Highlightsभारत की अंडर-19 टीम को आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम पांचवीं बार आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम करने से चूक गई।
भारत की अंडर-19 टीम को दक्षिण अफ्रीका में खेले गए आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। बांग्लादेश की टीम ने पहली बार अंडर-19 वर्ल्ड खिताब पर कब्जा किया, जबकि भारतीय टीम पांचवीं बार खिताब अपने नाम करने से चूक गई।
इस मैच में बांग्लादेश ने टॉस जीतकर पहले बॉलिंग करने का फैसला किया और भारत को 47.2 ओवर में 177 रन पर ढेर कर दिया। इसके बाद बांग्लादेश ने 178 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए बारिश आने तक 7 विकेट पर 163 रन बना लिए थे। बारिश के बाद मैच को 46 ओवर का किया गया और बांग्लादेश को 170 रनों का लक्ष्य मिला, जिसे उसने 42.1 ओवर में 7 विकेट गंवाकर हासिल कर लिया।
इन 5 कारणों से भारतीय टीम ने गंवाई ट्रॉफी
भारतीय टीम की खराब बैटिंग
फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम सिर्फ 177 रन ही बना पाई। भारत की ओर से सलामी बल्लेबाज जायसवाल ने 121 गेंद में आठ चौकों और एक छक्के की मदद से 88 रन की पारी खेलने के अलावा तिलक वर्मा (38) के साथ दूसरे विकेट के लिए 94 और ध्रुव जुरेल (22) के साथ चौथे विकेट के लिए 42 रन की साझेदारी की। इन तीनों के अलावा भारत को कोई भी बल्लेबाज क्रीज पर टिक नहीं पाया।
धीमी शुरुआत के बाद बिखरी टीम
मैच के शुरुआत से ही भारतीय खिलाड़ियों पर दबाव दिख रहा था और ओपनर्स ने धीमी शुरुआत की। भारतीय टीम ने जब पहला विकेट गंवाया तब टीम को स्कोर 7 ओवर में 9 रन था और यहीं से दबाव बढ़ता गया। यशस्वी जायसवाल ने टीम को दबाव से निकालने की कोशिश की, लेकिन भारतीय टीम का लोअर ऑर्डर बिखर गया।
50 ओवर नहीं खेल पाए भारतीय खिलाड़ी
धीमी शुरुआत के बाद यशस्वी जायसवाल ने पारी को संभाला और तिलक वर्मा के अलावा ध्रुव जुरेल के साथ मिलकर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन 156 के स्कोर पर चौथा विकेट गंवाने वाली भारतीय टीम 47.2 ओवर में 177 के स्कोर पर ऑल आउट हो गई।
भारतीय गेंदबाजों की खराब गेंदबाजी
भारतीय टीम ने बैटिंग में कम रन बनाए और इसके बाद गेंदबाजों पर विकेट लेकर दबाव बनाने की जिम्मेदारी थी, लेकिन वह नाकाम रहे और बांग्लादेशी ओपनर्स ने पहले विकेट के लिए 50 रन जोड़ दिए। हालांकि रवि बिश्नोई ने बांग्लादेश को चार झटके दिए और भारतीय टीम की वापसी कराई। बाग्लादेश का स्कोर 65 रन पर चार विकेट हो गया था, लेकिन इसके बाद अन्य कोई गेंदबाज दबाव नहीं बना पाया और भारतीय टीम लक्ष्य का बचाव करने में नाकाम रही।
गेंदबाजों ने कर दी एक्स्ट्रा रन की बारिश
भारतीय टीम की हार का सबसे बड़ा कारण एक्स्ट्रा रन भी रहा। भारतीय बल्लेबाजों ने सिर्फ 177 रन बनाए थे और ऐसे में गेंदबाजों पर रन गति पर रोक लगाने की जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने खराब गेंदबाजी की और अतिरिक्त रनों की बारिश कर दी। भारतीय गेंदबाजों ने इस मैच में कुल 33 एक्स्ट्रा रन दिए, जिसमें बाई में 8, लेग बाई में चार, नो बॉल से 2 और वाइड बॉल से 19 रन दिए।