Highlightsसभी क्रिकेट समर्थक और प्रशंसक अपनी सीटों से चिपके रहे हैं और यह खेल के लिए बहुत अच्छा है।भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक यहां हुए दोनों मैच में अभिषेक ने शाहीन की धज्जियां उड़ा दीं।हां, तो चलिए रविवार को इसका इंतजार करते हैं और इस टक्कर का आनंद लेते हैं।
दुबईः भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने कहा है कि रविवार को एशिया कप फाइनल में अभिषेक शर्मा की शानदार बल्लेबाजी का मुकाबला शाहीन शाह अफरीदी की सटीक गेंदबाजी से होगा और दोनों के बीच ‘कांटे की टक्कर’ देखने को मिलेगी। मोर्कल ने इन दोनों खिलाड़ियों के साथ काम किया है। मोर्कल इससे पहले पाकिस्तान टीम के साथ गेंदबाजी सलाहकार के रूप में कुछ समय के लिए काम कर चुके हैं जहां उन्हें बाएं हाथ के तेज गेंदबाज शाहीन को कोचिंग देने का मौका मिला था। मोर्कल ने कहा, ‘‘शाहीन निश्चित रूप से एक आक्रामक गेंदबाज है जो आपको पटखनी देने की कोशिश करेगा और अभिषेक भी पीछे नहीं हटेंगे। मुझे लगता है कि अब तक जब भी ये दोनों आमने-सामने आए हैं तो हम सभी क्रिकेट समर्थक और प्रशंसक अपनी सीटों से चिपके रहे हैं और यह खेल के लिए बहुत अच्छा है।’’
दोनों खिलाड़ी 25 साल के हैं। हालांकि शाहीन पिछले काफी समय से पाकिस्तान टीम का हिस्सा हैं लेकिन बाएं हाथ के बल्लेबाज अभिषेक ने मौजूदा एशिया कप में अपनी तेजतर्रार बल्लेबाजी से क्रिकेट जगत का ध्यान खींचा है। इस भारतीय खिलाड़ी ने छह मैच में एक भी बार नाकामी नहीं झेली है। उन्होंने तीन अर्धशतक और तीन बार 30 या उससे अधिक के स्कोर बनाए हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक यहां हुए दोनों मैच में अभिषेक ने शाहीन की धज्जियां उड़ा दीं।
अभिषेक ने 14 सितंबर के मैच की शुरुआत शाहीन पर फुलटॉस पर सीधा चौका लगाकर की और 21 सितंबर को इस तेज गेंदबाज पर स्क्वायर के पीछे हुक करके छक्का जड़ा। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मोर्कल ने कहा, ‘‘हां, तो चलिए रविवार को इसका इंतजार करते हैं और इस टक्कर का आनंद लेते हैं।’’
अभी तक पूर्ण खेल नहीं दिखाया, दबाव में बेहतर बल्लेबाजी करनी होगी: मोर्कल
भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल का मानना है कि टीम ने अभी तक ‘पूर्ण खेल’ नहीं खेला है और उन्हें उम्मीद है कि रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप फाइनल में बल्लेबाजी इकाई दबाव में प्रदर्शन बेहतर करेगी। हालांकि भारतीय स्पिनरों कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती ने पाकिस्तान सहित अधिकांश विरोधी टीमों को रोकने में सफलता हासिल की लेकिन दबाव की परिस्थितियों में अभिषेक शर्मा की आतिशी बल्लेबाजी को छोड़कर अन्य बल्लेबाजों का प्रदर्शन बिल्कुल भी प्रेरणादायक नहीं रहा है।
मोर्कल ने रविवार को होने वाले फाइनल से पहले कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इस टूर्नामेंट में अब तक हमने अपना पूर्ण खेल दिखाया है। हर मैच के बाद उन क्षेत्रों पर चर्चा होनी चाहिए जिनमें हम सुधार करना चाहते हैं और बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं। इसलिए यह एक सामान्य सोच है कि जब हम पर थोड़ा दबाव डाला जाता है तो हमें और तेज होने की जरूरत होती है।’’
इसके बाद मोर्कल ने बल्लेबाजी के उन विभागों की सूची बनाई जिनमें सुधार की आवश्यकता है। मोर्कल ने कहा, ‘‘अगर हम बल्लेबाजी से शुरुआत करें तो क्या हम कठिन परिस्थितियों में थोड़ा बेहतर तरीके से स्ट्राइक रोटेट कर सकते हैं? क्या हम साझेदारियों को थोड़ा बचा सकते हैं? क्योंकि नए बल्लेबाज के लिए यहां शुरुआत करना काफी मुश्किल होता है लेकिन फिर भी आक्रामक मानसिकता बनाए रखनी चाहिए।’’ इसके बाद उन्होंने गेंदबाजी के बारे में बात करे हुए कहा, ‘‘गेंदबाजी के दृष्टिकोण से विशेष रूप से शुरुआती छह या 10 ओवरों के बारे में बात करें।
हम अपनी लेंथ, अपनी सटीकता, अपनी सोच और गेंद को हाथ में लेकर कैसे सुधार कर सकते हैं।’’ मोर्कल ने कहा, ‘‘बीच के ओवरों में शायद एक-दो यॉर्कर डाली जा सकती हैं। मुझे लगता है कि चलन यह रहा है क्योंकि विकेट थोड़ा धीमा है इसलिए गति कम होती है।’’ मोर्कल ने कहा कि टीम में फाइनल से जुड़े किसी भी दबाव को झेलने के लिए पर्याप्त कौशल है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मतलब है कि लड़कों के पास सभी तरह का कौशल है। उन्होंने काफी मैच खेले हैं लेकिन मुझे लगता है कि जब हम पर थोड़ा दबाव हो तो हमें अपनी सोच में और स्पष्टता लानी होगी।’’ मोर्कल ने कहा, ‘‘हमारे पास सभी योजनाएं हो सकती हैं लेकिन हमें उन्हें बेहतर ढंग से लागू करने की ज़रूरत है।’’