Coronavirus Lockdown: कोरोना से दिल्ली में अब तक 12 मौत, गौतम गंभीर ने बंद बढ़ाने की वकालत की

गंभीर ने कहा कि बात करने का वक्त नहीं है और चुनौती विकट है। यह साधन संपन्न लोगों के लिये दूसरों की मदद करने का मौका है।

By भाषा | Published: April 10, 2020 08:52 PM2020-04-10T20:52:23+5:302020-04-10T20:52:23+5:30

Gautam Gambhir bats for extension of coronavirus lockdown period | Coronavirus Lockdown: कोरोना से दिल्ली में अब तक 12 मौत, गौतम गंभीर ने बंद बढ़ाने की वकालत की

Coronavirus Lockdown: कोरोना से दिल्ली में अब तक 12 मौत, गौतम गंभीर ने बंद बढ़ाने की वकालत की

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Highlightsदिल्ली में कोरोना वायरस के अब तक 720 मामले।12 लोग इस संक्रमण से गंवा चुके राष्ट्रीय राजधानी में जान।

पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये लागू किये गए 21 दिन के बंद की अवधि बढ़ाने की वकालत करते हुए कहा कि देश महामारी के फिर से पनपने का जोखिम नहीं उठा सकता।

कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बंद को बढ़ाए जाने की वकालत की है , इसका जिक्र किये जाने पर गंभीर ने कहा कि बंद के खत्म होने पर बड़ी संख्या में लोग बाहर आएंगे और उस वायरस के संपर्क में होंगे जो अभी ही नियंत्रण से परे है, ऐसे में बंद को बढ़ाना बुरा विचार नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिये राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की थी। यह बंद 25 मार्च से शुरू होकर 14 अप्रैल तक चलना है।

गंभीर ने बताया, “हम अभी लड़ाई के बीच में हैं। लोगों की मुश्किलों के बावजूद बंद लागू किया गया और अब एक बार में इसे हटाने से अगर यह और फैलता है तो लोगों द्वारा किया गया सारा त्याग और विभिन्न ऐजेंसियों द्वारा इसे लागू कराने की दिशा में किया गया प्रयास निष्प्रभावी हो जाएगा।”

क्रिकेट से राजनीति में आए गंभीर ने कहा कि यह राजनीति से ऊपर उठकर साथ काम करने और वायरस के प्रसार को रोकने का समय है। उन्होंने महामारी से लड़ने के लिये दिल्ली सरकार को चिकित्सा उपकरण खरीदने के लिये एक करोड़ रुपये दिये हैं। उन्होंने कहा, “यह कमियां निकालने का समय नहीं है, लेकिन मेरा मानना है कि दिल्ली सरकार को कितने लोगों को राशन और खाना मिला इसके आंकड़े जारी करने के बजाय लोगों की मदद पर ध्यान लगाना चाहिए।”

गंभीर ने कहा, “लाखों प्रवासी मजदूर दिल्ली छोड़कर चले गए लेकन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यही कह रहे हैं कि दिल्ली सरकार द्वारा 71 लाख लोगों को राशन उपलब्ध कराया गया और लाखों लोगों को सरकारी केंद्रों से भोजन मिल रहा है। प्रवासी मजदूर दिल्ली छोड़कर नहीं जाते अगर उन्हें लगता कि दिल्ली सरकार उनका ध्यान रखेगी।”

गंभीर ने केजरीवाल सरकार को महामारी से लड़ने के लिये एक करोड़ रुपये की पेशकश की थी जिस पर प्रतिक्रिया करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि समस्या रुपयों की नहीं पीपीई किटों की उपलब्धता की है। इसके बाद गंभीर ने 1,000 पीपीई किट उपलब्ध करवाए थे।

उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली सरकार मांगेगी तो और किट व उपकरण अस्पतालों को उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा, “इन पीपीई किटों की आपूर्ति एलएनजेपी अस्पताल में की गयी जहां इनका इस्तेमाल चिकित्सक और अन्य स्वास्थ्य कर्मी करेंगे। ऐसे विक्रेता हैं जो हजारों पीपीई किट उपलब्ध कराने को तैयार हैं ऐसे में मैं नहीं मानता कि इनकी उपलब्धता कोई मुद्दा है जैसा कि दिल्ली सरकार द्वारा दावा किया जा रहा है।”

गंभीर ने कहा कि बात करने का वक्त नहीं है और चुनौती विकट है। यह साधन संपन्न लोगों के लिये दूसरों की मदद करने का मौका है। उन्होंने कहा कि गौतम गंभीर फाउंडेशन ओएनजीसी, डाइकिन, ली मेरीडियन और डीएस ग्रुप जैसे संगठनों और कॉरपोरेट्स के साथ मिलकर हजारों जरूरतमंद लोगों का खाना और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करा रही है।

उन्होंने दिल्ली सरकार से बांटे जा रहे राशन की गुणवत्ता और आश्रय गृहों की साफ सफाई सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने सरकार से बंद का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने का भी अनुरोध किया। राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के 720 मामले सामने आए हैं जिनमें 12 लोगों की जान भी जा चुकी है।

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