खेलना नहीं चाहते तो जाकर केले या अंडे की दुकान लगाओ- कपिल देव

अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चा रहने वाले कपिलदेव ने अब उन खिलाड़ियों पर निशाना साधा है जो अक्सर मेंटल हेल्थ और प्रेशर का हवाला देकर ब्रेक लेने की बात करते हैं। ऐसे खिलाड़ियों को कपिलदेव ने फटकार लगाई और अपना रवैया बदलने को कहा।

By शिवेंद्र राय | Published: December 21, 2022 03:19 PM2022-12-21T15:19:58+5:302022-12-21T15:22:33+5:30

'Kele ki shop lagao, Ande becho ja ke': Kapil Dev on pressure of cricket | खेलना नहीं चाहते तो जाकर केले या अंडे की दुकान लगाओ- कपिल देव

भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान कपिल देव

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Highlights प्रेशर का हवाला देकर ब्रेक लेने वाले खिलाड़ियों पर बरसे कपिलदेवकहा- खेलना नहीं चाहते हैं तो जाकर केले की दुकान लगाईयेकहा- प्रेशर है, तो इज्जत भी आपको ही मिलेगी

नई दिल्ली: "अगर आप नहीं खेलना चाहते हैं तो ना खेलें। क्या कोई आपको मजबूर कर रहा है? जाकर केले की दुकान लगाओ या अंडे बेचो। आपको एक मौका मिला है तो आप इसे प्रेशर के रूप में क्यों लेते हैं? इसे आनंद के रूप में लें और मजे करें। जिस दिन आप ऐसा करना शुरू कर देंगे आपको काम आसान लगने लगेगा। लेकिन अगर आप इसे प्रेशर कहेंगे, तो इससे कुछ अच्छा नहीं निकलेगा।" ऐसा कहना है भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान कपिल देव का।

अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चा रहने वाले कपिलदेव ने अब उन खिलाड़ियों पर निशाना साधा है जो अक्सर मेंटल हेल्थ और प्रेशर का हवाला देकर ब्रेक लेने की बात करते हैं। ऐसे खिलाड़ियों को कपिलदेव ने फटकार लगाई और अपना रवैया बदलने को कहा। कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में कपिल देव ने कहा, "आजकल के खिलाड़ी कहते हैं कि हम IPL खेल रहे हैं, इसलिए बहुत प्रेशर है। यह शब्द काफी कॉमन हो गया है। ऐसे खिलाड़ियों के लिए मैं कहता हूं कि मत खेलो।  कौन कह रहा है आपसे खेलने को? प्रेशर है, तो इज्जत भी आपको ही मिलेगी। गालियां भी आपको ही मिलेंगी। यदि आप गालियों से डरते हैं,  तो मत खेलिए। आप देश को रिप्रेजेंट कर रहे हैं और आपको प्रेशर है। ये कैसे हो सकता है? 100 करोड़ लोगों में से आप 20 लोग खेल रहे हैं और बोल रहे हैं प्रेशर है।"

दरअसल क्रिकेट में पिछले कुछ समय से खिलाड़ियों के वर्कलोड को लेकर काफी चर्चा हो रही है। मेंटल हेल्थ और अत्यधिक क्रिकेट को लेकर विराट कोहली और इंग्लैंड के दिग्गज ऑलराउंडर बेन स्टोक्स जैसे खिलाड़ी काफी मुखर रहे हैं। लेकिन कपिलदेव के अलावा सुनील गावस्कर जैसे पूर्व क्रिकेटर इसके विरोध में खड़े नजर आते हैं। हाल ही में एक निजी चैनल के कार्यक्रम में गावस्कर ने कहा था कि आप आईपीएल खेलते हैं, वहां यात्राएं भी करते हैं। क्या वहां काम का बोझ नहीं होता? सिर्फ जब भारत के लिए खेलना होता है, तब आपका वर्कलोड बढ़ जाता है? ये बात गलत है।

गावस्कर ने बीसीसीआई को भी सलाह दी और जोर देकर कहा कि भारतीय क्रिकेट को “वर्कलोड मैनेजमेंट” से आगे बढ़ने की जरूरत है। इस पूरे मामले के इतर एक सच ये भी है कि  पिछले सात-आठ महीनों में टीम इंडिया स्थिर नजर नहीं आई। बोर्ड ने लगातार खिलाड़ी बदले हैं जिसका नतीजा ये हुआ है कि वनडे और टी20 में रोहित शर्मा को कोई स्थाई जोड़ीदार नहीं मिल पाया है। टीम में स्थिरता  न होने का खामियाजा  पिछले टी20 वर्ल्ड कप के दौरान भुगतना पड़ा और टीम इंडिया अपने खिताबी सूखे को खत्म करने में एक बार फिर नाकामयाब रही। अगर यही हाल रहा तो आने वाले वनडे विश्वकप में भी भारतीय टीम को झटका लग सकता है।

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