Highlightsदिल्ली में छठ पाबंदी पर घमासान।भाजपा और आम आदमी पार्टी में जुबानी जंग।BJP सांसद मनोज तिवारी ने केजरीवाल को कहे अपशब्द।
कोरोना के चलते दिल्ली में छठ पूजा पर बंदिश अब राजनीतिक रूप से तूल पकड़ चुकी है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 'नमक हराम मुख्यमंत्री' तक बता दिया है।
मनोज तिवारी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर लिखा, ''कमाल के नमक हराम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं। कोविड के सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन कर आप छठ नहीं करने देंगे और गाइडलाइंस सेंटर से मांगने का झूठा ड्रामा अपने लोगों से करवाते हैं, तो बताए ये 24 घंटे शराब परोसने के लिए परमिशन कौन सी गाइडलाइंस को फॉलो करके ली थी, बोलो CM।''
डीडीएमए का निर्देश, कोरोना के चलते सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा नहीं
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि कोविड-19 महामारी की चलते इस साल दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों, नदी तटों और मंदिर में छठ पूजा नहीं मनाई जाएगी।
दिल्ली के मुख्य सचिव तथा डीडीएमए की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष विजय देव द्वारा मंगलवार को जारी आदेश में सभी जिलाधिकारियों और पुलिस उपायुक्तों को आदेश को सख्ती से लागू करने और महामारी के दौरान लोगों को घर पर छठ ही मनाने के लिये प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया गया है।
सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा की मंजूरी देने से अदालत ने किया इनकार
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 के मद्देनजर दिल्ली सरकार द्वारा सार्वजनिक स्थलों तालाबों, नदी तटों और अन्य स्थलों पर छठ पूजा के आयोजन पर लगाए गए प्रतिबंध में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएम) के अध्यक्ष द्वारा जारी प्रतिबंध के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। डीडीएमए ने अपने आदेश में कहा था कि 20 नवंबर को छठ पूजा के लिए सार्वजनिक स्थलों पर कोई भीड़ जुटने की अनुमति नहीं होगी।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद वाली एक पीठ ने कहा कि पूजा के लिए लोगों को जमा होने की अनुमति देने से संक्रमण का प्रसार हो सकता है। यह कहते हुए पीठ ने याचिका खारिज कर दी। पीठ ने कहा कि मौजूदा समय में इस तरह की याचिका जमीनी सच्चाई से परे है।