राहुल द्रविड़ ने खोला राज, बताई धोनी की बैटिंग की वो सबसे बड़ी खासियत, जो उनमें कभी नहीं थी

Rahul Dravid, MS Dhoni: राहुल द्रविड़ ने स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी की बैटिंग की तारीफ करते हुए कहा कि वह मैच के अंत में परिणाम की परवाह किए बिना खेलते थे

By अभिषेक पाण्डेय | Published: June 10, 2020 03:43 PM2020-06-10T15:43:36+5:302020-06-10T15:46:22+5:30

Dhoni Plays Towards End Of Match Like Results Does not Matter To Him: Rahul Dravid | राहुल द्रविड़ ने खोला राज, बताई धोनी की बैटिंग की वो सबसे बड़ी खासियत, जो उनमें कभी नहीं थी

द्रविड़ ने की धोनी की मैच फिनिश करने की क्षमता की तारीफ (BCCI)

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Highlightsधोनी मैच के अंत में ऐसे खेलते हैं जैसे परिणाम उनके लिए नहीं मायने नहीं रखता: द्रविड़ ये एक ऐसा कौशल है जो मेरे पास कभी नहीं था। किसी भी फैसले का परिणाम मेरे लिए मायने रखता था: द्रविड़

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने मैच के अंत के दौरान एमएस धोनी की बैटिंग की तारीफ करते हुए कहा कि ये विकेटकीपर बल्लेबाज उस दौरान अक्सर ऐसे खेला जैसे परिणाम उसके लिए मायने नहीं रखता। द्रविड़ ने ये भी कहा कि प्रशेर-कूकर स्थिति में परिणाम की चिंता नहीं करने से खिलाड़ी को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में मदद मिलती है।   

द्रविड़ ने ईएसपीएनक्रिकइंफों के लिए संजय मांजरेकर द्वारा होस्ट वीडियोकास्ट में कहा, 'आप धोनी को मैच के अंत के दौरान खेलते देखिए, जब वह अपने शबाब पर थे, आपको हमेशा ऐसा लगेगा कि वह अपने लिए कुछ बहुत खास कर रहे हैं लेकिन वह ऐसे खेल रहे हैं जैसे परिणाम उनके लिए नहीं मायने नहीं रखता।' 

द्रविड़ ने कहा, 'धोनी से पूछना होगा कि दबाव में न घबराने की आदत नैसर्गिक है क्या?'

द्रविड़ ने कहा, 'मेरे ख्याल से आपके अंदर वैसा होने के लिए आपको ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है। ये एक ऐसा कौशल है जो मेरे पास कभी नहीं था। किसी भी फैसले का परिणाम मेरे लिए मायने रखता था। एमएस धोनी से ये पूछना रोचक होगा कि ये उनमें नैसर्गिक तौर पर आया या उन्होंने इस पर अपने करियर के दौरान काम किया।'

द्रविड़ ने कहा कि दबाव के क्षणों में धोनी जैसी कूल रहने का कौशल उनमें नहीं था (File Photo)
द्रविड़ ने कहा कि दबाव के क्षणों में धोनी जैसी कूल रहने का कौशल उनमें नहीं था (File Photo)

धोनी ने अपना वनडे डेब्यू बांग्लादेश के खिलाफ 2004 में किया था, लेकिन उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी असली पहचान 2005 में छह वनडे मैचों की सीरीज के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ विशाखापत्तनम में खेले गए दूसरे वनडे के दौरान 148 रन की जोरदार पारी खेलते हुए बनाई थी। 

आईसीसी के सभी बड़े टूर्नामेंट जीतने वाले धोनी दुनिया के एकमात्र कप्तान

वह आईसीसी के सभी बड़े टूर्नामेंट (50 ओवर वर्ल्ड कप, टी20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी) जीतने वाले दुनिया के एकमात्र कप्तान हैं, उनकी कप्तानी में भारत टेस्ट रैंकिंग में नंबर पर पहुंचा।

उन्होंने सबसे पहले भारत की कम अनुभवी टीम को अपनी कप्तानी में 2007 का टी20 वर्ल्ड कप जिताया था। इसके बाद उन्होंने वनडे की कमान संभाली और फिर अनिल कुंबले के रिटायरमेंट के बाद टेस्ट टीम के कप्तान बने। दिसंबर 2014 में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था, उसके बाद जनवरी 2017 में उन्होंने सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ी थी, जो विराट कोहली को मिली थी।

एमएस धोनी को क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ फिनिशरों में से गिना जाता है (File Photo)
एमएस धोनी को क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ फिनिशरों में से गिना जाता है (File Photo)

अपने करियर के दौरान धोनी लक्ष्य का पीछा करते हुए मैचों को जिताने के लिए चर्चित रहे हैं और इसीलिए उन्हें क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर में से गिना जाता है।

धोनी भारत के लिए आखिरी बार 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में खेले थे। उन्हें आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स की कप्तानी करते हुए वापसी करनी थी, लेकिन ये टी20 लीग कोरोना वायरस की वजह से अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है।

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