टीम इंडिया के खिलाड़ियों का रिपोर्ट कार्ड, जानें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कौन हुआ पास और कौन फेल

Ind vs Aus: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 2-1 की ऐतिहासिक जीत में टीम इंडिया खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर अयाज मेमन का रिपोर्ट कार्ड...

By अयाज मेमन | Published: January 8, 2019 10:07 AM2019-01-08T10:07:52+5:302019-01-08T10:17:40+5:30

Ind vs Aus: Report card of Team India players against Australia in Test Series | टीम इंडिया के खिलाड़ियों का रिपोर्ट कार्ड, जानें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कौन हुआ पास और कौन फेल

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के साथ टीम इंडिया के खिलाड़ी

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भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर शिकस्त देकर इतिहास रच दिया। पिछले 71 सालों का लंबा इंतजार विराट कोहली ने खत्म किया। इस शानदार सीरीज ने देश को अनेक उदीयमान सितारे दिए। हालांकि अभी भी सुधार की गुंजाइस तो बनी हुई है। पेश है, इस ऐतिहासिक सीरीज में खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर क्रिकेट एक्सपर्ट अयाज मेमन का रिपोर्ट कार्ड।

चेतेश्वर पुजारा (9.5/10) : सीरीज में चेतेश्वर पुजारा सबसे प्रभावी साबित हुए। ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी जरूर कमजोर थी, लेकिन उनके गेंदबाजी आक्रमण को ताकतवर माना जाता रहा। पुजारा ने अपनी तकनीक और संयम के बल पर मेजबान आक्रमण की धार कुंद कर दी। सीरीज में सर्वाधिक 521 रन बनाते हुए उन्होंने भारतीय गेंदबाजों को जीत के लिए सम्मानजनक स्कोर प्रदान किया।

जसप्रीत बुमराह (9.5/10) : फिलहाल बुमराह अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं। उनकी अनूठी शैली बल्लेबाजों के लिए पहेली बनी हुई है। अपने पहले 12 माह के टेस्ट करियर में उन्होंने गजब का प्रदर्शन किया है। सटीक गेंदबाजी, अनूठी शैली और निरंतरता के चलते ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के सामने वह परेशानी का सबब बने रहे।

विराट कोहली (8.5/10) : कोहली ने साल 2018 में बल्लेबाजी में अपना वर्चस्व स्थापित किया। बतौर कप्तान भी उनका जलवा रहा। पर्थ में खेली गई शतकीय पारी लाजवाब रही। सबसे महत्वपूर्ण कप्तानी के मोर्चे पर सफल रहते हुए उन्होंने बल्लेबाजी में भी अपना स्वाभाविक प्रदर्शन किया।

मोहम्मद शमी (8.5/10) : पूरी सीरीज में शमी पूर्ण रूप से फिट और श्रेष्ठ फॉर्म में नजर आए। पूरे जोश के साथ गेंदबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई विकेटों पर अपना कौशल भी दिखाया। उन्होंने गेंदों को स्विंग करने के अलावा रिवर्स स्विंग भी कराई।

ऋषभ पंत (8.5/10) : विकेटों के पीछे प्रदर्शन करते हुए उनकी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ हुई छींटाकशी काफी चर्चा में रही। इसके अलावा उन्होंने 350 रन और 20 कैच लपककर सीरीज में अपनी मौजूदगी को यादगार बनाया। पंत ने अपने प्रदर्शन से पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट की याद ताजा की। प्रदर्शन में निरंतरता कायम करने पर वह टीम के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं।

मयंक अग्रवाल (8/10) : मयंक अग्रवाल इस सीरीज की खोज रहे। भारतीय टीम जिस ओपनिंग के लिए योग्य दावेदार की खोज कर रही थी, उस पर मयंक अग्रवाल ने पूरे आत्मविश्वास के साथ खेलते हुए अपना दावा साबित किया। सलामी बल्लेबाजी में उनकी कामयाबी ने ही भारतीय मध्यक्रम को मजबूती प्रदान की।

ईशांत शर्मा (8/10) : सीरीज के दौरान ईशांत शर्मा ने जगब की गेंदबाजी की। उन्होंने सधी हुई गेंदबाजी करते हुए विपक्षी बल्लेबाजों को स्वतंत्रता के साथ खेलने का मौका नहीं दिया। उनके आक्रमण के सामने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज परेशान भी नजर आए। ईशांत फिलहाल अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं।

कुलदीप यादव (7.5/10) : सीरीज में केवल एक मुकाबला खेलने वाले कुलदीप यादव ने एक पारी में पांच विकेट झटक कर अपना स्तर साबित किया। कुछ गेंदबाज लंबे समय तक बाहर बैठने के बाद निराश होते हैं, लेकिन कुलदीप ने ऐसे माहौल में नेट्स में जोरदार अभ्यास करते हुए अपनी फिटनेस कायम रखते हुए खुद में जोश भी बरकरार रखा।

रवींद्र जडेजा (7.5/10) : जडेजा पहली पसंद नहीं थे, फिर भी उन्होंने तीसरे टेस्ट में चोटिल अश्विन की जगह मिलने पर बढ़िया प्रदर्शन किया। उन्होंने विपक्षी बल्लेबाजों पर अंकुश भी लगाया। चौथे टेस्ट में अर्धशतक और बेहतरीन क्षेत्ररक्षण सुर्खियों में रहा।

हनुमा विहारी (7/10) : भले ही विहारी बड़ी पारी नहीं खेल पाए, फिर भी टीम की ऐतिहासिक कामयाबी में उनका अहम योगदान रहा। खासतौर से सलामी में खेलते हुए उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई। इसके लिए वह टीम के लिए युटिलिटी खिलाड़ी के रूप में भी सफल रहे। पार्ट टाइम ऑफ स्पिनर के रूप में भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही।

अजिंक्य रहाणे (6.5/10) : रहाणे बड़ी पारी नहीं खेल पाए, लेकिन उनके योगदान को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता। उनकी बल्लेबाजी में आत्मविश्वास नजर आया। इसका उन्हें भविष्य की सीरीज में जरूर लाभ मिलेगा। साथ ही उनका क्षेत्ररक्षण प्रशंसनीय रहा।

रोहित शर्मा (6/10) : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार रोहित ने टेस्ट में वापसी की। पहले मैच में जगह मिलने के बाद दूसरे टेस्ट में वह चोट के कारण बाहर बैठे। इस बीच घर में 'नया मेहमान' (बेटी का जन्म) आने से उन्हें घर लौटना पड़ा। सीरीज में उन्होंने दो अर्धशतक बनाकर अपने चयन को सही साबित किया।

रविचंद्रन अश्विन (6/10) : भारतीय टीम की ओर से सर्वाधिक विकेट झटकने वाले ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन अक्सर विदेशों में औसत प्रदर्शन के लिए चर्चा में रहे। पहले टेस्ट में छह विकेट झटककर उन्होंने अपनी उपयोगिता साबित की। साथ ही निचले क्रम में उपयोगी बल्लेबाज भी हैं। हालांकि वह चोट के चलते अपनी भूमिका निभाने में नाकाम रहे।

उमेश यादव (3.5/10) : पर्थ टेस्ट में मिले मौके के बाद अन्य तेज गेंदबाजों की तरह उमेश अपनी उपयोगिता साबित नहीं कर पाए। उन्होंने तेज गेंदबाजी तो की, लेकिन वह आक्रमण में नियंत्रण नहीं रख पाए। यही कारण रहा कि वह तेज गेंदबाजों में अपना स्थान कायम नहीं रख पाए।

मुरली विजय/केएल राहुल (2/10) : ये दोनों सीरीज में पूरी तरह विफल रहे। दोनों ही टीम में अपना स्थान कायम नहीं रख पाए। अब मयंक अग्रवाल और युवा पृथ्वी शॉ इनके स्थान पर अपनी दावेदारी मजबूती के साथ पेश कर चुके हैं। लिहाजा इन्हें वापसी के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

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