सौरव गांगुली और विराट कोहली से कई साल पहले ही जिस भारतीय कप्तान ने विदेशों में भारतीय क्रिकेट टीम का डंका बजा दिया था, उसका नाम है मंसूर अली खान पटौदी। अपनी बेखौफ बैटिंग और फील्डिंग के कारण उन्हें 'टाइगर' का निकनेम मिला। टाइगर पटौदी को भारत के महानतम कप्तानों में शुमार किया जाता है।
टाइगर पटौदी की ही कप्तानी में भारत ने विदेशी धरती पर अपनी सबसे पहली जीत दर्ज की थी। पटौदी की कप्तानी में भारत ने ये कारनामा 1968 में न्यूजीलैंड को उसकी धरती पर मात देते हुए किया था।
मंसूर अली खान पटौदी रियासत के नवाब थे। उनका जन्म 05 जनवरी 1941 को मध्य प्रदेश के भोपाल में हुआ था और उन्होंने 22 सितंबर 2011 को दिल्ली में आखिरी सांस ली।
जानें इस महान खिलाड़ी से जुड़ी 7 रोचक बातें
1. मंसूर अली खान भारत के सबसे कम उम्र के कप्तान हैं। उन्होंने महज 21 साल 77 दिन की उम्र में भारत की कप्तानी की थी। मई 2004 में जिम्बाब्वे के ताईदेंदा तायूब के सबसे युवा कप्तान बनने तक वह दुनिया के भी सबसे युवा कप्तान थे। मंसूर अली अब भी दुनिया के दूसरे सबसे युवा कप्तान हैं।
2. मंसूर अली खान पटौदी की कप्तानी में भारत ने विदेशी धरती पर अपनी पहली टेस्ट जीत और पहली टेस्ट सीरीज दर्ज की थी। भारत ने उस सीरीज में न्यूजीलैंड को 3-1 से हराया था।
3. पटौदी ने 1961 में एक कार ऐक्सिडेंट में अपनी दाईं आंख की रोशनी हमेशा के लिए गंवा दी थी। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इस दुर्घटना के छह महीने बाद ही भारत के लिए इंग्लैंड के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया।
4. टाइगर पटौदी के पिता इफ्तिखार अली पटौदी भी क्रिकेटर थे और वह 1930 में इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेले थे और चर्चित रही बॉडीलाइन सीरीज का हिस्सा रहे थे।
5. मंसूर अली खान ने 1969 में बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से शादी की थी। इस जोड़ी के तीन बच्चे हैं सैफ अली खान, सोहा अली खान और साबा अली खान।
6. 2011 में टाइगर पटौदी की मौत के बाद शर्मिला टैगोर ने उनकी आंख दिल्ली स्थित एक आई हॉस्पिटल को दान कर दी थी।
7. नवाब पटौदी का पाकिस्तान से भी खास कनेक्शन रहा। उनके चचेरे भाई शहरयार खान पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रहे जबकि उनके चाचा नवाबजादा शेर अली खान पटौदी पाकिस्तान सेना में आर्मी जनरल थे।
मंसूर अली खान पटौदी का करियर
टाइगर पटौदी ने अपना टेस्ट डेब्यू इंग्लैंड के खिलाफ 13 दिसंबर 1961 को किया था। उन्होंने भारत के लिए 46 टेस्ट मैचों में 34.91 की औसत से 2793 रन बनाए, जिनमें 6 शतक और 16 अर्धशतक शामिल हैं। साथ ही उन्होंने 310 प्रथम श्रेणी मैचों में 33 शतक और 75 अर्धशतकों की मदद से 15425 रन बनाए।