बारबाडोस, 27 जून: ऐड बोर्ड से टकराकर गंभीर रूप से चोटिल होने के बाद श्रीलंकाई बल्लेबाज कुसल परेरा ने अपनी टीम को वेस्टइंडीज के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दिलाई। कुसल परेरा को बारबाडोस में खेले जा रहे डे-नाइट टेस्ट के तीसरे दिन सोमवार को एक गेंद को कैच लेने के प्रयास में बाउंड्री पर स्थित ऐड बोर्ड से टकराने के बाद चोट लग गई थी।
ऐड बोर्ड से टकराने के बाद कुसल परेरा सीने को पकड़कर जमीन पर लेट गए थे और उनकी सहायता के लिए मैदान में ही ऐंबुलेंस बुलानी पड़ी थी। इसके बाद तुरंत ही उन्हें स्ट्रेचर में लिटाकर मैदान से बाहर ले जाया गया। कुसल परेरा को इस चोट की वजह से अस्पताल जाना पड़ा था। हालांकि बाद में उन्हें शाम को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी।
लेकिन इस वजह से वह श्रीलंका की पारी की शुरुआत नहीं कर पाए थे और ये भी नहीं तय था कि वह फिर से इस मैच में बैटिंग कर भी पाएंगे या नहीं। श्रीलंका की टीम ने जीत के लिए मिले 144 रन के लक्ष्य के जवाब में तीसरे दिन 5 विकेट पर 81 रन बनाए थे और मैच रोचक मोड़ था।
कुसल परेरा ने चोट के बावजूद दिलाई श्रीलंका को यादगार जीत
अगर चौथे दिन कुसल परेरा बैटिंग के लिए नहीं उतरते तो श्रीलंका की मुश्किलें बढ़ सकती थीं क्योंकि तब उसके पास सिर्फ 9 विकेट होते। चौथे दिन का खेल शुरू होते ही 81 के ही स्कोर पर श्रीलंका का छठा विकेट भी गिर गया और विंडीज टीम जीत की ओर बढ़ती दिखने लगी।
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लेकिन तब मैदान में बैटिंग के लिए उतरा वह बल्लेबाज जो महज एक दिन पहले ही गंभीर चोट की वजह से अस्पताल पहुंच गया था। ये और कोई नहीं बल्कि कुसर परेरा ही थे। परेरा ने इसके बाद 43 गेंदों में 2 चौकों की मदद से 28 रन की नाबाद पारी खेली और सातवें विकेट के लिए दिलरूवान परेरा (23) के साथ मिलकर 63 रन की अविजित साझेदारी करते हुए श्रीलंका को 4 विकेट से रोमांचक जीत दिला दी।
इस जीत के साथ ही श्रीलंका ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी हासिल कर ली। इतना ही नहीं श्रीलंकाई टीम बारबाडोस में टेस्ट मैच जीतने वाली पहली एशियाई टीम भी बन गई।
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कुसल परेरा ने चोट लगने के बाद भी जिस अंदाज में मैदान में वापसी करते हुए दिलेरी से बैटिंग की उसकी जमकर तारीफ हो रही है। इस पारी ने बॉल टैम्परिंग विवाद की वजह से टूटे हुए मनोबल के साथ खेल रही श्रीलंकाई टीम को ऐतिहासिक जीत दिला दी।