भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज माधव आप्टे का सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे और 5 अक्टूबर को 87 साल के होने वाले थे। माधव आप्टे के बेटे वामन आप्टे ने बताया कि पूर्व ओपनर ने सुबह छह बजकर नौ मिनट पर मुंबई ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। वामन ने कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन जीया।
भारत के लिए 7 टेस्ट मैच खेलने वाले माधव आप्टे ने 49.27 की औसत से 542 रन बनाए। इनमें तीन अर्धशतक और एक शतक शामिल है। हालांकि उन्हें टीम से बाहर क्यों किया गया था, वे अपने जीवन के इस रहस्य को कभी नहीं सुलझा पाए। वह साल 1953 में वेस्टइंडीज दौरे पर टीम इंडिया के सदस्य थे और उन्होंने 460 रन बनाए थे, लेकिन इस दौरे के बाद उन्हें कभी टीम में शामिल नहीं किया गया।
वेस्ट इंडीज दौरे पर ऐसा रहा था सफर
माधव आप्टे वेस्टइंडीज दौरे पर पाली उमरीगर के बाद दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। उन्होंने 51.1 की औसत से पांच मैच में 460 रन बनाए थे। इनमें पोर्ट ऑफ स्पेन में बनाए शानदार 163 रनों की नाबाद पारी भी शामिल है। जबकि उमरीगर ने इतने ही मैचों में 62.22 की औसत से 560 रन बनाये थे।
लेग स्पिनर के रूप में हुई शुरुआत
माधव आप्टे ने लेग स्पिन गुगली गेंदबाज के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। इस मोर्चे पर उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। जाइल्स एंड शील्ड टूर्नामेंट के एक मैच में उन्होंने 10 रन देकर 10 विकेट लिए। हालांकि टेस्ट क्रिकेट में उन्हे सिर्फ एक ओवर गेंदबाजी की थी और 3 रन दिए थे, लेकिन कोई विकेट नहीं ले पाए।
रणजी के डेब्यू मैच में शतक
1951 के रणजी सीजन में मुंबई के ओपनर विजय मर्चेंट सौराष्ट्र के खिलाफ पहले मैच से पूर्व ही चोटिल हो गए थे। माधव आप्टे को उनकी जगह ओपनर के रूप में खिलाया गया। उन्होंने पहले ही मैच में शतक जमाया। माधव आप्टे के फर्स्ट क्लास क्रिकेट पर नजर डालें तो उन्होंने 67 मैचों में 38.79 की औसत से 3336 रन बनाए। इसमें 6 शतक और 16 अर्धशतक शामिल है।