टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल का खुलासा, कैसे उनके एक चैलेंज से हुई थी धोनी के महान फिनिशर बनने की शुरुआत

Greg Chappell: टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने खुलासा किया है कि कैसे 2005 में श्रीलंका के खिलाफ एक मैच में उनके द्वारा दी गई चुनौती से एमएस धोनी के फिनिशर बनने की शुरुआत हुई

By अभिषेक पाण्डेय | Published: May 14, 2020 10:03 AM2020-05-14T10:03:40+5:302020-05-14T10:05:17+5:30

Greg Chappell reveals, How his Challenge Helped MS Dhoni Turn Into A Great Finisher | टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल का खुलासा, कैसे उनके एक चैलेंज से हुई थी धोनी के महान फिनिशर बनने की शुरुआत

धोनी को क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन फिनिशर में से गिना जाता है (AFP)

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एमएस धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में 2004 में एक आक्रामक बल्लेबाज और जोरदार शॉट लगाने वाले बल्लेबाज के रूप में कदम रखा था, लेकिन इसके बाद अगले एक दशक में उन्होंने अपनी इमेज शांत और एक बेहतरीन फिनिशर के रूप में बनाई। 

टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने खुलासा किया है कि धोनी उनके द्वारा देखे 'सबसे ताकतवर' बल्लेबाजों में एक थे और कैसे उनके द्वारा इस पूर्व भारतीय कप्तान को दी गई एक चुनौती ने धोनी के बल्ले से फिनिशर बनने की नींव डाली थी।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, चैपल ने प्लेराइट फाउंडेशन के साथ एक ऑनलाइन चैट के दौरान 2005 में श्रीलंका के खिलाफ खेली गई धोनी की 145 गेंदों की 183 रन की जोरदार पारी को याद किया, जो अब भी वनडे क्रिकेट में उनका सर्वाधिक स्कोर है। चैपल ने इस मैच के बाद धोनी के साथ हुई बातचीत के बारे में बताया।

ग्रेग चैपल का खुलासा, कैसे की धोनी को फिनिशर बनने मे मदद

चैपल ने कहा, मुझे उनके का साथ बातचीत करना याद है। हमारी श्रीलंका के खिलाफ एक घरेलू सीरीज थी। धोनी ने एक मैच में 180 रन बनाए थे। एकदम उनकी धज्जियां उड़ा दी थीं। उन्होंने ढेरे बाउंड्री और ढेरों छक्के लगाए थे।

चैपल ने कहा, 'अगला मैच पुणे में था, और मुझे याद है कि मैंने उनकी ओवरऑल योग्यता को लेकर बातचीत की थी और मुझे लगा कि अगर वह अपने करियर में केवल चौके और छक्के लगाते रहेंगे, तो वह शायद वह चीज हासिल नहीं कर पाएंगे जो उन्हें क्रिकेट में हासिल करनी है।'

चैपल ने कहा, 'अब हमने इस तथ्य पर बात की क्या वह गेंद को मैदान पर ही (हवाई शॉट के बिना) खेल सकते हैं...हालांकि वह बाउंड्रीज मारने में बेहतरीन थे, लेकिन ये फिर भी खेलने का खतरनाक तरीका था। अगर वह अपने खेल से थोड़ा खतरा निकाल देते तो वह विश्व क्रिकेट के सबसे बेहतरीन फिनिशर बन सकते थे।'

ग्रेग चैपल ने दी थी धोनी को केवल मैदानी शॉट खेलने की चुनौती

चैपल ने कहा, 'मुझे पुणे में वह मैच याद है, जब वह बैटिंग के लिए आए तो हमें ज्यादा रन नहीं चाहिए थे, हमें तब 80 या 10 रन बनाने थे। इसलिए मैंने उन्हें एक चुनौती दी कि क्या वह अपने सभी रन मैदानी शॉट खेलते हुए बना सकते हैं। मैंने कहा, हमें जीना चाहिए लेकिन मैं चाहता हूं कि तुम (धोनी) वहां जाओ और सुनिश्चित करो की हम जीतें।'

चैपल ने कहा, 'तुम्हें गेंद को हवा में तब तक मारने की इजाजत नहीं होगी जब तक हम मैच जीत ना जाएं। तुम किसी भी तरह बेस्ट बाउंड्री हिटर के बजाय बेस्ट फिनिशर होने का रोमांच खोजना होगा, जिससे कुछ बेहतरीन पारियों के लिए तुम्हें याद किया जाएगा, क्योंकि तुम इस खेल के सबसे बेहतरीन फिनिशर बन सकते हो।'

पूर्व भारतीय कोच ने कहा, 'सौभाग्य से, उन्होंने वह चुनौती ली, हालांकि मुझे याद है कि आरपी सिंह 12वें खिलाड़ी थे, और पारी के बीच में वह मेरे पास आए और कहा कि एमएस जानना चाहते हैं कि क्या अब वह गेंद को हवा में खेल सकते हैं। हमें तब भी जीतने के लिए 20 रन की जरूरत थी, इसलिए मैंने आरपी से कहा कि वह वापस जाएं और कहें कि वह गेंद को तब हवा में मार सकते हैं जब हमने मैच जीत लिया हो।'

धोनी ने उस पूरी पारी के दौरान धैर्य बनाए रखा लेकिन अंत में अपने ट्रेडमार्क स्टाइल में छक्का जड़कर जीत दिलाई। चैपल ने कहा, मैच के अंत में हमें चार रन की जरूरत थी, और उन्होंने जोरदार छक्का जड़ा और अपना बैट हवा में लहराते हुए मेरे पास आए और पूछा, 'क्या ये ठीक है कोच?'

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