भारत-पाकिस्तान एशिया कप रद्द करो, जल्दी क्या है? यह मैच और होने दीजिए, क्या किया जा सकता?, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

वकील ने दलील दी कि क्रिकेट मैच रविवार को है और यदि मामला शुक्रवार को सूचीबद्ध नहीं किया गया तो याचिका निरर्थक हो जाएगी।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 11, 2025 13:03 IST2025-09-11T13:02:38+5:302025-09-11T13:03:51+5:30

Cancel India-Pakistan Asia Cup what's hurry match and let it happen what can be done Supreme Court refuses hear petition cancel match | भारत-पाकिस्तान एशिया कप रद्द करो, जल्दी क्या है? यह मैच और होने दीजिए, क्या किया जा सकता?, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

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Highlightsजल्दी क्या है? यह मैच है, इसे होने दीजिए। मैच इसी रविवार को है, क्या किया जा सकता है?न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया।क्रिकेट मैच का आयोजन राष्ट्रीय गरिमा और जनभावना के विपरीत संदेश देता है।

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने आगामी एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच को रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका पर बृहस्पतिवार को तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। एक वकील ने न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया। पीठ ने कहा, ‘‘इसमें जल्दी क्या है? यह मैच है, इसे होने दीजिए। मैच इसी रविवार को है, क्या किया जा सकता है?’’ वकील ने दलील दी कि क्रिकेट मैच रविवार को है और यदि मामला शुक्रवार को सूचीबद्ध नहीं किया गया तो याचिका निरर्थक हो जाएगी।

इस पर पीठ ने कहा, ‘‘इस रविवार को मैच है? हम इसमें क्या कर सकते हैं? इसे होने दीजिए। मैच होना चाहिए।’’ उर्वशी जैन के नेतृत्व में चार विधि छात्रों द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि पहलगाम आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच का आयोजन राष्ट्रीय गरिमा और जनभावना के विपरीत संदेश देता है।

भारत और पाकिस्तान 2025 एशिया कप के लिए 14 सितंबर को दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में भिड़ेंगे। याचिका में कहा गया है, ‘‘देशों के बीच क्रिकेट का उद्देश्य सद्भाव और मित्रता प्रदर्शित करना है। लेकिन पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब हमारे लोग मारे गए और हमारे सैनिकों ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया।

तो पाकिस्तान के साथ खेलने से विपरीत संदेश गया कि हमारे सैनिक अपने प्राणों की आहुति दे रहे हैं, वहीं हम उसी देश के साथ खेल रहे हैं जो आतंकवादियों को पनाह दे रहा है।’’ याचिकाकर्ताओं ने कहा, ‘‘इससे उन लोगों के परिवारों की भावनाएं भी आहत हो सकती हैं, जिन्होंने पाकिस्तानी आतंकवादियों के हाथों अपनी जान गंवाई।

राष्ट्र की गरिमा और नागरिकों की सुरक्षा मनोरंजन से पहले आती है।’’ याचिका में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच ‘‘राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक’’ है और सशस्त्र बलों तथा पूरे राष्ट्र के मनोबल के लिए भी हानिकारक है।

 

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