Ind vs ENG: बल्लेबाजों की नाकामी से लेकर कोहली की कप्तानी तक, इन 7 कारणों से मिली सीरीज में करारी शिकस्त

India vs England: भारत को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 1-4 से मिली करारी शिकस्त में कोहली की कप्तानी से लेकर बल्लेबाजों की नाकामी तक कई कारण रहे

By अभिषेक पाण्डेय | Published: September 12, 2018 03:04 PM2018-09-12T15:04:23+5:302018-09-12T15:04:23+5:30

India vs England: 7 reasons why India lost test series against England | Ind vs ENG: बल्लेबाजों की नाकामी से लेकर कोहली की कप्तानी तक, इन 7 कारणों से मिली सीरीज में करारी शिकस्त

भारतीय टीम को इंग्लैंड के खिलाफ क्यों मिली टेस्ट सीरीज में शिकस्त?

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लंदन, 12 जुलाई: ओवल टेस्ट के पांचवें दिन केएल राहुल और ऋषभ पंत ने भारतीय युवा बल्लेबाजों का दम दिखाया लेकिन अंत में वही हुआ जो इंग्लैंड के खिलाफ इस पूरी टेस्ट सीरीज में होता रहा है, भारतीय टीम मजबूत वापसी के बाद अचानक ही भरभरा कर ढही और एक और मैच हारते हुए टेस्ट सीरीज 1-4 से गंवा दी। 

इस टेस्ट सीरीज में ऐसे कई मौके आए जब भारतीय टीम इंग्लैंड पर हावी और जीत की दावेदार दोनों दिखी लेकिन अंत में मेजबान टीम ने खुद को दबाव झेलने में ज्यादा बेहतर साबित करते हुए सीरीज पर कब्जा जमा लिया। आइए एक नजर डालते हैं उन प्रमुख वजहों पर जो बनी टीम इंडिया की हार की वजह। 

1. कोहली के अलावा फ्लॉप रहे बाकी बल्लेबाज:

विराट कोहली इस दौरे के सुपरस्टार साबित हुए। लेकिन उनकी टीम के बाकी बल्लेबाज उनके आधे के बराबर भी प्रदर्शन नहीं कर पाए। कोहली ने अकेले 593 रन बनाए जो दोनों टीमों में सर्वाधिक हैं, लेकिन केएल राहुल और पुजारा की शतकीय पारियों को छोड़ दें तो कोई भी भारतीय बल्लेबाज उनके आसपास भी पहुंचता नहीं दिखा। भारत की हार की सबसे बड़ी वजह बल्लेबाजों की नाकामी रही।

2. सही टीम संयोजन न बना पाना:

कोहली और शास्त्री पूरी टेस्ट सीरीज में सही टीम का संयोजन तैयार कर पाने के लिए जूझते रहे। सिर्फ साउथम्पटन में खेले गए चौथे टेस्ट को छोड़कर हर मैच में टीम में बदलाव हुए, लेकिन ज्यादातर गलत साबित हुए। उदाहरण के लिए लॉर्ड्स की पेसर की मददगार पिच पर अश्विन के साथ कुलदीप यादव को उतारना, चौथे टेस्ट में अनफिट अश्विन को उतारना, रवींद्र जडेजा को सिर्फ आखिरी टेस्ट में मौका देना, करुण नायर को बेंच पर बिठाए रखना और शिखर धवन को फ्लॉप होने के बावजूद लगातार मौके देना जैसे निर्णय कोहली के ऐसे निर्णय रहे जो पूरी तरह गलत साबित हुए।

3.भारतीय ओपनिंग जोड़ी की नाकामी:

भारतीय ओपनिंग जोड़ी पांचों टेस्ट मैचों में अच्छी बैटिंग के लिए जूझती रही। भारत ने पहले मुरली विजय-शिखर धवन, फिर मुरली विजय-केएल राहुल और फिर राहुल-शिखर धवन के रूप में तीन अलग-अलग ओपनिंग जोड़ियां आजमाईं, लेकिन तीनों ही बुरी तरह फ्लॉप रही और एक भी शतकीय साझेदारियां नहीं कर पाईं। केएल राहुल का पांचवें टेस्ट की दूसरी पारी में शतक जमाने से पहले उच्चतम स्कोर सिर्फ 37 रन था। धवन और मुरली विजय तो कभी अर्धशतक भी नहीं जमा पाए।

4.टेस्ट सीरीज से पहले पर्याप्त प्रैक्टिस मैच न खेलना:

भारतीय टीम पहले के विदेशी दौरों से अलग इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले सिर्फ एक प्रैक्टिस मैच खेली। भारत ने ये मैच एसेक्स के खिलाफ खेला, वह भी सिर्फ तीन दिनों का। भारत को टेस्ट मोड में आने के लिए वैसे भी प्रैक्टिस मैच की ज्यादा जरूरत इसलिए थी क्योंकि उसके पहले उसने इंग्लैंड के खिलाफ टी20 और वनडे सीरीज खेली थी।  

5.भारत का लोअर मिडिल ऑर्डर भी रहा असफल:

भारत के निचले क्रम की बैटिंग की तुलना अगर आप इंग्लैंड के निचले क्रम की बैटिंग से करेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि इसने भारत को कितना नुकसान पहुंचाया। भारत के लिए इस क्रम में पंड्या, पंत, अश्विन और कार्तिक जैसे बल्लेबाज खेले जबकि उनकी तुलना में इंग्लैंड के लिए इस क्रम पर स्टोक्स, वोक्स, कर्रन और ब्रॉड खेले। इन चारों में से हरेक ने इस सीरीज में कभी न कभी इंग्लैंड को मुसीबत से निकाला, इसीलए सैम कर्रन तो मैन ऑफ द सीरीज रहे। भारत के लिए इन चारों में से ये कमाल कोई  भी नहीं कर सका।

6.इंग्लैंड के निचले क्रम को न आउट कर पाने की नाकामी:

भले ही भारतीय गेंदबाज इस सीरीज में बल्लेबाजों की तुलना में काफी सफल रहे। लेकिन उनकी एक कमी भारत को काफी खली। खासकर भारतीय तेज गेंदबाजों ने सीरीज में इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को लगभग हर मैच में आसानी से आउट कर लिया लेकिन निचले क्रम को जल्दी नहीं समेट पाए। उदाहरण के लिए पहले टेस्ट में भारत ने दूसरी पारी में इंग्लैंड के 7 विकेट 87 रन पर गिरा दिए थे लेकिन इसके बाद आखिरी तीन विकेटों ने स्कोर 180 तक पहुंचा दिया जो इंग्लैंड की जीत की वजह बना। कुछ ऐसा ही चौथे टेस्ट में हुआ जब पहली पारी में भारत ने इंग्लैंड का स्कोर 167/7 कर दिया लेकिन फिर भी इंग्लैंड 246 के स्कोर तक पहुंचने में कामयाब रहा।

7.कोहली की कप्तानी पर सवाल:

एक बल्लेबाज के रूप में कोहली को 10 में से 10 नंबर मिलेंगे लेकिन एक कप्तान के तौर पर उन्होंने सीरीज में कई गलतियां कीं। गलत टीम चयन से लेकर गलत फील्डिंग सजाने तक कई बार उनकी कप्तानी बेहद कमजोर दिखी जिसने इंग्लैंड पर कसने शिकंजे के बावजूद भारत को कई बार जीत से महरूम किया। इसके अलावा कोहली पर कुछ खिलाड़ियों पर जरूरत से ज्यादा मेहरबानी दिखाने का आरोप भी लगा।  

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