कप्तान), लसिथ मलिंगा, एंजेलो मैथ्यूज, तिसारा परेरा, कुशल परेरा, धनंजय डिसिल्वा, कुशल मेंडिस, इसुरू उदाना, मिलिंदा श्रीवर्धने, अविष्का फर्नांडो, जीवन मेंडिस, लाहिरू थिरिमाने, जैफ्री वेंडरसे, नुवान प्रदीप और सुरंगा लकमल।

बांग्लादेश : (कोई वर्ल्ड कप खिताब नहीं)

आईसीसी वर्ल्ड कप 2015 में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाली बांग्लादेश की टीम ने उसके बाद से अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार किया है। टीम 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल तक पहुंची थी। 2018 में उसने 20 वनडे मैचों में से 13 मैच जीते हैं। बांग्लादेश के पास ऐसे खिलाड़ियों की फौज है जो वनडे में काफी प्रभावी साबित हो सकते हैं, लेकिन इस टीम का सबसे कमजोर पहलू उसका अति उत्साह है जिसमें आकर टीम कई बार बहुत बड़ी गलितयां कर जाती है। साथ ही प्रदर्शन में निरंतरता भी उसकी एक समस्या हो सकती है।

वर्ल्ड कप के लिए बांग्लादेश टीम : मशरफे मुर्तजा (कप्तान), तमीम इकबाल, महमूदउल्लाह, मुश्फिकुर रहीम, शाकिब अल हसन (उपकप्तान), सौम्या सरकार, लिटन दास, शब्बीर रहमान, मेहंदी हसन मिर्जा, मोहम्मद मिथुन, रुबेल हुसैन, मुस्ताफिजुर रहमान, मोहम्मद सैफुद्दीन, मोसद्देक हुसैन, अबु जाएद।

अफगानिस्तान :  (कोई वर्ल्ड कप खिताब नहीं)

अफगानिस्तान की टीम दूसरी बार विश्व कप में भाग ले रही है। 2018 एशिया कप में उसने श्रीलंका और बांग्लादेश को हराया था और भारत के साथ टाई खेलकर यह बता दिया कि आगामी विश्व कप में उसे कम आंकना बड़ी भूल हो सकती है। टीम की बल्लेबाजी बेशक कमजोर दिखाई दे रही हो, लेकिन उसकी गेंदबाजी अन्य टीमों के लिए घातक साबित हो सकती है। लेग स्पिनर राशिद खान अफगानिस्तान के लिए ट्रम्प कार्ड साबित हो सकते हैं, जिन्होंने 44 मैचों में सबसे तेज 100 विकेट लिए हैं। इस टीम की खासियत यह है कि यह छोटे से छोटे लक्ष्य का बचाव कर सकती है।

वर्ल्ड कप के लिए अफगानिस्‍तान टीम : गुलबदीन नायब (कप्तान), मोहम्मद शहजाद (विकेटकीपर), नूर अली जादरान, हजरतुल्लाह जजाई, रहमत शाह, असगर अफगान, हशमतुल्लाह शाहिदी, नजीबुल्लाह जादरान, समीउल्लाह शेनवारी, मोहम्मद नबी, राशिद खान, दवालत जादरान, आफताब आलम, हामिद हसन और मुजीब उर रहमान।

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