पहले टी20 में जडेजा के ‘कनकशन’ विकल्प के तौर पर आये चहल बने मैच विजेता

By भाषा | Published: December 04, 2020 6:43 PM

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कैनबरा, चार दिसंबर आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 मैच में रविंद्र जडेजा को हेलमेट पर गेंद लगने के बाद उनके ‘कनकशन’ (सिर पर चोट लगना) विकल्प के तौर पर युजवेंद्र चहल उतरे और दोनों ही खिलाड़ियों ने मैच जीतने के लिये अहम योगदान दिये।

जडेजा को भारतीय पारी के आखिरी ओवर में मिशेल स्टार्क की बाउंसर से चोट लगी । वह विकेट के बीच दौड़ते हुए दर्द से कराहते दिखे । जडेजा ने 23 गेंद पर 44 रन की नाबाद पारी खेलकर भारत को सात विकेट पर 161 रन तक पहुंचाया जो भारत की 11 रन की जीत के लिये अच्छा स्कोर साबित हुआ।

चहल ने अपने चार ओवर में 25 रन देकर तीन विकेट हासिल किये और उनके प्रदर्शन ने इस जीत में अहम भूमिका अदा की जिसके लिये उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया।

बीसीसीआई ने ट्वीट किया ,‘‘ रविंद्र जडेजा को पहले टी20 मैच में पहली पारी के आखिरी ओवर में हेलमेट पर गेंद लगी । भारत के क्षेत्ररक्षण के दौरान युजवेंद्र चहल मैदान पर उतरे । बीसीसीआई की मेडिकल टीम जडेजा की हालत पर नजर रखे हुए है ।’’

आस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर मैच रैफरी डेविड बून से इशारों में बात करते नजर आये लेकिन यह पता नहीं चल सका है कि क्या वे चहल को उतारे जाने के बारे में बात कर रहे थे ।

आस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान आरोन फिंच ने मैच के बाद कहा, ‘‘उनके डॉक्टर ने जडेजा को कनकशन के कारण बाहर किया। आप एक मेडिकल विशेषज्ञ की राय को चुनौती नहीं दे सकते। ’’

उनके साथी और हरफनमौला मोइजेस हेनरिक्स टीम को हुई हताशा को जाहिर करने से खुद को रोक नहीं सके।

उन्होंने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘खिलाड़ी के कनकशन का फैसला लिया गया और हमें इससे कोई परेशानी नहीं है। लेकिन इसमें विकल्प का खिलाड़ी भी उन्हीं की तरह होना चाहिए था? जडेजा हरफनमौला हैं और उन्होंने अपनी बल्लेबाजी कर ली थी। चहल एक गेंदबाज हैं। ’’

हेलमेट में गेंद लगने के बाद जडेजा ठीक दिखे और ड्रेसिंग रूम में लौट गये जिससे कमेंटेटरों के बीच उनकी चोट की गंभीरता को लेकर कुछ बातचीत भी हुई।

पूर्व आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर टॉम मूडी अब कोच और कमेंटेटर हैं, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जडेजा के विकल्प के तौर पर चहल के आने से कोई परेशानी नहीं हैं लेकिन मुझे परेशानी इस बात से है कि जब जडेजा के हेलमेट में गेंद लगी थी तो डाक्टर और फिजियो वहां मौजूद नहीं थे जो मुझे लगता है कि यह अब प्रोटोकॉल है? ’’

पिछले साल जुलाई में ही आईसीसी ने किसी खिलाड़ी को सिर में चोट लगने पर उसके विकल्प को उतारने की अनुमति दी थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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