आईसीसी ने धोनी को ग्लव्स से 'बलिदान बैज' हटाने को कहा, जानें क्या है इसके पीछे कारण

आईसीसी ने बीसीसीआई से अपील करते हुए कहा है कि वह धोनी से उनके दस्तानों पर बने सेना के चिन्ह को हटाने को कहे।

By सुमित राय | Published: June 06, 2019 9:13 PM

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ठळक मुद्देधोनी बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में बलिदान बैज वाला ग्लव्स पहनकर खेला था।सोशल मीडिया में कई फैंस ने एमएस धोनी के इस अंदाज की जमकर तारीफ की।आईसीसी की नियम अलग हैं और उसने धोनी से यह बैज हटाने की अपील की है।

भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 के मैच में बलिदान बैज (प्रतीक चिन्ह) वाला ग्लव्स पहनकर खेला था। अब आईसीसी ने बीसीसीआई से अपील करते हुए कहा है कि वह धोनी से उनके दस्तानों पर बने सेना के चिन्ह को हटाने को कहे।

सोशल मीडिया में कई फैंस ने एमएस धोनी के इस अंदाज की जमकर तारीफ की और लिखा कि इसीलिए उनके प्रति लोगों के मन में इतना सम्मान है। आईसीसी की सोच और नियम अलग हैं और उसने यह बैज हटाने की अपील की है।

आईसीसी के नियम के मुताबिक, 'आईसीसी के कपड़ों या अन्य चीजों पर अंतर्राष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीति, धर्म या नस्लभेदी जैसी चीजों का संदेश नहीं होना चाहिए।'

एमएस धोनी ने क्यों पहना ऐसा ग्लव्स

2011 में धोनी को भारतीय सेना का मानद लेफ्टिनेंट कर्नल बनाया गया था और वह कुछ समय के लिए पैरा रेजिमेंट में ट्रेनिंग के लिए भी गए थे। आगरा में अपनी इस ट्रेनिंग अवधि के दौरान धोनी ने भारतीय वायुसेना के विमान एएन-32 पैराशूट्स से पांच छलांग लगाई थी और ऐसा करते हुए पैरा विंग्स प्रतीक चिन्ह लगाने की योग्यता हासिल की थी।

धोनी का सेना से रहा है खास लगाव

पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी के सेना के लिए प्यार से सब अवगत हैं, वह अक्सर सेना से जुड़ने की अपनी इच्छा जाहिर करते रहते हैं। इसी साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज के मैच के दौरान रांची में खेले गए वनडे में टीम इंडिया भारतीय सेना की कैप पहनकर खेली थी। भारतीय टीम ने ये कदम 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए उठाया था।

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