CWC 2023 Final: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 1996 से लेकर 2003 तक विश्वकप में आमने-सामने की भिड़ंत, देखें क्या कहते हैं आंकड़े

साल 1996 के मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की ओर से मार्क वॉ ने 126 रन बनाएं और टीम को 258 रनों तक पहुंचाया, जब 232 के स्कोर पर उनका चौथा विकेट गिरा, तो उनकी टीम बड़े स्कोर की ओर जाती दिख रही थी, लेकिन भारत ने शानदार वापसी करते हुए आखिरी छह विकेट 26 रन पर ले लिए। 

By आकाश चौरसिया | Published: November 18, 2023 4:36 PM

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ठळक मुद्दे1996 की, जब 27 फरवरी को ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय टीम आमने-सामने की लड़ाई लड़ीमैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुआ मास्टरक्लास परफॉर्मेंस के बाद भी भारत जीत नहीं सका

नई दिल्ली: अब बात आती ही साल 1996 की, जब 27 फरवरी को ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय टीम आमने-सामने की लड़ाई लड़ रहे थे। इस मैच में दोनों टीमों ने अहम भूमिका निभाई और उस दौरान मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुआ था। लेकिन, मास्टरक्लास परफॉर्मेंस के बाद भी भारत जीत नहीं सका।

पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की ओर से मार्क वॉ ने 126 रन बनाएं और टीम को 258 रनों तक पहुंचाया, जब 232 के स्कोर पर उनका चौथा विकेट गिरा, तो उनकी टीम बड़े स्कोर की ओर जाती दिख रही थी, लेकिन भारत ने शानदार वापसी करते हुए आखिरी छह विकेट 26 रन पर ले लिए। 

भारत 242 रनों पर ऑलआउटजवाबी शुरुआत धीमी रही और देखते ही देखते भारत के दो विकेट गिर गए। इसके बाद एक रोमांचक पारी देखने को मिली, क्योंकि तेंदुलकर ने अजहरुद्दीन और मांजरेकर दोनों के साथ अर्धशतकीय साझेदारी की। 90 रन रनों की तेंदुलकर ने शानदार पारी खेली और मांजरेकर की 62 रन की साहसिक पारी के बावजूद भी भारत हार गया। आखिरकार, भारत 242 रन पर आउट हो गया, जो लक्ष्य से 16 रन कम था और ऑस्ट्रेलिया के डेमियन फ्लेमिंग ने 36 रन देकर 5 विकेट लिए।

4 जून, 1999 जडेजा के शतक के बावजूद भारत हार गयाविश्वकप में 4 जून, 1999 में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी खेलते हुए 6 विकेट के नुकसान पर 282 रनों का लक्ष्य भारत के सामने रखा। ऑस्ट्रेलिया की ओर से मार्क वॉ ने 77 रन बनाएं। यह मैच लंदन में खेला गया था।

लेकिन, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और मोहम्मद अजहरुद्दीन इस मैच में मात्र 17 रन ही बना पाए। अजय जडेजा ने शतक बनाया और रॉबिन सिंह ने 75 रनों की पारी खेली, लेकिन नुकसान पहले ही हो चुका था और भारत केनिंग्टन ओवल में 77 रनों के बड़े अंतर से हार गया।

पहले विकेट के लिए 100 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलिया ने जीत सुनिश्चित कीऑस्ट्रेलिया बनाम भारत एक बार फिर 15 नवंबर, 2003 में आमने-सामने भिड़ा, लेकिन जीत फिर से एक बार ऑस्ट्रेलिया की हुई। सचिन तेंदुलकर के 36 रन के बावजूद भारत सिर्फ 125 रन पर ढेर हो गया। भारत ने सही तरीके से कॉल किया और यही एकमात्र चीज थी जो सेंचुरियन में उनके पक्ष में गई।

ब्रेट ली और जेसन गिलेस्पी ने तीन-तीन विकेट लेकर भारत का मध्यक्रम लड़खड़ा दिया और केवल हरभजन सिंह की 28 रन की पारी की बदौलत भारत तीन अंकों के आंकड़े तक पहुंच सका। इसके बाद एडम गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडन ने पहले विकेट के लिए 100 रन जोड़कर यह सुनिश्चित कर दिया कि जीत महज औपचारिकता रह जाए।

2003 के फाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया की सीधी भिड़ंत2003 विश्व कप के फाइनल में भारत ने महत्वपूर्ण टॉस जीता और ऑस्ट्रेलिया को पहले बल्लेबाजी करने के लिए बोला। शायद, सेंचुरियन के घाव ठीक नहीं हुए थे और रिकी पोंटिंग समेत उनकी टीम को खुशी मनाने के लिए दूसरे निमंत्रण की जरूरत नहीं थी।

एडम गिलक्रिस्ट ने 48 गेंदों में 57 रन बनाकर मैच में शुरुआत की और उसके बाद रिकी पोंटिंग ने पारी संभाली। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने 121 गेंदों में 140 रनों की पारी खेली, जो टूर्नामेंट की मुख्य पारियों में से एक है और डेमियन मार्टिन (84 गेंदों में 88 रन) के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 234 रन जोड़े, जिससे ऑस्ट्रेलिया दो विकेट पर 359 रन बनाकर टारगेट दिया। 

भारत की घबराहट के बीज पहले ही ओवर में बोए दिए गए, जब जहीर खान ने 15 रन के ओवर में वाइड और नो-बॉल फेंकी। भारत की ओर से सारा दारोमदार सचिन तेंदुलकर पर निर्भर था, लेकिन ग्लेन मैकग्राथ के साथ मास्टर की लड़ाई पुरानी थी, ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ने पहले ही ओवर में सचिन को वापस भेज दिया।

वीरेंद्र सहवाग की 82 रनों की पारी और बारिश ने भारत को उम्मीद जगाई, लेकिन वो जल्दी ही खत्म हो गईं और ऑस्ट्रेलिया ने जोहान्सबर्ग में 125 रनों की व्यापक जीत हासिल की और लगातार विश्व खिताब जीते।

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