Akashdeep Ind vs Eng: पिता को समर्पित किया 3 विकेट, आकाश दीप ने कहा-‘जीवन में कुछ कर दिखाने’ के सपने को पूरा किया...

Akashdeep India vs England Live Score, 4th Test Day 2: आकाश दीप ने टेस्ट पदार्पण में अपने स्वप्निल स्पैल में इंग्लैंड के शीर्ष तीन बल्लेबाजों को आउट उसका स्कोर तीन विकेट पर 70 रन कर दिया।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 24, 2024 10:51 AM

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ठळक मुद्देएक साल के अंदर पिता और बड़े भाई को गंवा देने के बाद मैं कुछ करना चाहता था।क्रिकेट खेलना शुरू किया। मेरे पास गंवाने के लिए कुछ नहीं था।पिता को समर्पित करता हूं क्योंकि उनका सपना था कि उनका बेटा जीवन में कुछ करे।

Akashdeep India vs England Live Score, 4th Test Day 2: भारतीय तेज गेंदबाज आकाश दीप ने टेस्ट पदार्पण में तीन विकेट के शानदार प्रदर्शन को अपने पिता को समर्पित किया जिनका 2015 में निधन हो गया था और कहा कि वह संतुष्ट हैं कि उन्होंने अपने पिता के ‘जीवन में कुछ कर दिखाने’ के सपने को पूरा कर दिया है। आकाश दीप ने पिता रामजीत सिंह का लकवा मारने के बाद निधन हो गया। और छह महीने के अंदर ही आकाश दीप ने अपने बड़े भाई को खो दिया। इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद आकाश दीप ने कहा, ‘‘एक साल के अंदर पिता और बड़े भाई को गंवा देने के बाद मैं कुछ करना चाहता था और मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया। मेरे पास गंवाने के लिए कुछ नहीं था, बस कुछ हासिल ही कर सकता था। ’’ आकाश दीप ने टेस्ट पदार्पण में अपने स्वप्निल स्पैल में इंग्लैंड के शीर्ष तीन बल्लेबाजों को आउट उसका स्कोर तीन विकेट पर 70 रन कर दिया। 

आकाश दीप ने कहा, ‘‘मैं इस प्रदर्शन को अपने पिता को समर्पित करता हूं क्योंकि उनका सपना था कि उनका बेटा जीवन में कुछ करे। जब वह जीवित थे तो मैं कुछ नहीं कर सका इसलिये यह प्रदर्शन मेरे पिता के लिए है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर क्रिकेटर का एक ही सपना होता है, टेस्ट में भारत के लिए खेलने का। बस यही मेरा सपना था। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब बड़े हो रहे थे तो क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं पता था। 2007 के बाद मैं टेनिस क्रिकेट खेलता था और 2016 के बाद ही क्रिकेट के बारे में पता चला। तब से मैं मोहम्मद शमी भाई और दक्षिण अफ्रीका के कागिसो रबाडा का अनुकरण कर रहा हूं। ’’ आकाश दीप ने कहा, ‘‘मुझे टेस्ट पदार्पण की कैप बिहार के मेरे गांव और जिस टीम के लिए खेलता हूं बंगाल के करीब स्थान पर मिली है।

बंगाल ने मेरा समर्थन किया है। मेरी इस यात्रा में मेरे परिवार ने बड़ी भूमिका निभायी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा परिवार भी यहां है। इसमें कोई शक नहीं, यह भावनात्मक पल है लेकिन मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था कि टीम के लिए कैसे योगदान करूं। ’’ भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ से टेस्ट कैप मिलने पर आकाश दीप ने कहा, ‘‘उन्होंने (द्रविड़) मेरे बारे में सुना था और मैं बहुत भावुक हो गया था।

मुझे चीजें सरल रखने के लिए कहा गया, अब तो जो कर रहा हूं, वही करने के लिए कहा गया। इससे मदद मिली क्योंकि इस स्तर पर आप उलझन में पड़ सकते हो। ’’ आकाश दीप ने कहा कि भारत के शीर्ष तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने भी उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजी कैसे की जाये, इसके बारे में सलाह दी।

उन्होंने कहा, ‘‘बुमराह भाई ने मुझे कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी को थोड़ा ‘बैक ऑफ ए लेंथ’ गेंदबाजी करनी होती है क्योंकि बल्लेबाज गेंद की ओर बढ़ता है। मेरे दिमाग में यही था और रणनीति सही लाइन एवं लेंथ से गेंदबाजी करने की थी। ’’ इंग्लैंड के खिलाफ शुक्रवार को यहां चौथे टेस्ट में पदार्पण करने वाले आकाशदीप की मां लाडुमा देवी अपने बेटे को पदार्पण ‘कैप’ मिलते देखकर भावुक हो गयी जिससे उनकी आंखों में आंसू के साथ गर्व भी देखा जा सकता था। जब गुरुवार को आकाशदीप ने अपनी मां को फोन कर कहा, ‘‘मां, मैं कल भारत के लिए टेस्ट पदार्पण करना होगा और तुम्हें आना होगा। ’’

तो वह कुछ घंटों में 300 किमी की यात्रा करते हुए बिहार के रोहतास जिले के बड्डी गांव से रांची के जेएससीए स्टेडियम पहुंच गयीं। उनके साथ आकाशदीप की दो भतीजी और उनका चचेरा भाई बैभव कुमार भी मौजूद थे। तेज गेंदबाज आकाशदीप ने पहली ही घंटे में इंग्लैंड के शीर्ष क्रम के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन पहुंचाकर अपने पहले ही मैच में प्रभावित किया।

मां ने कहा, ‘‘उसके पिता हमेशा उसे सरकारी अधिकारी बनाना चाहते थे लेकिन क्रिकेट उसका जुनून था और मैं उसका हमेशा साथ दिया। मैं उसे छुपकर क्रिकेट खेलने भेज देती थी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘उस समय अगर कोई सुनता कि तुम्हारा बेटा क्रिकेट खेल रहा है तो वे कहते, ‘ये तो आवारा मवाली ही बनेगा’।

लेकिन हमें उस पर पूरा भरोसा था और छह महीने के अंदर मेरे मालिक (पति) और बेटे के निधन के बावजूद हमने हार नहीं मानी क्योंकि हमें आकाशदीप पर भरोसा था। ’’ आकाशदीप के पिता रामजी सिंह सरकारी हाई स्कूल में ‘फिजिकल एजुकेशन’ शिक्षक थे और वह कभी भी अपने बेटे को क्रिकेटर नहीं बनाना चाहते थे।

सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें लकवा मार गया और पांच साल तक बिस्तर पर रहे। उन्होंने फरवरी 2015 में अंतिम सांस ली। इसी साल अक्टूबर में आकाशदीप के बड़े भाई धीरज का निधन हो गया। इसके बाद अब बड़े भाई की पत्नी और उनकी दो बेटियों की जिम्मेदारी भी उनके ही ऊपर थी। लाडुमा देवी की आंखों से आंसू बह रहे थे, उन्होंने कहा, ‘‘अगर उसके पिता और भाई जीवित होते तो वे आज खुशी से फूले नहीं समाते। यह जिंदगी का सबसे यादगार दिन है। मुझे बेटे पर फक्र है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘सब बोलते हैं, पढोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे, कूदोगे बनोगे खराब। ये तो उल्टा हो गया। ’’

पूरा परिवार पिता की मासिक पेंशन पर निर्भर था तो आकाशदीप ने क्रिकेट के जुनून को छोड़कर कमाई का साधन जुटाने पर ध्यान लगाना शुरू किया। वह छह भाई बहनों में सबसे छोटे हैं जिसमें तीन बहन बड़ी हैं। पहले आकाशदीप ने धीरज के निधन के बाद डंपर किराये पर लेकर बिहार-झारखंड सीमा पर सोन नदी से रेत बेचने का बिजनेस शुरू किया।

तब वह टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते थे और उन्हें अपने क्रिकेट के सपने को साकार करने के लिए मदद की जरूरत थी। उनके चचेरे भाई बैभव ने ‘लेदर बॉल’ क्रिकेट में कोचिंग दिलाने में मदद की। बैभव ने कहा, ‘‘उसकी प्रतिभा को देखकर मैं उसे दुर्गापुर ले गया जहां उसका पासपोर्ट बनवाया और वह दुबई में टूर्नामेंट खेलने गया। ’’

फिर बेहतर मौके खोजने के लिए दोनों कोलकाता पहुंचे और केस्तोपुर में किराये के फ्लैट में रहने लगे। लेकिन जिंदगी आसान नहीं थी क्योंकि आकाशदीप को तीन क्ल्ब यूनाईटेड सीसी, वाईएमसीए और कालीघाट ने खारिज कर दिया। बैभव ने कहा, ‘‘उन्होंने एक और साल इंतजार करो। मुझे लगा वह वापस चला जायेगा।

लेकिन यूसीसी ने उसे एक दिन बुलाया और कहा कि वे किसी भी भुगतान के बिना उसे खिलायेंगे। ’’ आकाशदीप ने अपने पहले ही सत्र में कोलकाता मैदान (2017-18) में 42 विकेट झटक लिये। फिर उन्हें सीके नायडू ट्राफी में बंगाल के लिए खेलने का मौका मिला जिसने उस साल खिताब जीता।

उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग में राजस्थान रॉयल्स के लिए बतौर नेट गेंदबाज चुना गया और अंत में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने उनसे करार किया। आईपीएल अनुबंध मिलने के बाद परिवार की आर्थिक हालात सुधरने लगे और उनका तीन मंजिला मकान अभी बन रहा है जिसे बनवाने में उनकी मां व्यस्त थी जब आकाशदीप ने उन्हें टेस्ट पदार्पण की खबर देने के लिए फोन किया था।

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