गौतम गंभीर ने बहुत पहले ही पहचान ली थी सुनील नारायण की प्रतिभा, खराब फॉर्म के दौरान शाहरूख खान के समर्थन को भी याद किया

कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के पूर्व कप्तान और अब टीम के मार्गदर्शक गंभीर ने खुलासा किया कि 2011 में नारायण को पदार्पण श्रृंखला में खेलते हुए देखने के बाद ही उन्होंने वेस्टइंडीज के इस खिलाड़ी को आईपीएल के लिए शामिल करने का फैसला किया था।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 20, 2024 04:49 PM2024-04-20T16:49:46+5:302024-04-20T16:50:59+5:30

Gautam Gambhir recognized Sunil Narayan's talent remembered Shahrukh Khan support | गौतम गंभीर ने बहुत पहले ही पहचान ली थी सुनील नारायण की प्रतिभा, खराब फॉर्म के दौरान शाहरूख खान के समर्थन को भी याद किया

(फाइल फोटो)

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Highlightsनारायण ने अपने आईपीएल करियर में 170 विकेट चटकाये हैं लीग में 168 मैच में अब तक एक शतक सहित 1322 रन भी बनाये हैंगौतम गंभीर ने बहुत पहले ही पहचान ली थी सुनील नारायण की प्रतिभा

IPL 2024: भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने सुनील नारायण को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बताते हुए कहा कि जब उन्होंने 2011 में भारत के खिलाफ वनडे पदार्पण किया था तो उन्हें अंदाजा हो गया था कि वेस्टइंडीज का यह खिलाड़ी टी20 क्रिकेट का महान क्रिकेटर बनेगा। कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के पूर्व कप्तान और अब टीम के मार्गदर्शक गंभीर ने खुलासा किया कि 2011 में नारायण को पदार्पण श्रृंखला में खेलते हुए देखने के बाद ही उन्होंने वेस्टइंडीज के इस खिलाड़ी को आईपीएल के लिए शामिल करने का फैसला किया था। 

गंभीर ने 'केकेआर नाइट्स डगआडट पोडकास्ट' में कहा,  "मेंने सात या आठ गेंदों का ही सामना किया होगा और मुझे लगा कि यह खिलाड़ी खेल का महान क्रिकेटर बनेगा, विशेषकर टी20 क्रिकेट में। देखिये अब सुनील नारायण कहां हैं? शायद वह आईपीएल इतिहास का सबसे महान गेंदबाज है।" 

नारायण ने अपने आईपीएल करियर में 170 विकेट चटकाये हैं और लीग में 168 मैच में अब तक एक शतक सहित 1322 रन भी बनाये हैं। नारायण ने दिसंबर 2011 में अहमदाबाद में तीसरे वनडे में भारत के खिलाफ वनडे पदार्पण किया था जिसमें उन्होंने विराट कोहली और आर अश्विन को आउट कर 34 रन देकर दो विकेट चटकाये थे। गंभीर ने चौथे वनडे में पहली बार नारायण की गेंदों का सामना किया। नारायण हालांकि छह ओवर में 46 रन देकर कोई विकेट नहीं झटक सके थे। लेकिन गंभीर को लग गया था कि त्रिनिदाद का यह खिलाड़ी आईपीएल 2012 में शानदार गेंदबाज बनेगा। 

2012 में नारायण केकेआर के रहस्यमयी गेंदबाज के तौर पर सामने आये और 24 विकेट लेकर मोर्नी मोर्कल के 25 विकेट के बाद दूसरे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बने। इससे केकेआर की टीम 2012 में अपना पहला आईपीएल खिताब जीतने में सफल रही। केकेआर ने दूसरी दफा 2014 में खिताब अपने नाम किया जिसमें भी नारायण 21 विकेट लेकर उनके दूसरे सर्वश्रेष्ठ विकेट चटकाने वाले गेंदबाज रहे। गंभीर ने फिर नारायण की बल्लेबाजी काबिलियत देखी और उन्हें केकेआर के लिए पारी का आगाज कराया। नारायाण बल्ले से काफी सफल रहे लेकिन गेंद पर भी अपनी पकड़ कायम रखी। लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ पिछले दो सत्र में यही भूमिका निभाने के बाद गंभीर ने कहा कि इस सत्र में केकेआर के लिए उनका मंत्र है कि साहसी बने रहो। 

गंभीर ने कहा, "मेरा मानना है कि सबसे प्रतिभाशाली टीम बड़े टूर्नामेंट नहीं जीतती। बल्कि सबसे साहसिक टीम ही आईपीएल जीतेगी जो अंत तक जूझने को तैयार होगी। इस सत्र का मंत्र यही है कि हमें निडर बने रहने की जरूरत है। हमें हर वक्त सकारात्मक बने रहने का साहस होना चाहिए। और अगर आप इसी रास्ते पर चलोगे तो हमारे ड्रेसिंग रूप में जिस तरह की प्रतिभा है, उसे देखकर मैं काफी उत्साहित हूं। अगर हम लड़ते हैं, साहसी बने रहते हैं तो मुझे लगता है कि हम अच्छी स्थिति में होंगे।" 

गंभीर ने 2014 में उनकी खराब फॉर्म के दौरान टीम के मालिक शाहरूख खान के समर्थन को याद किया। उन्होंने बताया कि शाहरूख ने उन्हें कहा था, "जब तक आप यहां हैं, तब तक आप हार नहीं मानोगे।"  ये शब्द गंभीर के लिए प्रेरणादायी शब्द बन गये और 2014 में उन्होंने खिताब जीता। गंभीर ने कहा,  "मैं चार मैच में एक भी रन नहीं बना सका था। मैं कई दफा कह चुका हूं कि मुझे लगता है कि मैंने जिनके साथ भी काम किया है, वह उनमें से सर्वश्रेष्ठ मालिक हैं। ऐसा नहीं हैं कि मैं अब केकेआर का हिस्सा हूं या इसका हिस्सा था इसलिये ऐसा कह रहा हूं।"

उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि केकेआर की कपतानी के सात वर्षों में हमने सात मिनट के लिए भी क्रिकेट संबंधित बातचीत की हो। बस जब मैं खराब दौर से गुजर रहा था, तभी इस पर बात हुई थी।"  गंभीर ने कहा, "उस समय भी हमने इसलिये बातचीत की थी क्योंकि मैं खुद ही काफी निराश हो रहा था। तभी उन्होंने मुझसे कहा था कि जब तक तुम यहां हों, तुम हार नहीं मानोगे। कल्पना कीजिये ऐसा टीम मालिक जो इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाला हो, क्रिकेट के बारे या आपके फैसलों के बारे में एक बार भी नहीं पूछता हो। मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं कि मैने सभी फैसले सही किये। लेकिन उन्होंने कभी मेरे फैसलों पर सवाल नहीं उठाया। उनका मुझ पर इतना भरोसा था।"

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