कोरोना संकट के बीच हो पाएगा महिला वनडे वर्ल्ड कप? न्यूजीलैंड क्रिकेट ने कहा, 'फैसला दो हफ्ते में'

New Zealand Cricket: न्यूजीलैंड क्रिकेट प्रमुख ग्रेग बार्कल ने कहा है कि कोरोना संकट के बीच महिला वनडे वर्ल्ड कप के 2021 में आयोजन पर दो हफ्ते में फैसला होना की बात कही है

By भाषा | Published: July 21, 2020 12:20 PM2020-07-21T12:20:12+5:302020-07-21T12:20:12+5:30

Decision on Women's ODI World Cup in Two Weeks, Says NZ Cricket | कोरोना संकट के बीच हो पाएगा महिला वनडे वर्ल्ड कप? न्यूजीलैंड क्रिकेट ने कहा, 'फैसला दो हफ्ते में'

आईसीसी वीमेंस वर्ल्ड कप का आयोजन फरवरी-मार्च में न्यूजीलैंड में होना है (ICC)

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Highlightsमहिला वनडे वर्ल्ड कप का आयोजन 6 फरवरी से 7 मार्च तक न्यूजीलैंड में होगाआईसीसी ने कोरोना संकट को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया में इस साल होने वाला टी20 वर्ल्ड कप टाला

वेलिंगटन: न्यूजीलैंड क्रिकेट (एनजेडसी) के अध्यक्ष ग्रेग बार्कले ने कहा है कि 2021 महिला विश्व कप के भविष्य पर फैसला अगले दो हफ्ते में किया जाएगा।

बार्कले का बयान सोमवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की इस टिप्पणी के बाद आया है कि कोरोना वायरस महामारी के खतरे के बावजूद न्यूजीलैंड में छह फरवरी से सात मार्च तक होने वाली इस प्रतियोगिता के कार्यक्रम में अभी बदलाव नहीं किया गया है।

आईसीसी को हालांकि अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले पुरुष टी20 विश्व कप को स्थगित करने को बाध्य होना पड़ा है। बार्कले ने रेडियो न्यूजीलैंड से कहा, ‘‘यह फैसला (एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप पर) अगले दो हफ्ते में किया जाएगा।’’

न्यूजीलैंड में कोरोना का कहर नहीं, पर महिला वर्ल्ड का आयोजन है चुनौतीपूर्ण

उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि अगर इस प्रतियोगिता को स्थगित करने की जरूरत है तो बेशक समय से पता चल जाए तो बेहतर है और इसी तरह अगर प्रतियोगिता का आयोजन होना है तो हमें अंतिम फैसला करने की जरूरत है जिससे कि हम फरवरी में शानदार विश्व स्तरीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए जरूरी संसाधन जुटा सकें।’’

न्यूजीलैंड इस महामारी से सबसे कम प्रभावित देशों में शामिल है लेकिन वहां और दुनिया भर में यात्रा पाबंदियां परेशानियां पैदा कर सकती हैं।

बार्कले ने कहा, ‘‘टीमें दुनिया भर में यात्रा कैसे करेंगी, उन्हें अन्य देशों से होकर आना होगा और इसके नतीजे क्या होंगे?’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा उन्हें पृथकवास से जुड़ी पाबंदियों से गुजारना होगा और इन सभी चीजों पर खर्चा होता है और इसमें बजट से जुड़ी सीमाएं भी हैं।’’ 

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