Highlights4 अक्टूबर 1997 को रुड़की में हुआ था ऋषभ पंत का जन्म।अंडर-19 वर्ल्ड में रच दिया था इतिहास।साल 2017 में मिला टीम इंडिया की ओर से खेलने का मौका।
टीम इंडिया के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत को इस वक्त पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का उत्तराधिकारी माना जा रहा है। भले ही पंत की हालिया फॉर्म इतनी उम्दा नहीं रही, लेकिन बल्लेबाजी का एकदम अलग स्टाइल और गेंद को हिट करने की क्षमता उन्हें बेहद खास बनाती है।
ऋषभ पंत का जन्म 4 अक्टूबर 1997 को रुड़की में हुआ था। उनकी प्रतिभा को देखते हुए परिवार उन्हें दिल्ली की टॉप क्रिकेट एकेडमी में भर्ती कराना चाहता था। ऋषभ के पिता राजेंद्र पंत ने उन्हें कोच देवेंद्र शर्मा से मिलवाया, जहां से पंत की जिंदगी बदल गई।
कोचिंग के लिए पंत को मां के साथ दिल्ली आना पड़ा। रहने के लिए कोई जगह नहीं थी, तो दोनों मां-बेटे मोती बाग स्थित गुरुद्वारे में ही ठहर गए। मां गुरुद्वारे में सेवा करती और ऋषभ अपने करियर को बनाने के लिए जी-जान से जुट गए।
अंडर-12 टूर्नामेंट में तीन शतक जड़ने वाले ऋषभ पंत को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के खिताब से नवाजा गया, जिसके बाद उन्हें एयरफोर्स स्कूल में एडमिशन मिल गया।
यहां से ऋषभ पंत का खेल निखरता गया। अंडर-19 वर्ल्ड में उन्होंने नेपाल के खिलाफ सिर्फ 18 गेंदों में हाफ सेंचुरी जड़कर इतिहास रच दिया। टूर्नामेंट में टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में भी पंत की अहम भूमिका रही।
2016-17 में पंत ने रणजी ट्रॉफी में महाराष्ट्र के खिलाफ तिहरा शतक ठोककर तहलका मचा दिया। इस पूरे टूर्नामेंट में पंत ने 16 पारियों में 1080 रन बना डाले, जिसके चलते उनका आईपीएल के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स में सेलेक्शन हो गया।
आईपीएल-2017 शुरू होने में कुछ ही दिन बाकी रह गए थे कि ऋषभ पंत के पिता का आकस्मिक निधन हो गया। ऋषभ को परिवार के पास वापस लौटना पड़ा। यहां पहुंचकर उन्होंने पिता का अंतिम संस्कार किया और अगले ही दिन वापस टीम से जुड़ गए।
पंत ने इस सीजन 14 पारियों में 26.14 की औसत से 366 रन बना दिए। इस दौरान पंत ने 2 अर्धशतक जड़े और एक बार वह 97 के स्कोर पर भी आउट हुए। पंत का इसके बाद आईपीएल में प्रदर्शन निखरता गया और टी20 के बाद उन्हें साल 2018 में टेस्ट और वनडे में भी डेब्यू का मौका मिल गया।