IPL 2020: टाइटल स्पॉन्सरशिप अधिकार हासिल करने के लिए 'अनअकैडमी' लगाएगी बोली

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि ‘अनअकैडमी’ ने बोली लगाने के लिये फॉर्म लिया है लेकिन इसके आगे कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया...

By भाषा | Published: August 12, 2020 05:33 PM2020-08-12T17:33:56+5:302020-08-12T17:33:56+5:30

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IPL 2020: टाइटल स्पॉन्सरशिप अधिकार हासिल करने के लिए 'अनअकैडमी' लगाएगी बोली

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शिक्षा प्रोद्यौगिकी कंपनी ‘अनअकैडमी’ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के प्रायोजकों में से एक है और अब उसकी निगाहें लीग के टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल करने पर लगी हैं और वह इस साल चीनी मोबाइल फोन कंपनी वीवो की जगह लेने के लिये अपनी बोली सौंपने को तैयार है।

सीनियर अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘‘मैं यह पुष्टि कर सकता हूं कि ‘अनअकैडमी’ ने दिलचस्पी दिखायी है और बोली लगाने के लिये पेपर लिये हैं। मैंने सुना है कि वे बोली सौंपेंगे और इस बारे में गंभीर हैं। इसलिये पंतजलि अगर बोली लगाता है तो उसे प्रतिस्पर्धा मिलेगी।’’

भारत और चीन की सीमा पर सैनिकों के बीच हुई भिंड़त के कारण इस साल वीवो ने टाइटल प्रायोजन अधिकार से हटने का फैसला किया जो सालाना 440 करोड़ रूपये देता था। बीसीसीआई अब चार महीने 13 दिन के लिये इससे कम कीमत - 300 से 350 करोड़ के बीच- के करार के लिये कंपनी ढूंढ रहा है। अधिकारी ने कहा कि ‘अनअकैडमी’ आईपीएल के केंद्रीय प्रायोजन पूल का हिस्सा है जिसमें अन्य कंपनी जैसे ड्रीम11 और पेटीएम शामिल हैं।

बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘‘हां, ‘अनअकैडमी’ 2020 से 2023 तक आईपीएल के केंद्रीय प्रायोजन पूल में शामिल है। ’’ यह पूछने पर कि केंद्रीय प्रायोजन और टाइटल प्रायोजन में क्या अंतर है तो अधिकारी ने कहा, ‘‘केंद्रीय प्रायोजन में जर्सी अधिकार शामिल नहीं होते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आईपीएल में, जर्सी ‘लोगो’ सिर्फ टाइटल प्रायोजक का ही हो सकता है, भले ही टीम के विभिन्न प्रायोजक हों। अगर वे टाइटल प्रायोजक बन गये तो इससे उन्हें विभिन्न ब्रांडिंग चीजों पर अधिकार मिल जायेंगे।’’

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