मां ने मजदूरी कर बनाया क्रिकेटर, अब भारतीय टीम की जर्सी पहन बेटे ने पूरा किया सपना

देश के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का सपना देखकर उसे पूरा करने वाले बहुत कम ही क्रिकेटर होते हैं। टी नटराजन ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है और वह जल्द ही टीम के लिए डेब्यू कर सकते हैं।

By अमित कुमार | Published: November 26, 2020 10:26 AM2020-11-26T10:26:24+5:302020-11-26T10:40:08+5:30

India pacer T Natarajan flaunts retro jersey in Australia Trust in Dreams | मां ने मजदूरी कर बनाया क्रिकेटर, अब भारतीय टीम की जर्सी पहन बेटे ने पूरा किया सपना

(फोटो सोर्स- ट्विटर)

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Highlightsनटराजन ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर टीम इंडिया के जर्सी में एक तस्वीर शेयर की है।इस तस्वीर को देखने के बाद फैंस लगातार नटराज को बधाइयां दे रहे हैं। केकेआर के लेग स्पिनर वरुण चक्रवर्ती के स्थान पर यॉर्कर स्पेशलिस्ट टी नटराजन को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुना गया।

अपनी खूबसूरत यार्कर के कारण क्रिकेट में विशेष छाप छोड़ने वाले टी नटराजन जल्द ही भारत की ओर से खेलते दिखाई देंगे। भारत के लिए नटराजन का खेलने का सपना ऑस्ट्रेलिया दौरे पर होने वाली टी-20 सीरीज के दौरान पूरा हो सकता है। केकेआर के लेग स्पिनर वरुण चक्रवर्ती के स्थान पर यॉर्कर स्पेशलिस्ट टी नटराजन को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुना गया। चक्रवर्ती कंधे की चोट के चलते टी20 सीरीज से बाहर हो गए हैं, जिसके बाद नटराजन को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में 'गोल्डन चांस' मिला है।

नटराजन ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर टीम इंडिया के जर्सी में एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर को देखने के बाद फैंस लगातार नटराज को बधाइयां दे रहे हैं। नटराजन के लिए यहां तक का सफर तय करना कतई आसान नहीं था। नटराजन ने अपने परिवार के लिये वह सब कुछ किया जो वह कर सकते थे लेकिन वह अपनी मां को सड़क के किनारे चिकन बेचना छोड़ने से नहीं मना पाया। 

एक इंटरव्यू में नटराजन के मेंटर जयप्रकाश ने कहा कि इस तेज गेंदबाज की मां को लगता है कि जब उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी तब उनके इस काम से परिवार को बहुत मदद मिली थी। नटराजन की डेथ ओवरों के विशेषज्ञ गेंदबाज के रूप में पहचान वर्तमान इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से कुछ साल पहले हुई थी जब उन्होंने अपनी यार्कर से लगातार सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को आउट किया। 

इस दौरान उन्होंने अपने माता पिता के लिये घर बनाया, अपनी बहनों की पढ़ाई की व्यवस्था की, तमिलनाडु के सलेम जिला स्थित अपने गांव चिन्नापामपट्टी में अकादमी शुरू की और अपने साथियों को खेल नहीं छोड़ने के लिये प्रेरित किया। यह सब उन्होंने तमिलनाडु की गेंदबाजी विभाग की जिम्मेदारियों को संभालते हुए किया। जयप्रकाश ने कहा कि मैं उसके प्रदर्शन से हैरान नहीं हूं क्योंकि उसने कड़ी मेहनत की है। वह काफी परेशानियों से जूझते हुए आगे बढ़ा है। उसने चोट से उबरकर वापसी की और राज्य टीम में जगह बनायी और अब सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से मौका मिलने पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। 

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