Highlightsये स्थिति (कोरोना) एक खतरनाक विकेट पर टेस्ट मैच खेलने जैसी है: सौरव गांगुलीये बहुत मुश्किल है, लेकिन हमें उम्मीद है कि हम ये मैच एक साथ मिलकर जीतेंगे: गांगुली
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भारत में कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच जीवन पर अपनी राय दी है। फीवर नेटवर्क के '100 ऑवर्स 100 स्टार्स' पहल में गांगुली ने कोरोना महामारी की तुलना एक खतरनाक विकेट पर टेस्ट मैच खेलने से की।
पूर्व भारतीय कप्तान गांगुली ने कहा, 'ये स्थिति एक खतरनाक विकेट पर टेस्ट मैच खेलने जैसी है। गेंद उछाल ले रही है और स्पिन भी हो रही है-बल्लेबाज के पास गलती करने की काफी कम गुंजाइश है।'
हमें साथ मिलकर जीतनी होगी कोरोना के खिलाफ जंग: गांगुली
गांगुली ने कहा, 'तो बल्लेबाज को गलती की कम गुंजाइश के साथ रन बनाते रहना और अपना विकेट सुरक्षित रखना है और टेस्ट मैच जीतना है। ये बहुत मुश्किल है, लेकिन हमें उम्मीद है कि हम ये मैच एक साथ मिलकर जीतेंगे।'
लॉकडाउन के दौरान अपने जीवन के बारे में गांगुली ने कहा, 'वह ये समय अपने परिवार के साथ बिताने का लुत्फ उठा रहे हैं। दादा ने कहा, लॉकडाउन में एक महीने का वक्त हो गया है। पहले मुझे घर पर ऐसे समय नहीं मिलता था। मेरे लाइफ स्टाइल में काम के लिए हर दिन यात्रा करना शामिल था। पिछले 30-32 दिनों से मैं घर पर अपने परिवार के साथ रहा हूं, मेरी पत्नी, बेटी, मेरी मां और मेरे भाई के साथ समय बिता रहा हूं। मुझे ऐसा वक्त लंबे समय बाद मिला है, इसलिए मैं इसका लुत्फ उठा रह हूं।'
पूर्व बाएं हाथ के बल्लेबाज गांगुली ने कहा कि उन्हें वर्तमान स्थिति को लेकर चिंता होती है और ये सोचकर दुख होता है कि ये (कोरोना) इतनी जिंदगियों को प्रभावित और खत्म कर रहा है। दादा ने कहा, 'मैं वर्तमान स्थिति से परेशान भी हूं, क्योंकि बाहर बहुत से लोग तकलीफ झेल रहे हैं। हम अब भी ये समझने के लिए संघर्ष कर रहे हैं कि इस महामारी को कैसे रोका जाए। पूरी दुनिया का मौहाल मुझे बहुत परेशान करता है। हम नहीं जानते कि ये कब, कहां और कैसे आया, हम सभी इसके लिए तैयार नहीं थे।'
ये पूछे जाने पर कि गांगुली लॉकडाउन में घर पर क्या कर रहे हैं, उन्होंने कहा, मैं घर से काम कर रहा हूं-बीसीसीआई और आईसीसी का काम और मेरा खुद का काम। लेकिन अभी मेरा खुद का काम थोड़ा कम है, क्योंकि निशानेबाजी, खेल और स्कूल बंद हैं। लेकिन मैं घर से दस्तावेज के काम, प्रशासनिक काम और पेपर वर्क कर रहा हूं।
ये पूछे जाने पर कि इस परिस्थिति में वह खुद को कैसे पॉजिटिव रखते हैं, गांगुली ने कहा, 'क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। मैंने वास्तविक जीवन में जबर्दस्त दबाव वाली परिस्थितियों का सामना किया है। आपको रन बनाना है और केवल एक गेंद बची है। अगर आप एक गलत कदम बढ़ाते हैं, एक गलत फुटवर्क, तो आपको दूसरा मौका नहीं मिलेगा। ऐसी परिस्थितियां आपको वास्तविक जीवन की परिस्थितियों के लिए सचेत और जागरूक करती हैं।'