पुलवामा आंतकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध बेहद खराब स्थिति में पहुंच गए हैं। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में सीआपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद से ही पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंधों का पूरी तरह से बहिष्कार करने और उसे क्रिकेट जगत में अलग-थलग किए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी कड़ी में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पाकिस्तान को क्रिकेट जगत में अलग-थलग करने के लिए आईपीएल और पीएसएल दोनों में खेलने वाले विदेशी खिलाड़ियों को इनमें से किसी एक में ही खेलने का विकल्प देने पर विचार कर रही थी।
BCCI ने ऐसे बना रहा था पाकिस्तान को अलग-थलग करने की योजना
इस मुद्दे पर सोमवार को हुई प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय, डायना एडुल्जी और लेफ्टिनेंट जनरल रवि थोडगे और बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी ने सोमवार को एक बैठक की, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की गई।
बैठक के बाद ये नतीजा निकाला गया कि विदेशी खिलाड़ियों को ये कहना अनुचित होगा कि वे पीएसएल और आईपीएल फ्रेंचाइजी में से किसी एक को चुनें, क्योंकि इन खिलाड़ियों की सेवाएं लेने के लिए उन्हें बीसीसीआई नहीं बल्कि आईपीएल फ्रेंचाइजी खरीदती हैं।
अगर इस फैसले को हरी झंडी मिली होती तो इस समय पीएसएल 2019 में खेल रहे ड्वेन ब्रावो, सुनील नरेन, आंद्रे रसेल और एबी डिविलियर्स जैसे स्टार खिलाड़ी आईपीएल 2019 में नहीं खेल पाते।
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान के साथ वर्ल्ड कप में न खेलने की मांग चल रही थी। कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी पाकिस्तान के साथ वर्ल्ड कप में क्रिकेट न खेलने की मांग की है।
बीसीसीआई ने इन हमलों के बाद आईसीसी को खत लिखकर पाकिस्तान को आतंकियों को पनाह देने वाले देश बताते हुए उससे सभी देशों द्वारा क्रिकेट संबंध खत्म करने की अपील की थी।