लोकपाल ने रजत शर्मा को DDCA अध्यक्ष पद छोड़ने की अनुमति दी, 2 सप्ताह पहले दिया था इस्तीफा

रजत शर्मा का लगभग 20 महीने का कार्यकाल उतार चढ़ाव से भरा रहा। इस बीच उनके महासचिव विनोद तिहाड़ा से मतभेद सार्वजनिक तौर पर सामने आये।

By भाषा | Published: November 29, 2019 05:46 PM2019-11-29T17:46:37+5:302019-11-29T17:46:37+5:30

DDCA chief Rajat Sharma's resignation accepted, decision soon on BCCI AGM | लोकपाल ने रजत शर्मा को DDCA अध्यक्ष पद छोड़ने की अनुमति दी, 2 सप्ताह पहले दिया था इस्तीफा

लोकपाल ने रजत शर्मा को DDCA अध्यक्ष पद छोड़ने की अनुमति दी, 2 सप्ताह पहले दिया था इस्तीफा

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Highlightsरजत शर्मा ने संगठन के अंदर ‘काफी खींचतान और दबाव’ का हवाला देकर 16 नवंबर को त्यागपत्र दे दिया था।रजत शर्मा के 16 नवंबर को त्यागपत्र के कुछ घंटों बाद ही सीईओ रवि चोपड़ा ने भी इस्तीफा दे दिया था।

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) बदर दुरेज अहमद ने शुक्रवार को वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा का डीडीसीए अध्यक्ष पद से त्यागपत्र मंजूर कर दिया। उन्होंने लगभग दो सप्ताह तक इसे स्वीकार नहीं किया था। शर्मा ने संगठन के अंदर ‘काफी खींचतान और दबाव’ का हवाला देकर 16 नवंबर को त्यागपत्र दे दिया था। अहमद ने इसके एक दिन बाद उनके त्यागपत्र पर रोक लगा दी थी लेकिन इस वरिष्ठ पत्रकार के फिर से आग्रह करने पर उन्होंने आखिर में इसे स्वीकार कर दिया। शर्मा ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैंने आज सुबह उन्हें लिखा था और मुझे जिम्मेदारियों से मुक्त करने का आग्रह किया था।’’

अहमद को भेजे गये अपने पत्र में शर्मा ने लिखा है कि वह ऐसे संगठन में नहीं बने रह सकते हैं जहां ‘अराजकता’ की स्थिति हो। उन्होंने लिखा, ‘‘मैंने 16 नवंबर को डीडीसीए अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था और उसका कारण मैंने अपने पत्र में बताये हैं। मैं हालांकि लोकपाल के निर्देशों का सम्मान करते हुए पद पर बना रहा और जिसे बाद में उच्च न्यायालय ने भी दोहराया। हालांकि डीडीसीए में स्थिति पूरी तरह से अराजक है और ऐसे में मेरे लिये अध्यक्ष पद पर बने रहना असंभव है।’’

शर्मा का लगभग 20 महीने का कार्यकाल उतार चढ़ाव से भरा रहा। इस बीच उनके महासचिव विनोद तिहाड़ा से मतभेद सार्वजनिक तौर पर सामने आये। तिहाड़ा को संगठन में अच्छा समर्थन हासिल है। तिहाड़ा ने शर्मा गुट से ही डीडीसीए का चुनाव जीता था लेकिन कुछ सप्ताह के अंदर ही उनके क्रिकेट और प्रशासनिक गतिविधियों से जुड़े मसलों पर अध्यक्ष के साथ मतभेद पैदा हो गये। इसमें प्रोटोकाल का अनुसरण किये बिना भर्तियों पर नियंत्रण करने का आरोप भी शामिल है। तिहाड़ा को कार्यकारी समिति ने अनुशासनात्मक मामले में निलंबित कर दिया था जिसे उन्होंने अदालत में चुनौती दी थी। शर्मा ने अहमद को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मेरे लिये उन लोगों के साथ काम करना असंभव है जो लोकपाल या उच्च न्यायालय या संविधान का सम्मान नहीं करते।’’

शर्मा के 16 नवंबर को त्यागपत्र के कुछ घंटों बाद ही सीईओ रवि चोपड़ा ने भी इस्तीफा दे दिया था। क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के दो सदस्यों सुनील वाल्सन और यशपाल शर्मा ने भी अपना पद छोड़ दिया था। इसके एक दिन बाद अहमद ने शर्मा को पद पर बने रहने का आदेश दिया था और निलंबित महासचिव तिहाड़ा की बहाली की पर रोक लगा दी थी। अहमद ने शुक्रवार को कहा, ‘‘स्पष्ट है कि रजत शर्मा ने डीडीसीए अध्यक्ष पर बने रहने के इच्छुक नहीं हैं। उनके त्यागपत्र से जुड़ा यह पूरा विवाद अब खत्म हो गया है।’’

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