'फ्री-टिकटों' के विवाद पर बदला बीसीसीआई का रूख, अपने कोटे से और पास देने को राजी हुआ बोर्ड

मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ ने इसी विवाद के कारण 24 अक्टूबर को इंदौर वनडे की मेजबानी करने में इनकार कर दिया था।

By भाषा | Published: October 6, 2018 07:06 PM2018-10-06T19:06:03+5:302018-10-06T19:06:03+5:30

bcci increases complimentary tickets after state units pressure | 'फ्री-टिकटों' के विवाद पर बदला बीसीसीआई का रूख, अपने कोटे से और पास देने को राजी हुआ बोर्ड

बीसीसीआई (फाइल फोटो)

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नई दिल्ली, 6 अक्टूबर: कई राज्य इकाईयों की तरफ से मुफ्त पास (टिकटों) की संख्या को लेकर अंसतोष जताये जाने के बाद प्रशासकों की समिति (सीओए) ने शनिवार को हुई बैठक में 600 अतिरिक्त फ्री-टिकट मेजबान इकाई को देने का फैसला किया। 

यह टिकट बीसीसीआई के हिस्से से दिये जायेंगे जो बची हुई वेस्टइंडीज सीरीज के मुकाबलों पर लागू होंगे। नये संविधान के अनुसार 90 प्रतिशत टिकट आम जनता के लिये और केवल 10 प्रतिशत ही फ्री-टिकट मेजबान संघ के लिये जारी किये जाते हैं। 

बीसीसीआई के पास अपने प्रायोजकों और प्रशासकों के लिये अनिवार्य पांच प्रतिशत मानार्थ टिकट होते थे। मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ ने इसी कारण 24 अक्टूबर को इंदौर वनडे की मेजबानी करने में इनकार कर दिया था। बंगाल क्रिकेट संघ और तमिलनाडु क्रिकेट संघ ने भी कहा था कि अगर यही इंतजाम रहता है तो वे भी मैचों की मेजबानी नहीं कर पायेंगे। 

सीओए ने शनिवार को दिल्ली में मुलाकात की और मेजबान संघों को सुनिश्चित किया कि बीसीसीआई अपने हिस्से के 1200 फ्री-टिकट को घटाकर 604 कर देगा। सीओए ने राज्य इकाईयों केा लिखे पत्र में कहा, 'उच्चतम न्यायालय के आदेश के अंतर्गत प्रशासकों की समिति ने बीसीसीआई की जरूरतों को 1200 से घटाकर 604 तक सीमित कर दिया है ताकि मेजबानी करने वाले राज्य संघ के लिये मानार्थ टिकट की उपलब्धता अधिक हो सके।'

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