Highlightsधोनी के संन्यास पर पूर्व फील्डिंग कोच का खुलासाआर श्रीधर ने अपनी किताब किया धोनी के संन्यास का जिक्रलिखा- उन्हें और पंत को धोनी के संन्यास के बारे में पता था
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। अब टीम इंडिया के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने धोनी के सन्यास को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। श्रीधर ने अपनी किताब 'कोचिंग बियॉन्ड- माई डेज विद द इंडियन क्रिकेट टीम' में कहानी साझा करते हुए लिखा है कि उन्हें और ऋषभ पंत को धोनी के सन्यास के बारे में पहले से ही पता था।
अपनी किताब में श्रीधर ने लिखा है कि मैनचेस्टर में न्यूजीलैंड के खिलाफ हमारे विश्व कप सेमीफाइनल मैच में रिजर्व डे की सुबह ब्रेकफास्ट हॉल में जब एमएस और ऋषभ अंदर आए तो मैं अपनी कॉफी पी रहा था। न्यूजीलैंड के पास बल्लेबाजी करने के लिए केवल कुछ ओवर थे और हम इसके बाद अपनी पारी शुरू करने वाले थे। इसलिए मैच काफी जल्दी खत्म होने वाला था। ऋषभ ने एमएस से कहा- भैया, कुछ लोग आज ही लंदन जाने की योजना बना रहे हैं। क्या आप भी चलेंगे? एमएस ने जवाब दिया- नहीं, ऋषभ, मैं टीम के साथ अपनी आखिरी बस ड्राइव को मिस नहीं करना चाहता।
टीम इंडिया के पूर्व फील्डिंग कोच ने आगे लिखा है कि उन्होंने धोनी के लिए सम्मान की वजह से कभी किसी को ये बात नहीं बताई। यहां तक कि रवि शास्त्री और मेरी पत्नी को भी नहीं। श्रीधर ने अपनी किताब में लिखा है कि धोनी ने उन पर विश्वास के कारण ही ये बातचीत उनके सामने की थी इसलिए वह अपना मुंह नहीं खोल सकते थे।
बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने साल 2007 में टी20 विश्व कप,साल 2011 में वनडे विश्वकप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। टेस्ट में अपनी कप्तानी के दौरान धोनी ने आईसीसी के पुरस्कार स्वरूप दो बार गदा भी हासिल की। वह दुनिया के इकलौते कप्तान हैं जिन्होंने आईससीसी की तीन ट्राफियां अपने नाम की हैं।
धोनी ने वनडे क्रिकेट में विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है। साल 2005 में श्रीलंका के खिलाफ धोनी ने 183 रनों की पारी खेली थी जिसमें उन्होंने 15 चौके और 10 छक्के लगाए थे। महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे क्रिकेट के इतिहास में सबसे कम पारियों में आईसीसी रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंचने का कारनामा किया था। उन्होंने अपने डेब्यू के बाद सिर्फ 42 पारियों में ही वनडे रैंकिंग में पहले स्थान पर कब्जा जमा लिया था।