न्यूजीलैंड के इस पूर्व क्रिकेटर ने 68 साल की उम्र में लिया संन्यास, डेब्यू टेस्ट में बाउंसर लगने से रुक गई थी धड़कन

Ewen Chatfield: न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर इविन चैटफील्ड ने 68 साल की उम्र में क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है, चैटफील्ड ने आखिरी इंटरनेशनल मैच 1989 में खेला था

By अभिषेक पाण्डेय | Published: January 27, 2019 03:33 PM2019-01-27T15:33:49+5:302019-01-27T15:36:57+5:30

Former New Zealand fast bowler Ewen Chatfield retires at 68 | न्यूजीलैंड के इस पूर्व क्रिकेटर ने 68 साल की उम्र में लिया संन्यास, डेब्यू टेस्ट में बाउंसर लगने से रुक गई थी धड़कन

न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर इवेन चैटफील्ड ने 68 की उम्र में लिया संन्यास (Pic Credit: Twitter/AaronKlee)

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Highlightsन्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर इवेन चैटफील्ड ने 68 साल की उम्र में लिया संन्यासतेज गेंदबाज रहे चैटफील्ड ने अपने इंटरनेशनल करियर में 43 टेस्ट और 114 वनडे खेलेचैटफील्ड कीअपने डेब्यू टेस्ट में सिर में बाउंसर लगने से दिल की धड़कन रुक गई थी

न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज इवेन चैटफील्ड (Ewen Chatfield), जिन्हें 'नाएने एक्सप्रेस' (Naenae Express) के नाम से जाना जाता है, ने आखिरकार 68 साल की उम्र में संन्यास ले लिया है। चैटफील्ड ने ये फैसला शनिवार को वेलिंगटन स्थित अपने स्थानीय क्लब नाएने ओल्ड बॉयज के लिए खेलते हुए उनकी गेंदबाजी की मैदान के चारों तरफ हुई धुनाई के बाद लिया। 

उन्होंने अपने फैसले के बाद रविवार को न्यूजीलैंड के स्टफ मीडिया से कहा, 'ये बेवकूफाना लग सकता है लेकिन 68 की उम्र में भी मेरा स्तर है और अगर मैं उस स्तर पर नहीं खेल सकता, तो मुझे लगा यही समय है अलविदा कहने का।' 

चैटफील्ड की बेहद किफायती गेंदबाजी और बेहतरीन लाइन और लेंथ की मदद से वह 1980 के दशक में महान तेज गेंदबाज रिचर्ड हैडली के लिए प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरे थे। लेकिन आखिरकार चैटफील्ड को अपनी बैटिंग कौशल की वजह किवी टीम में अपनी जगह बनाने में सफल रहे थे। 

11वें नंबर पर खेलने वाले चैटफील्ड को 1975 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट में आखिरी विकेट के लिए ज्योफ होवार्थ के साथ हुई 44 रन की साझेदारी के दौरान पीटर लेवर की एक बाउंसर सिर में लगी थी।

डेब्यू मैच में खतरनाक बाउंसर से पहुंच गए थे मौत के मुंह में  

इस खतरनाक बाउंसर से चैटफील्ड के सिर में फ्रैक्चर हो गया था और उनकी धड़कने रुक गई थीं। तब इंग्लैंड टीम के फिजियोथेरेपिस्ट बर्नार्ड थॉमस ने सीपीआर का प्रयोग करते हुए उनकी जान बचाई थी। इस घटना ने टेलऐंडर्स को बाउंसर फेंकने के नियम को लेकर बहस छेड़ दी थी।

चैटफील्ड ने साथ ही 1985 में जेरेमी कोनी की टीम को पाकिस्तान के खिलाफ तीसरा टेस्ट जिताने में मदद की थी। चैटफील्ड ने उस समय आखिरी विकेट के लिए 50 रन की मैच जिताऊ साझेदारी करते हुए 21 रन की पारी खेली थी, जब लांस केर्न्स एक बाउंसर लगने के बाद घायल होकर अस्पताल पहुंच गए थे।

अपने करियर में 43 टेस्ट और 114 वनडे खेले चैटफील्ड

3 जुलाई 1950 को जन्मे इवेन चैटफील्ड ने 20 फरवरी 1975 को इंग्लैंड के खिलाफ ऑकलैंड में अपना टेस्ट डेब्यू और 16 जून 1979 को वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था। उन्होंने न्यूजीलैंड के लिए 43 टेस्ट में 123 विकेट लिए जबकि 114 वनडे में 140 विकेट लिए। उन्होंने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच 24 फरवरी 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ ऑकलैंड टेस्ट के रूप में खेला था।

चैटफील्ड का सपना अपने रिटायर होने से पहले एक शतक जड़ने का था लेकिन क्लब क्रिकेट में उनका उच्चतम स्कोर 50 का रहा। अपनी आखिरी पारी में तो वह गोल्डन डक पर आउट हुए। हालांकि उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि इसकी खबर बने।

लेकिन चैटफील्ड ने अपने करियर के समापन को लेकर एक मजेदार हेडलाइन जरूर सुझाई और कहा, 'द नाएने एक्सप्रेस का ईंधन खत्म हुआ', 'ऐसे शीर्षक पर मैं ऐतराज नहीं करूंगा।'

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