IND vs BAN: पिंक बॉल के साथ कोहली ने की प्रैक्टिस, जानिए कैसा रहा अनुभव

‘‘पिच अगर गेंदबाजों को अतिरिक्त मदद करेगी तो पूरे मैच में तेज गेंदबाजों की भूमिका रहेगी। मुझे नहीं पता कि ओस रहने पर और लेकर घिस जाने पर पुरानी गेंद कैसे बर्ताव करेगी। यह देखना रोचक होगा।’’

By भाषा | Published: November 13, 2019 04:34 PM2019-11-13T16:34:14+5:302019-11-13T16:34:14+5:30

India vs Bangladesh 1st Test: Virat Kohli Reveals His First Experience With Pink Cricket Ball | IND vs BAN: पिंक बॉल के साथ कोहली ने की प्रैक्टिस, जानिए कैसा रहा अनुभव

IND vs BAN: पिंक बॉल के साथ कोहली ने की प्रैक्टिस, जानिए कैसा रहा अनुभव

googleNewsNext

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने कहा कि गुलाबी गेंद लाल गेंद से ज्यादा स्विंग लेती है लेकिन यह देखना रोचक होगा कि पुरानी होने के बाद वह कैसी रहती है, खासकर जब ओस की भूमिका भी हो। गुलाबी गेंद से दूसरा टेस्ट ईडन गार्डन पर 22 नवंबर से खेला जायेगा जो भारत और बांग्लादेश दोनों के लिये दिन रात का पहला टेस्ट होगा। पहले टेस्ट से पूर्व हालांकि अधिकांश सवाल दूसरे टेस्ट को लेकर ही दागे गए। 

कोहली ने कहा, ‘‘यह टेस्ट क्रिकेट में नया रोमांच है। मैने कल गुलाबी गेंद से खेला जो लाल गेंद की तुलना में ज्यादा स्विंग ले रही थी क्योंकि गेंद पर अतिरिक्त लेकर (पुताई का कोट) लगा था जो जल्दी घिसता नहीं।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘पिच अगर गेंदबाजों को अतिरिक्त मदद करेगी तो पूरे मैच में तेज गेंदबाजों की भूमिका रहेगी। मुझे नहीं पता कि ओस रहने पर और लेकर घिस जाने पर पुरानी गेंद कैसे बर्ताव करेगी। यह देखना रोचक होगा।’’ उन्होंने यह भी कहा कि गुलाबी गेंद के प्रभावी रहने के लिये जीवंत विकेट होना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘गुलाबी गेंद से खेलने पर पिच का जीवंत होना भी जरूरी है।’’

भारतीय टीम ने दूधिया रोशनी में अभ्यास नहीं किया लेकिन नयी गेंद के रंग से सामंजस्य बिठाने के लिये कुछ थ्रोडाउन जरूर किये। कप्तान ने यह भी कहा कि दिन रात के टेस्ट को लेकर हाइप लाजमी है लेकिन फोकस फिलहाल पहले मैच पर ही होना चाहिये। 

कोहली ने कहा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट में आप ध्यान भटका नहीं सकते। एक सत्र या एक ओवर के लिये भी नहीं। फिलहाल हमारा पूरा फोकस कल से शुरू होने वाले मैच पर रहना चाहिये। उसके बाद गुलाबी गेंद पर फोकस करेंगे।’’ स्थायी टेस्ट केंद्रों के बारे में पूछने पर कोहली ने कहा कि वह चाहते हैं कि पारंपरिक प्रारूप के लिये एक ढांचा रहे। 

उन्होंने कहा, ‘‘मैने ऐसा इसलिये कहा कि आप अनुपात देखिये। इंदौर जैसी जगह पर मैदान में भीड़ हो सकती है लेकिन दूसरी जगहों पर नहीं। ऐसा नहीं हो सकता कि मैच एक ही मैदान पर होते रहे, दूसरों पर नहीं।’’

Open in app