हैदराबाद, सात मई। लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही सनराइजर्स हैदराबाद की टीम इंडियन प्रीमियर लीग 2018 के 39वें मैच में संघर्षरत रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का सामना करेगा तो उसका लक्ष्य अंकतालिका में अपने नंबर एक स्थान को अधिक मजबूती प्रदान करना होगा।
छोटे स्कोर को बचाने सक्षम है हैदराबाद
अपने दमदार गेंदबाजी आक्रमण से सनराइजर्स ने अब तक अपने कम स्कोर का भी अच्छी तरह से बचाव किया और दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ टीम ने लक्ष्य का पीछा करते हुए सात विकेट से जीत दर्ज की। इससे उसने साबित किया कि वह अंतिम ओवर तक खिंचने वाले मुकाबलों में भी लक्ष्य हासिल कर सकता है।
हैदराबाद के लिए शिखर का फॉर्म चिंता का सबब
सनराइजर्स के अभी नौ मैचों में सात जीत से 14 अंक हैं और उसने प्लेऑफ में जगह बनाने के लिए मजबूत कदम आगे बढ़ा दिए हैं, लेकिन अब भी कुछ मसले हैं जो उसके लिए टूर्नामेंट के आखिरी चरण में परेशानी का सबब बन सकते हैं। इनमें सलामी बल्लेबाज शिखर धवन का कम स्ट्राइक रेट और मध्यक्रम का लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाना शामिल है।
आरसीबी के लिए हर मैच 'करो या मरो'
विराट कोहली की अगुवाईवाली आरसीबी के लिए अब हर मैच करो या मरो जैसा है। उसे न सिर्फ प्रत्येक मैच जीतना होगा, बल्कि अन्य मैचों में भी अनुकूल परिणाम की दुआ करनी होगी। उसने नौ मैचों में से केवल तीन में जीत दर्ज की है और उसके छह अंक हैं। कोहली और एबी डिविलियर्स सनराइजर्स के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं, जिसके गेंदबाज हर टीम के लिए सरदर्द बने हुए हैं। भुवनेश्वर कुमार की वापसी से सनराइजर्स का आक्रमण और मजबूत हुआ है।
आरसीबी के लिए डेथ ओवर में गेंदबाजी चिंता का सबब
आरसीबी की गेंदबाजी की बात है तो डेथ ओवरों की गेंदबाजी उसके लिए चिंता का सबब बना हुआ है। उमेश यादव और युजवेंद्र चहल ने अच्छी गेंदबाजी की है, लेकिन हैदराबाद के रहने वाले मोहम्मद सिराज और वाशिंगटन सुंदर को भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
हैदराबाद की गेंदबाजी और बल्लेबाजी में है दम
दूसरी तरफ से सनराइजर्स के लिये अब तक स्पिनर राशिद खान , तेज गेंदबाज सिद्धार्थ कौल और संदीप शर्मा तथा स्पिन ऑलराउंडर शाकिब अल हसन काफी प्रभावशाली साबित हुए हैं। बल्लेबाजी में कप्तान केन विलियमसन ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया है। पिछले मैच में धवन के साथ बल्लेबाजी की शुरुआत करने वाले अलेक्स हेल्स ने भी उम्मीदें जगाई हैं।