सचिन को 'दूसरा' फेंकने से डर रहे थे सकलैन मुश्ताक, कहा, 'आखिरी सांस तक याद रखूंगा चेन्नई टेस्ट में लिया उनका विकेट'

Saqlain Mushtaq, Sachin Tendulkar: पाकिस्तान के महान स्पिनरों में शुमार सकलैन मुश्ताक ने कहा है कि उन्हें इस बात पर आखिरी सांस तक गर्व होगा कि वह 1999 के चेन्नई टेस्ट में सचिन को आउट कर पाए

By अभिषेक पाण्डेय | Published: April 15, 2020 3:21 PM

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ठळक मुद्देआप यकीन नहीं करेंगे, लेकिन मैं उन्हें दूसरा फेंकने को लेकर डरा हुआ था: सकलैनभगवान की कृपा से मैं उन्हें 1999 के चेन्नई टेस्ट में आउट कर सका: सकलैन

1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गए चेन्नई टेस्ट को इन दोनों देशों के बीच सबसे रोमांचक मुकाबलों में से एक के रूप में गिना जाता है। भारतीय टीम 271 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय 81/5 के स्कोर के साथ संघर्ष कर रही थी, लेकिन इसके बाद मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने विकेटकीपर बल्लेबाज नयन मोगिंया (52) के साथ मिलकर स्कोर 218 तक पहुंचा दिया। 

मोंगिया के आउट होने के बाद सचिन ने शतक जड़ा और जब ऐसा लगा कि वह अकेले ही भारत को जीत दिला देंगे तो उन्हें सकलैन मुश्ताक ने आउट कर दिया और भारत 258 रन पर सिमटते हुए 12 रन से मैच हार गया।

भगवान मेरे साथ थे, जो सचिन को आउट कर पाया: सकलैन मुश्ताक

उस मैच के बारे में सकलैन मुश्ताक ने स्पोर्टस्टार के साथ इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान कहा कि उस दिन भगवान उनके साथ थे। मुश्ताक ने कहा, 'भगवान उस दिन मेरे साथ थे। मैंने नहीं सोचा था कि मैं मास्टर ब्लास्टर (सचिन) को आउट कर पाऊंगा। लेकिन जब भगवान की योजना होती हैं, तो आप उसे मात नहीं दे सकते। मेरी आखिरी सांस तक, ये बात मुझे गौरवान्वित करेगी कि उस दिन मैं उन्हें आउट कर सका। मेरा नाम उसके नाम के साथ जुड़ा रहेगा...' 

मुश्ताक ने कहा कि उस दिन मैदान पर उन्हें तब के पाकिस्तानी कप्तान वसीम अकरम ने प्रेरित किया था। सकलैन ने कहा, 'उन्होंने (अकरम) मुझसे कहा था कि उन्हें मुझ पर पूरा भरोसा है और उन्हें यकीन था कि मैं टीम के लिए कुछ जादुई कर सकता हूं। उन शब्दों ने मेरी मदद की और अचानक ही मैंने खुद को ताकतवर महसूस किया।' 

सचिन को दूसरा फेंकने से डर रहा था: सकलैन

पाकिस्तान के इस पूर्व स्पिनर ने कहा कि वह सचिन को दूसरा फेंकने को लेकर डरे हुए थे, क्योंकि उनकी बैटिंग भयभीत कर रही थी। उन्होंने कहा, 'मैंने कुछ बाउंड्री खर्च की, लेकिन आखिरकार उन्हें (सचिन) आउट कर लिया। सचिन के पास तेज आंखें थीं, और वह सबकुछ पढ़ सकते थे। ये भयभीत करने वाला था। आप यकीन नहीं करेंगे, लेकिन मैं उन्हें दूसरा फेंकने को लेकर डरा हुआ था-डर था कि कहीं वह चौका न जड़ दें।'

सकलैन ने कहा, 'ये उनकी (सचिन) ताकत थी। पिच धीमी थी, इसलिए ये मुश्किल था, लेकिन फिर भगवान की कृपा से मैं उन्हें आउट कर सका।'

पाकिस्तान के स्पिन लेजेंड ने आगे कहा कि उन्होंने शानदार अतिथि-सत्कार के कारण भारत दौरे का लुत्फ उठाया। 'भारत का दौरा हमेशा मजेदार रहा। लोग मेहमाननवाज थे। आप शॉपिंग के लिए जा सकते थे या आप हैदराबादी बिरयानी के लिए रेस्टोरेंट जा सकते थे, और लोग आपसे पैसे नहीं लेगे। ऐसी विनम्रता थी। लेकिन मैदान पर हम जानते थे कि हम हारना बर्दाश्त नहीं कर सकते।'

टॅग्स :सचिन तेंदुलकरभारत vs पाकिस्तान

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