महज 2 साल की उम्र में ही सिर से उठ गया था पिता का साया, फिर 15 की उम्र में किया डेब्यू, कहा जाता है पाकिस्तान का 'विराट कोहली'

पाकिस्तान की टीम के खिलाड़ियों की तुलना अक्सर भारतीय खिलाड़ियों से की जाती रही है। विराट कोहली और अहमद शहजाद पर अक्सर फैंस चर्चा करते रहते हैं।

By अमित कुमार | Published: November 23, 2020 11:35 AM

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ठळक मुद्देपाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीनों फॉर्मेट खेलने वाले अहमद शहजाद की क्रिकेटर बनने की कहानी संघर्षों से भरी है।23 नवंबर 1991 को लाहौर में जन्म लेने वाले शहजाद महज 15 साल की उम्र में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू कर लिया। शहजाद ने बांग्लादेश के खिलाफ नाबाद 111 रनों की पारी खेली थी।

किसी भी देश की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में खेलने का सपना उस देश का हर युवा क्रिकेटर देखता है। लेकिन कुछ क्रिकेटर ही अपने देश के लिए अंतरराष्ट्रीय टीम में खेल पाते हैं। पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीनों फॉर्मेट खेलने वाले अहमद शहजाद की क्रिकेटर बनने की कहानी संघर्षों से भरी है। एक समय था जब अहमद शहजाद की तुलना भारतीय कप्तान विराट कोहली से की जाती थी। दोनों के खड़े होने के स्टाइल और एक जैसे शॉट खेलने के अलावा शक्ल भी काफी हद तक मिलने की वजह से फैंस शहजाद को पाकिस्तान का विराट कोहली कहकर पुकारते हैं। 

 2016 के टी20 विश्व कप में पाकिस्तान के बाहर होने के साथ ही अहमद शहजाद की मुश्किलें भी बढ़ गई। वह इसके बाद इंग्लैंड दौरे के लिए टीम से बाहर कर दिए गए। हालांकि, एक समय पर शहजाद के बल्ले से पाकिस्तान के लिए काफी रन निकले थे। शहजाद ने साल 2014 में टी20 विश्व कप में हिस्सा लिया तो पाकिस्तान की ओर से सर्वाधिक स्कोर बनाने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ डाला। शहजाद ने तब बांग्लादेश के खिलाफ नाबाद 111 रनों की पारी खेली।

2 साल की उम्र में ही खो दिया था पिता

महज दो साल की उम्र में शहजाद के सिर से पिता का साया उठ गया था। इसके बावजूद उनका हौसला कम नहीं हुआ। बचपन से क्रिकेट बनने की चाह रखने वाले शहजाद ने कड़ी मेहनत की। 23 नवंबर 1991 को लाहौर में जन्म लेने वाले शहजाद महज 15 साल की उम्र में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू कर लिया। इसके बाद अपने प्रदर्शन के दम पर उन्हें पाकिस्तान की टीम में भी एंट्री मिल गई। 

शहजाद को पाकिस्तान टीम में वापसी का भरोसा

इस साल दिए एक इंटरव्यू में शहजाद ने कहा था कि पिछले दो साल मेरे लिए कठिन रहे लेकिन मैंने उस दौरान काफी कुछ सीखा और उम्मीद है कि ये मेरे लिए आने वाले दिनों में फायदेमंद साबित होगा। मेरी फिटनेस और योग्यता को ध्यान में रखते हुए मैं 12 साल और पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर सकता हूं और ये कोई अतिशयोक्ति नहीं है। 

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