IPL Controversy 2019: खराब अंपायरिंग के अलावा चर्चा में रहे ये विवाद, जानें आईपीएल 12 की 6 बड़ी कंट्रोवर्सी

IPL 2019: आईपीएल के 12वें सीजन में पूरे टूर्नामेंट के दौरान विराट कोहली का विवाद हो या एमएस धोनी का, सभी में अंपायर विवादों के केंद्र रहे।

By सुमित राय | Published: May 13, 2019 07:35 AM2019-05-13T07:35:05+5:302019-05-13T07:35:05+5:30

IPL 2019 will be remembered for these Six Controversy in future | IPL Controversy 2019: खराब अंपायरिंग के अलावा चर्चा में रहे ये विवाद, जानें आईपीएल 12 की 6 बड़ी कंट्रोवर्सी

खराब अंपायरिंग के कारण विवाद फाइनल मुकाबले में भी देखने के लिए मिला।

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Highlightsफाइनल मुकाबले में मुंबई ने चेन्नई को हराकर खिताब पर कब्जा किया।मुंबई चौथी बार आईपीएल चैंपियन बनने वाली पहली टीम बन गई।टूर्नामेंट के दौरान सभी विवादों में अंपायर विवादों के केंद्र रहे।

फाइनल मुकाबले में मुंबई ने चेन्नई को हराकर खिताब पर कब्जा किया और चौथी बार आईपीएल चैंपियन बनने वाली पहली टीम बन गई। साल 2019 के आईपीएल में कई खिलाड़ियों ने कमाल करते हुए रिकॉर्ड बनाया, लेकिन यह आईपीएल अपने विवादों के लिए भी याद किया जाएगा। टूर्नामेंट के दौरान विराट कोहली का विवाद हो या एमएस धोनी का, सभी में अंपायर विवादों के केंद्र रहे।

वाइड नहीं दिए जाने पर कीरोन पोलार्ड नाराज

मुंबई इंडियंस के नाराज बल्लेबाज कीरोन पोलार्ड ने रविवार को चेन्नई के खिलाफ आईपीएल फाइनल के दौरान वाइड की लाइन के समीप स्ट्राइक ली और इसके बाद पिच से लगभग बाहर चले गए जिसके लिए उन्हें अंपायरों से फटकार का सामना करना पड़ा। पोलार्ड हालांकि विरोध स्वरूप डटे रहे। दरअसल, मुंबई इंडियंस की पारी के अंतिम ओवर में पोलार्ड लगातार वाइड की लाइन की ओर खिसक रहे थे और ब्रावो ने इसे भांपते हुए वाइड की लाइन के बाहर लगातार तीन खाली गेंद की।

पहली गेंद पोलार्ड के बल्ले से लगी, लेकिन बाकी दो गेंद को अंपायर नितिन मेनन ने वाइड नहीं दिया। तीसरी गेंद के बाद पोलार्ड की हताशा साफ देखी जा सकती थी और उन्होंने बिना कुछ बोले बल्ला हवा में उछाल दिया। ब्रावो इसके बाद जब चौथी गेंद फेंकने के लिए बढ़े तो पोलार्ड ने स्टंप खाली छोड़ दिए और वाइड की लाइन की ओर बढ़ गए। खेल भावना के विपरीत इस आचरण के लिए स्क्वायर लेग के अंपायर इयान गोल्ड और मेनन ने इस सीनियर बल्लेबाज को फटकार लगाई।

अश्विन का मांकड़िंग और अंपायरिंग विवाद

12 सालों के आईपीएल इतिहास में रविचंद्रन अश्विन ने राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज जोस बटलर को मांकड़िंग आउट किया, लेकिन इसके बाद अश्विन ने पूरे क्रिकेट जगत में 'खेल भावना' का विवाद खड़ा कर दिया। अश्विन पर जहां खेल भावना के विपरीत खेलने का आरोप लगा तो अंपायरों की गुणवत्ता पर सवाल उठे।

इसके बाद अश्विन ने दूसरे मैच में कप्तानी की गलती दोहराई जब कोलकाता के आंद्रे रसेल के आउट होने के बाद पता चला कि सर्कल के अंदर-बाहर निर्धारित संख्या में खिलाड़ी नहीं होने के कारण वह नो बॉल दे दी गई। इसके बाद अश्विन ने मुंबई के खिलाफ अश्विन ने सात गेंदों का ओवर डाल दिया और सातवीं गेंद पर क्विंटन डिकॉक ने चौका भी जड़ दिया।

नो बॉल पर अंपायर से भिड़ गए धोनी

अश्विन का विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि नो बॉल को लेकर चेन्नई के कप्तान एमएस धोनी नो बॉल के फैसले पर डगआउट से भागते हुए मैदान पर पहुंच गए और अपना आपा खोते हुए अंपायर से भिड़ गए। इसके बाद धोनी के आचरण पर सवाल उठे और एक्सपर्ट ने धोनी की काफी आलोचना की।

अंपायर ने गुस्से में तोड़ा दरवाजा

4 मई को हुए आईपीएल के एक मैच में बैंगलोर के खिलाफ हैदराबाद ने पहले बल्लेबाजी की। पारी के 20वें ओवर की आखिरी गेंद को अंपायर नाइजिल लॉन्ग ने नो-बॉल करार दिया। अंपायर के इस फैसले पर बैंगलोर के कप्तान विराट कोहली और अन्य खिलाड़ी भड़क गए। इसके बाद उनकी अंपायर से बहस हुई, क्योंकि उनका कहना था कि यह नो बॉल नहीं थी। बाद में लॉन्ग ने अपना गुस्सा अंपायर रूम के दरवाजे पर ठोकर मारकर उतारा, जिससे दरवाजा टूट गया था। हालांकि, लॉन्ग ने बाद में अपनी गलती मानी और नुकसान की भरपाई कर दी। उन्होंने 5000 रुपये हर्जाना भी दिया।

इस साल अंपायरिंग पर गंभीर सवाल उठे

इस साल आईपीएल के ज्यादातर मैच रोमांचक स्थिति में पहुंचने के बाद खत्म हुए, लेकिन इस दौरान अंपायरों ने कई गलत फैसले किए, जिससे अंपायरिंग के स्तर पर गंभीर सवाल उठे। खराब अंपायरिंग में ज्यादातर भारतीय अंपायर शामलि रहे। अंपायरों से विवाद में धोनी के अलावा कोहली भी सामने आए। मुंबई के खिलाफ मैच के दौरान लसिथ मलिंगा ने मैच के आखिरी गेंद पर नो बॉल डाली। इस बॉल को अंपायर नहीं देख सके, लेकिन बाद में यह बात सामने आ गई।इसके बाद विराट कोहली ने खूब बयानबाजी की और कहा अंपायरों को अपनी आंखें खुली रखनी चाहिए।

आधी रात से ज्यादा देर तक चले मैच

आईपीएल के 60 मैचों के दौरान टीमों और कप्तानों पर स्लो ओवर का आरोप लगा। इस कारण कई कप्तानों पर फाइन भी लगाया गया, क्योंकि मैच समय से ज्यादा देर तक चले। आईपीएल के अगले सत्रों की योजना में ओवर गति का मुद्दा उठाए जाने की जरूरत है, क्योंकि इस सात कुछ मैच आधी रात 12 बजे के बाद खत्म हुए।

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