नई दिल्ली, 2 जून: सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त प्रशासकीय समिति (सीओए) की ओर से बीसीसीआई के 22 जून को बुलाए गए विशेष आम बैठक (एसजीएम) को रोकने पर बोर्ड के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमिताभ चौधरी ने सीओए प्रमुख विनोद राय और सदस्य डायना एजुल्जी पर बड़े आरोप लगाए हुए शनिवार को कहा कि हाल के दिनों में लिए कई 'अपारदर्शी' और मनमानी फैसलों पर पर्दा डालने की कोशिश हो रही है।
अमिताभ चौधरी के अनुसार विनोद राय नहीं चाहते कि उनके फैसलों पर जनरल बॉडी कोई चर्चा करे। पीटीआई के मुताबिक अमिताभ चौधरी ने विनोद राय को लिखे एक ईमेल में कहा, 'यह साफ है कि ये 22 जून, 2018 को होने वाले मीटिंग को इसलिए रोका गया ताकि जनरल बॉडी उन फैसलों पर चर्चा नहीं कर सके जिसे कमेटी ने लिया है। ये ऐसे फैसले हैं अस्पष्ट, अपारदर्शी बिना किसी जिम्मेदारी के लिए गए और इसमें अधिकारियों को भी अंधेरे में रखा गया।'
चौधरी ने कई नियुक्तियों को लेकर भी सीओए द्वारा लिए गए फैसलों पर सवाल उठाए। साथ ही चौधरी ने नियुक्तियों को लेकर नियमों का पालन करने की गुजारिश भी विनोद राय से की। (और पढ़ें- अरबाज खान से जुड़े सट्टेबाजी मामले से हमारा कोई लेना-देना नहीं: IPL चेयरमैन)
साथ ही चौधरी ने ये भी साफ किया कि एसजीएम को बुलाने का फैसला बीसीसीआई के समबद्ध सदस्यों की ओर से मांग के बाद ही किया गया था। चौधरी ने मेल में लिखा, 'एसजीएम का नोटिस बीसीसीआई से जुड़े सदस्यों की मांग पर ही लिया गया था न कि ऑफिस बीयर्रस की मांग पर, जैसा कि सीओए समझ रही है।'
गौरतलब है कि शुक्रवार को विनोद राय की अगुवाई वाली सीओए ने मान्यता प्राप्त इकाइयों की 22 जून को होने वाली विशेष आम बैठक को रोकने का निर्देश जारी किया था। इस पर बीसीसीआई के अधिकारियों ने नाराजगी जताई थी। (और पढ़ें- IPL सट्टेबाजी: क्राइम ब्रांच ने अरबाज से पूछे ये 13 सवाल, बुकी को सामने बिठाकर हुई पूछताछ)